कांग्रेस ने अनिल पर चलाया अनुशासन का डंडा | तत्काल प्रभाव से किया निष्कासित

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सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने पवई विधायक मुकेश नायक के खिलाफ नारेबाजी करते अनिल तिवारी समर्थक।

मुकेश नायक को पुनः प्रत्याशी घोषित करने पर सिंधिया का काफिला रोककर किया था विरोध

विधानसभा चुनाव से पहले पन्ना जिले की पवई सीट पर बढ़ने लगा सियासी घमासान

पन्ना रडार न्यूज    मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की पवई विधानसभा सीट से कांग्रेस के वर्तमान विधायक मुकेश नायक को परिवर्तन यात्रा की सभा में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा मंच से पुनः प्रत्याशी घोषित के ऐलान के खिलाफ सड़क पर उतरकर उन्हीं के सामने खुलकर विरोध करना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव अनिल तिवारी को काफी महंगा पड़ा है। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उन्हें बार-बार अनुशासनहीनता का व्यव्हार करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया है। अनिल के निष्कासन की खबर आने से उनके समर्थक जहां नाराज है वहीं पवई में सियासी हलचल एक बार फिर बढ़ गई है। कांग्रेस के खेमे में मचे इस घमासान का विधानसभा चुनाव पर क्या असर पड़ता है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। बहरहाल इतना तय कि  मुकेश नायक यदि कांग्रेस की और से चुनावी समर में उतरते हैं तो उन्हें दूसरे दलों के प्रत्याशियों के साथ-साथ अपनों की चुनौती का भी सामना करना पड़ेगा।

सोशल मीडिया पर चला रहे थे अभियान

सांकेतिक फोटो।

पूर्व जिला पंचायत सदस्य अनिल तिवारी को निष्कासित किये जाने के संबंध में प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर के हस्ताक्षर से मंगलवार 11 सितम्बर 2018 को पत्र जारी किया गया है, जिसमें में उल्लेख है कि- “आपके द्वारा बार-बार अनुशासनहीनता का व्यव्हार करने के कारण प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा आपको अपना स्पष्टीकरण 7 दिवस के अंदर प्रेषित करने के लिए निर्देशित किया गया था। आपका स्पष्टीकरण आज तक प्राप्त नहीं हुआ है। अतः आपके अनुशासनहीन व्यव्हार के कारण प्रदेश कांग्रेस द्वारा तत्काल प्रभाव से निष्कासित किया जाता है।” निष्कासन कब तक के लिए किया गया है पत्र में इसका कहीं भी उल्लेख नहीं है। अनिल पर अनुशासन का डंडा चलाने की पृष्ठभूमि में भले ही अन्य मामले रहे हों पर इस कार्रवाई के केंद्र में पिछले दिनों मुकेश नायक के खिलाफ किया गया बहुचर्चित प्रदर्शन ही है। जोकि खबरिया चैनलों और सोशल मीडिया में अब तक सुर्खियों में रहा है। उल्लेखनीय है कि पूर्व जिला पंचायत सदस्य अनिल तिवारी सोशल मीडिया में लम्बे समय से पवई विधायक मुकेश नायक के खिलाफ अभियान चलाते हुए लगातार जनता से की गई उनकी वादाखिलाफी, क्षेत्र में कई लोगों के साथ विधायक द्वारा की गई अभद्रता, पवई विधानसभा की बदहाली, मुकेश की वैचारिक प्रतिबद्धता और जनभावनाओं के उभार के मद्देनजर क्षेत्रीय व्यक्ति को टिकिट देने सहित अन्य मसलों पर बेहद सख्त और अमर्यादित टिप्पणी करते रहे हैं। जिसके चलते पूर्व में उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा अनुशासनहीनता करने के आरोप में नोटिस जारी किया गया था।

मुकेश के खिलाफ जमकर की थी नारेबाजी

विधायक मुकेश नायक का हाथ उठाकर उन्हें आगामी चुनाव प्रचंड बहुमत से विजयी बनाने की अपील करते सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया।

धुर विरोधी माने-जाने वाले मुकेश नायक और अनिल तिवारी के बीच जारी घमासान पिछले दिनों 5 सितम्बर को तब चरम पहुँच गया जब मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी चुनाव अभियान समिति प्रमुख एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सत्ता परिवर्तन यात्रा के तहत पवई में आयोजित आमसभा को संबोधित करते हुए उपस्थित लोगों से मौजूदा विधायक मुकेश नायक को आगामी चुनाव में 50 हजार मतों के अंतर से विजयी बनाने अपील कर उन्हें पुनः प्रत्याशी घोषित कर दिया। सिंधिया ने मंच से मुकेश के नाम की घोषणा ऐसे समय पर की जब वहां सर्वदलीय संघर्ष समिति के तत्वाधान में पवई विधानसभा क्षेत्र के सभी दलों के नेतागण क्षेत्रीय अस्मिता को नेतृत्व के मुद्दे से जोड़कर पार्टियों से क्षेत्रीय व्यक्ति को प्रत्याशी बनाने का अभियान जोर-शोर से चला रहे हैं। ऐसे में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के मंच से मुकेश नायक को प्रत्याशी घोषित करने के महज एक घंटे बाद ही इस फैसले का कड़ा विरोध शुरू हो गया था। पवई से सिंधिया जब कटनी जा रहे थे तभी रास्ते में शाहनगर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव अनिल तिवारी और उनके समर्थकों ने सिंधिया का काफिला रोककर मुकेश नायक भगाओ, पवई बचाओ के नारे लगाए थे। इस घटनाक्रम से असहज सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदर्शनकारियों को समझाते प्रदेश कांग्रेस कमेटी के समक्ष अपना पक्ष सही तरीके से रखने की बात कही थी। सिंधिया के सामने ही उनकी घोषणा पर इस तरह खुलेआम कड़ा विरोध दर्ज कराने के बाद से ही अनिल तिवारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होना तय माना जा रहा था। बताते चलें कि पवई सीट से अनिल तिवारी स्वयं टिकिट के लिए दावेदारी करते रहे हैं । इसके अलावा रावेन्द्र प्रताप सिंह, भुवन सिंह,अरुण पाल सिंह बुंदेला, गिरधारी लोधी, मुन्ना राजा सिमरा, रामनरेश दुबे, प्रहलाद लोधी, राजाराम लोधी, आशीष खरे टिकिट के दावेदार होने के साथ-साथ पवई विधायक मुकेश नायक के खुले विरोधी माने जाते हैं।

पार्टी के फैसले पर छलका दर्द

कांग्रेस नेता अनिल तिवारी।

कांग्रेस नेता अनिल तिवारी से निष्कासन के संबंध में जब उनकी प्रतिक्रिया पूँछी गई तो पार्टी के फैसले पर उनका दर्द सधे शब्दों में छलक उठा। उन्होंने रडार न्यूज से बात करते हुए कहा कि- पूर्व में पीसीसी ने नोटिस नहीं भेजा इसकी जानकारी मुझे समाचार पत्र के माध्यम से लगी थी। पवई में मुकेश नायक के भारी विरोध और क्षेत्रीय प्रत्याशी की मांग को लेकर जनभावनाओं से पार्टी नेताओं को अवगत कराया था। जब हमारी बात नहीं सुनी गई तो पवई सीट को बचाने के लिए हमें प्रदर्शन करना पड़ा। जनाकांक्षाओं के उभार को देखते हुए क्षेत्रीय प्रत्याशी की मांग करना यदि गुनाह है तो मैं दोषी हूँ और लिए कोई भी सजा भुगतने के लिए तैयार हूँ । पार्टी ने निष्कासित करके मुझे आगामी चुनाव में कटनी और पन्ना जिले में अपनी मर्जी के मुताबिक काम करने के लिए स्वतंत्र कर दिया है। मैं इस निष्कासन को समाप्त कराने के लिए किसी से याचना करने वालों में नहीं हूँ। दुख सिर्फ इस बात का है कि पार्टी ने आज एक दल-बदलू बहरूपिये को महत्व देकर अपने निष्ठावान और समर्पित कार्यकर्ता को घोर उपेक्षित किया है। मुकेश नायक वही व्यक्ति है जो अजय भारत पार्टी और भारतीय जनशक्ति पार्टी में रहते हुए कांग्रेस के नेताओं को जी भरकर कोसता था। मौजूदा विधायक के नाते पवई से इस बार भी यदि मुकेश को प्रत्याशी बनाया गया तो उसकी हार सुनिश्चित है।