निकाय चुनाव टलने पर कांग्रेस नेता केके मिश्रा का तंज : बीजेपी का अनुषांगिक संगठन बन गया है “कोरोना”

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केके मिश्रा, कोंग्रेस नेता।

* झंझावातों में उलझे सत्ताधारी दल को सता रहा है लोगों की नाराजगी डर !

भोपाल। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक बार फिर टाल दिए गए हैं। प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में शनिवार को आदेश जारी किया है। स्थानीय निकाय चुनावों पर अब 20 फरवरी 2021 के बाद फैसला लिया जाएगा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव एवं नगरीय निकायों के चुनाव तीन माह के लिए स्थगित किए जाने पर विपक्ष के नेता और एक्टिविस्ट सवाल उठा रहे हैं।
कोंग्रेस के वरिष्ठ नेता केके मिश्रा ने इसे लेकर प्रदेश की शिवराज सरकार और सत्ताधारी दल बीजेपी पर तंज कसा है। उन्होंने रडार न्यूज़ से मोबाइल पर चर्चा में कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण (कोविड-19) भारतीय जनता पार्टी का अनुषांगिक संगठन बन गया है। अपनी सुविधानुसार बीजेपी इस महामारी (कोरोना संक्रमण) के डर का इस्तेमाल कर रही है।
मिश्रा के अनुसार मध्य प्रदेश में बीजेपी और उसकी सरकार वर्तमान में कई झंझावातों से उलझी है। जिसमें खींचतान के कारण शिवराज सरकार के मंत्रिमण्डल का विस्तार न हो पाना, भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी अब घोषित न होना और ज्योतिरादित्य सिंधिया की ब्लैकमेलिंग सत्ता-संगठन के लिए परेशानी का सबब बनना शामिल है।
इसके अलावा पेट्रोल-डीजल-रसोई गैस की मनमानी मूल्य वृद्धि, बेतहाशा बढ़ती महंगाई तथा किसान आंदोलन के चलते प्रदेश के नागरिकों में व्याप्त नारजगी को लेकर भी शिवराज सरकार काफी डरी हुई है। कुल मिलाकर मौजूदा माहौल में स्थानीय निकाय चुनाव होने पर बीजेपी को बड़ा नुकसान होने की आशंका थी। इसलिए पहले चुनावी तैयारियों में सरकार की ओर से शिथिलता बरती गई। अब कोरोना संक्रमण की आड़ लेकर शिवराज सरकार ने निकाय चुनाव को पुनः टलवा दिया है।
सांकेतिक फोटो।
कोंग्रेस नेता केके मिश्रा सवाल उठाते हुए कहते हैं, प्रदेश में जब कोरोना के दौरान दो दर्जन से अधिक विधानसभा सीटों पर उपचुनाव सम्पन्न हो सकते हैं और आये दिन हजारों लोगों को जोड़कर सरकारी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, तो निकाय चुनाव कराने में फिर क्या समस्या है ?
मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा हाल ही में बिहार विधानसभा का सामान्य निर्वाचन एवं देश में आकस्मिक रूप से रिक्त लोकसभा एवं विधानसभा के उप चुनाव संपन्न कराए गए।
इसी प्रकार कई अन्य राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कोरोना संकटकाल में ही राज्य में नगरीय निकायों एवं पंचायतों के चुनाव सम्पन्न करा रहे हैं जिसमें राजस्थान, जम्मू-कश्मीर एवं तेलंगाना प्रमुख हैं। हैदराबाद में भी कुछ ही दिन पूर्व नगरपालिका निगम के चुनाव हुए। सरकारी आंकड़ों को देखें तो एमपी में फिलहाल कोरोना संक्रमण की स्थिति इतनी अधिक चिंताजनक या भयावह नहीं है, फिर भी स्थानीय निकाय चुनाव कराने से प्रदेश सरकार पीछे हट रही है।
श्री मिश्रा का आरोप है कि चुनावी हार की आशंका भयभीत भाजपा सरकार कोरोना की आड़ लेकर जानबूझकर निकाय चुनावों को लगातार टाल रही है। दरअसल, माहौल अनुकूल होने की मंशा से चुनावी लाभ के लिए यह सब किया जा रहा है। प्रदेश सरकार की इस चाल को लोग भलीभांति समझ चुके हैं।
फाइल फोटो।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों को फरवरी-2021 तक के लिए स्थगित करने संबंधी अपने आदेश में कहा है, नगरीय निकायों एवं त्रि-स्तरीय पंचायतों के चुनाव तत्काल कराया जाना प्रस्तावित है। राज्य निर्वाचन आयोग उक्त चुनाव कराने के लिए आज की स्थिति में पूरी तरह तैयार है। राज्य में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति पर सतत निगरानी रखें। जब भी आंकड़ों तथा अपनी तैयारी से राज्य शासन को यह महसूस हो कि स्थितियां सुधरी है तो राज्य निर्वाचन आयोग को तत्काल अवगत कराया जाए। आयोग तत्काल निर्वाचन कराने के लिए तैयार है।