*मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने किया स्वीकृति पत्रों का वितरण
पन्ना। (www.radarnews.in) राज्य सरकार ने हाल ही में ऐसे बच्चों को आर्थिक, खाद्य एवं शिक्षा सहायता देने का निर्णय लिया है, जिनके माता-पिता की कोविड-19 से आकस्मिक मृत्यु हो गई है। ऐसे सभी बच्चों के लिये राज्य शासन ने मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल-कल्याण योजना के आदेश जारी कर तत्काल प्रभाव से योजना को प्रदेश में लागू कर दिया है। पन्ना जिले में शनिवार 5 जून को प्रदेश के खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह के द्वारा मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना के अंतर्गत पात्र बच्चों को योजना के तहत 5000/- (पाँच हजार रुपये ) प्रतिमाह पेंशन, प्रतिमाह निःशुल्क खाद्यान एवं शिक्षा सहायता के स्वीकृति पत्र वितरण किये गए।
इस योजना के तहत् 3 बच्चों- साकिर मंसूरी निवासी आगरा मोहल्ला पन्ना, प्रियंका पटेल निवासी ग्राम बिल्हा व अमन प्यासी ग्राम देवरा तहसील पवई को स्वीकृति पत्र प्रदान किये। साथ ही उनकी हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। बच्चों से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि वह अपने आपको अकेला न समझे मध्यप्रदेश सरकार हर समय आपके साथ है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना के तहत स्वीकृति पत्र वितरण के समय ऊदल सिंह ठाकुर जिला कार्यक्रम अधिकारी, अरुण प्रताप सिंह निरंजन सहायक संचालक एवं दुर्गा चरण अहिरवार परियोजना अधिकारी पवई उपस्थित रहे।
क्या है योजना
कोविड-19 संक्रमण से जिन बच्चों के माता-पिता की आकस्मिक मृत्यु हो गई है, राज्य सरकार ने ऐसे बच्चों को आर्थिक, खाद्य एवं शिक्षा सहायता देने का निर्णय लिया है। ऐसे सभी बच्चों के लिये राज्य शासन ने मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल-कल्याण योजना के आदेश जारी कर तत्काल प्रभाव से योजना को प्रदेश में लागू कर दिया है। महिला-बाल विकास विभाग द्वारा जारी आदेश में मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना के उद्देश्य एवं क्रियान्वयन की प्रक्रिया स्पष्ट की गई है।
योजना में परिवार से अभिप्राय पति-पत्नी और उन पर आश्रित बच्चों से है। बाल हितग्राही से अभिप्राय है ऐसे बालक, बालिका जिनकी आयु 21 वर्ष या उससे कम है, परंतु स्नातक में अध्ययनरत रहने की स्थिति में, 24 वर्ष या स्नातक पाठ्यक्रम की निर्धारित अवधि तक इनमें से जो भी कम हो और जिनके माता-पिता की कोविड-19 से मृत्यु हुई हो या माता-पिता का निधन पूर्व में हो गया था तथा उनके वैध अभिभावक की कोविड-19 से मृत्यु हुई हो या माता-पिता में से किसी एक का पूर्व में निधन हो चुका है तथा अब दूसरे की कोविड -19 से मृत्यु हुई है। “कोविड-19 से मृत्यु” का अभिप्राय ऐसी किसी भी मृत्यु से है, जो 1 मार्च, 2021 से 30 जून, 2021 तक की अवधि में हुई। 18 वर्ष से कम आयु के बाल हितग्राही के मामले में संरक्षक का चिन्हांकन योजना के अंतर्गत कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा।
योजना का लाभ लेने की पात्रता
प्रभावित परिवार मध्यप्रदेश का स्थानीय निवासी हो। परिवार को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ प्राप्त करने की पात्रता नहीं हो। बाल हितग्राही के मृतक माता-पिता ऐसे शासकीय सेवक या शासकीय उपक्रम के सेवक न हों, जिन्हें पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन पाने की पात्रता हो। ऐसे प्रत्येक बाल हितग्राही, जिनके माता-पिता, अभिभावक की कोविड -19 से मृत्यु होने से अनाथ हो गये हैं, को पाँच हजार रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी। बाल हितग्राही की आयु 18 वर्ष से कम है तो सहायता राशि चिन्हांकित संरक्षक और बच्चे के संयुक्त खाते में जमा की जायेगी। 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद उनके व्यक्तिगत खाते में राशि दी जाएगी।