भदैंया ग्राम में अपने कच्चे घर के सामने परिवार के साथ खड़े कृषक शिवपूजन का निकास/निस्तार फोटो के अनुसार बाईं तरफ से रहा है जहां अब चबूतरा बन चुका है जबकि घर के सामने की रिक्त भूमि (जहां वह खड़े हैं) दूसरे के स्वामित्व की है।
* अजयगढ़ तहसील के मण्डल धरमपुर के दूरस्थ ग्राम भदैंया का मामला
* शिकायत करने के बावजूद पुलिस के द्वारा दबंग के खिलाफ नहीं की गई कार्यवाही
पन्ना। (www.radarnews.in) धन-बल और ऊंची पहुंच के गुमान में रहने वाले लोग खुद को अक्सर नियम-कानून से ऊपर समझने लगते हैं। ऐसे लोग निहित स्वार्थ पूर्ती के लिए खुलकर मनमानी कर न सिर्फ व्यवस्था को चुनौती देते हैं बल्कि दूसरों के लिए परेशानी का सबब भी बन जाते हैं। जिले के सीमावर्ती दूरस्थ ग्राम भदैंया में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जहां एक दबंग ने एसडीएम कोर्ट के स्टे आर्डर (स्थगन आदेश) का उल्लंघन करते हुए अवैध निर्माण कार्य कराकर अपने पड़ोसी का रास्ता ही बंद कर दिया। प्रभावित गरीब किसान शिवपूजन पाण्डेय के द्वारा नरदहा पुलिस चौकी में आवेदन पत्र देकर कोर्ट के आदेश की अवहेलना के मामले में कार्यवाही की मांग की गई। लेकिन, पुलिस ने हस्तक्षेप करना उचित नहीं समझा। जिससे निराश होकर किसान शिवपूजन ने न्यायालय अनुविभागीय दण्डाधिकारी अजयगढ़ से कार्यवाही की गुहार लगाई है।
उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे ग्राम भदैंया की आराजी नम्बर-159 आबादी भूमि के जुज रकबा 25х100 वर्गफुट भूखण्ड को शिवपूजन पाण्डेय के द्वारा रामस्वरूप पाण्डेय से खरीदा गया था। इस पर बने कच्चे मकान में कृषक शिवपूजन अपने परिवार सहित निवास करता है। बगल में रहने वाले दबंग सीताशण दुबे ने लगभग तीन वर्ष पूर्व अपने मकान के पिछले हिस्से का निर्माण कार्य कराते हुए जबरन पड़ोसी शिवपूजन पाण्डेय की तरफ दरवाजा-खिड़की खोल दी। इतना ही नहीं सुनियोजित तरीके से पड़ोसी के निकास/निस्तार की भूमि पर अवैध कब्ज़ा करने की मंशा से सीताशण ने अपने नवनिर्मित दरवाजे के सामने ईंटें लगाकर चबूतरे का निर्माण कार्य शुरू कर दिया और फिर उसे ही निस्तार के लिए मना करने लगा। निस्तार बाधित होने से परेशान गरीब किसान के द्वारा न्यायालय अनुविभागीय दण्डाधिकारी अजयगढ़ की शरण लेते अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्रकरण प्रस्तुत किया गया।
एसडीएम कोर्ट ने मामले की सुनवाई उपरांत दिनांक 5 जुलाई 2018 को शिवपूजन पाण्डेय के पक्ष में स्थगन आदेश (स्टे आर्डर) जारी किया था। जिसमें अनावेदक सीताशण दुबे को न्यायालय के द्वारा स्पष्ट तौर पर आदेशित किया गया था कि वह उसके कब्जे में किसी भी प्रकार का व्यवधान पैदा न करे। कोरोना काल में यह प्रकरण स्थगित रहा। इधर, न्यायालय के द्वारा तहसीलदार के माध्यम से स्थल का निरीक्षण प्रतिवेदन माँगा गया था जोकि 3 नवम्बर 2021 तक की स्थिति में नायब तहसीलदार मण्डल धरमपुर ने न तो स्थल का निरीक्षण किया और ना ही प्रतिवेदन न्यायालय को भेजा गया। इस मौके का फायदा उठाकर सीताशण ने पड़ोसी शिवपूजन के कब्जे में दिन-प्रतिदिन व्यवधान उत्पन्न करते हुए जबरदस्ती पुनः चबूतरे का निर्माण शुरू कर दिया।
न्यायालय के स्टे आर्डर की अवहेलना कर चबूतरे का निर्माण कार्य करने की शिकायत पीड़ित किसान के द्वारा नरदहा पुलिस चौकी में की गई। लेकिन इस मामले में चौकी पुलिस ने उदासीनता बरतते हुए कोई कार्यवाही नहीं की। पुलिस के रवैये से हताश-निराश कृषक शिवपूजन पाण्डेय ने पुनः न्यायालय अनुविभागीय दण्डाधिकारी अजयगढ़ की शरण ली है। उन्होंने न्यायालय से स्टे आर्डर की अवहेलना के मामले में सीताशण दुबे पुत्र मातादीन दुबे के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करने हेतु पुलिस थाना धरमपुर चौकी नरदहा को आदेशित करने की गुहार लगाई है। उल्लेखनीय अवैध कब्ज़ा कर बनाए गए चबूतरे के कारण गरीब किसान के सामने विकट समस्या उत्पन्न हो गई है। उसका निकास और निस्तार बाधित हो गया है। मौके पर स्थिति यह है कि, वृद्ध शिवपूजन को स्वयं के घर आने-जाने में कठिनाई हो रही है और अपने पालतू मवेशियों को उसे दूसरों के स्वामित्व की आराजी में बांधना पड़ रहा है।
इनका कहना है-
“प्रकरण फिलहाल मेरे संज्ञान में नहीं है, अगर आवेदक ने स्टे आर्डर के उल्लंघन संबंधी आवेदन पत्र दिया है तो उसकी जांच कराकर निश्चित ही अनावेदक के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।”