हल्ला बोल प्रदर्शन से कांग्रेस नेता श्रीकांत ने किया शक्ति प्रदर्शन

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पन्ना में आयोजित हल्ला बोल प्रदर्शन में जुटे कांग्रेस कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते हुए।

   विशाल रैली निकालकर राज्यपाल के नाम सौंपा 21 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन

    खनिज मंत्री का नाम लिए बगैर हमला बोलते हुए कहा- “केन नदी की रेत किसके इशारे पर लूट रही है यह सबको पता है “

पन्ना। (www.radarnews.in) जिला मुख्यालय में गुरुवार 12 जनवरी कांग्रेस का विधानसभा स्तरीय हल्ला बोल कार्यक्रम पीसीसी मेम्बर श्रीकान्त पप्पू दीक्षित के संयोजन में आयोजित हुआ। आगामी विधानसभा चुनाव में पन्ना विधानसभा सीट से टिकिट की चाहत रखने वाले श्रीकान्त पप्पू द्वारा हल्ला बोल प्रदर्शन के जरिए अपना शक्ति प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में पन्ना विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण व कस्बाई क्षेत्रों से आये सैंकड़ों लोगों ने स्थानीय राजेन्द्र उद्यान से रैली निकाली तथा कलेक्ट्रेट पहुंचकर राज्यपाल को सम्बोधित 21 सूत्रीय ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया। आयोजित हल्ला बोल रैली में पन्ना जिला प्रभारी सम्मति सैनी व सह प्रभारी प्रवीण खरे विशेष रूप से मौजूद रहे। कांग्रेस की विशाल हल्ला बोल रैली में जुटे कांग्रेस पदाधिकारी-कार्यकर्त्ताओं ने जहां एक साथ विधानसभा फतह का संकल्प लिया, वहीं जनसैलाब इस तरह से उमड़ा कि शहर के चप्पे-चप्पे पर कांग्रेसी नेतागण नजर आ रहे थे। दोपहर लगभग साढ़़े 12 बजे राजेन्द्र उद्यान से निकली रैली में जहां आगे-आगे युवा कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं की बाईक रैली थी, वहीं सैंकड़ों की संख्या में पैदल मार्च करते हुए इन्द्रपुरी कॉलोनी पहुंचे। जहां कलेक्ट्रेट के सामने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने रैली को सम्बोधित किया।

पन्ना में बारी ही खेत को खा रही है – पप्पू

पन्ना के राजेन्द्र उद्यान से पैदल मार्च निकालकर नवीन कलेक्ट्रेट जाते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सैलाब।
श्रीकान्त पप्पू दीक्षित ने जहां पन्ना विधानसभा के गांव-गांव से आये कांग्रेस पदाधिकारियों-कार्यकर्त्ताओं एवं आमजन का स्वागत करते हुए आभार जताया, वहीं अपने उद्बोधन में कैबिनेट मंत्री व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पन्ना विधानसभा से दो-दो नेता सत्ता व संगठन में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इसके बावजूद पन्ना जिला विकास की बाट जोह रहा है, इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा। श्री दीक्षित ने कहा कि केन नदी से रेत का अवैध उत्खनन जारी है और सभी जानते हैं कि यह सब किसके इशारे पर हो रहा है, इसे रोकने वाला कोई नहीं है। जब खेत को बारी ही खाने लगे तो फिर खेत को कौन बचाये, जैसे हालात नजर आ रहे हैं। रैली का समापन राज्यपाल को सम्बोधित 21 सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम पन्ना को सौंपने के साथ ही हुआ।

इनकी रही उपस्थिति

हल्ला बोल रैली में शामिल प्रमुख लोगों में जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष श्रीमती शारदा पाठक, पूर्व अध्यक्ष भास्कर देव बुन्देला, विधायक शिवदयाल बागरी, डॉ. घनश्याम शर्मा, रवीन्द्र शुक्ला, वीरेन्द्र द्विवेदी, पवन जैन, शिवजीत सिंह, कार्यवाहक जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनीष खान, संजय पटेल, दीपक दास, दीपक तिवारी, ब्लाक अध्यक्ष राकेश गर्ग, शंकर प्रसाद द्विवेदी, अक्षय तिवारी, युवक कांग्रेस अध्यक्ष स्वतंत्र अवस्थी, शशिकान्त दीक्षित, मुरारी लाल थापक, मनीष मिश्रा, सुखदेव मिश्रा, राजेश तिवारी, कमलेश रावत, राम बहादुर द्विवेदी, डी.के. दुबे, रामगोपाल तिवारी, अनिल सक्सेना, सुभाष जैन, कम्मू गुप्ता, मनोज सेन पार्षद रेहान मोहम्मद, नत्थू सेन, वैभव थापक, रितुराज दीक्षित, सौरभ पटैरिया, रवि तिवारी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी-कार्यकर्त्ता मौजूद रहे।

ज्ञापन के प्रमुख मुद्दे

मध्यप्रदेश के राज्यपाल के नाम पन्ना कलेक्टर के प्रतिनिधि एसडीएम सत्यनारायण दर्रो को ज्ञापन सौंपते हुए कांग्रेस नेता।
ज्ञापन में जिन बिन्दुओं को उठाया गया उनमें प्रमुख रूप से बिजली की समस्या, बंगाली समाज की समस्याओं का निराकरण, रूंझ डेम के प्रभावितों को मुआवजा मिले पुलिस में फर्जी आपराधिक प्रकरण में रोक लग, स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल, उथली हीरा खदानें चालू हों, जंगली जानवरों से बचाई जाएं फसलें, वन्य जीवों से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति, राजस्व-वन भूमि विवाद का निराकरण, इंजीनियरिंग कॉलेज एवं कृषि महाविद्यालय संचालित हों, जुगल किशोर मंदिर कॉरीडोर का निर्माण, पेयजल समस्या का स्थाई समाधान, डायमंड पार्क का निर्माण, लोकपाल सागर से किसानों को मिले सिंचाई का पानी, 132 केवी लाइन के खम्भे अनाधिकृत रूप से लगाये जाने के संबंध में, वन व्यवस्थापन के अंतर्गत दिये गये पट्टों को कम्प्यूटर में कराया जाये दर्ज, मतदाता सूची में बीएलओ द्वारा नाम न जोड़ने के संबंध में, नहरों के निर्माण की मांग, किसानों को सुलभ हो खाद-बीज, जल जीवन मिशन के तहत हुए कार्यों की जांच हो। रेत के अवैध उत्खनन पर रोक लगे जैसे मुद्दे प्रमुखता से शामिल हैं।