कैबिनेट मीटिंग | प्रदेश के छह जिलों में नवीन मेडिकल कॉलेज स्थापना को सैद्धांतिक सहमति

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक समत्व भवन में वंदे-मातरम् गान के साथ प्रारंभ हुई।

*      33 सीएम राइज विद्यालयों के लिये 1335 करोड़ रूपये की स्वीकृति

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज समत्व भवन में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश के खरगोन, धार, भिण्ड, बालाघाट, टीकमगढ़ तथा सीधी जिलों में 100 एमबीबीएस सीट प्रवेश क्षमता के नवीन चिकित्सा महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) स्थापित किये जाने के लिये सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना से क्षेत्र की जनता को तृतीयक स्तर की चिकित्सकीय सुविधाएँ उपलब्ध होने के साथ-साथ प्रदेश के छात्रों के लिये चिकित्सा क्षेत्र की 600 एमबीबीएस सीट की वृद्धि होगी।
मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश में 33 सर्वसुविधायुक्त विद्यालयों के लिये अनुमानित लागत 1335 करोड़ 20 लाख रूपये में निर्माण किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई। सी.एम. राइज योजना के प्रथम चरण में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 275 विद्यालय विकसित किये जा रहे हैं। इनमें से 33 विद्यालयों के निर्माण के लिये डी.पी.आर तैयार कर परियोजना परीक्षण समिति के समक्ष 20 मार्च 2023 को प्रस्तुत किये गये।

विद्युत कंपनियों के लिये 24 हजार करोड़ की सब्सिडी

मंत्रिपरिषद द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये निर्धारित दरों में प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं के लिये अटल गृह ज्योति योजना में स्वीकृत सब्सिडी एवं विभिन्न उपभोक्ता श्रेणियों को सब्सिडी देते हुए इसके एवज में विदयुत वितरण कंपनियों को सब्सिडी दी जाने की स्वीकृति प्रदान की गई। कंपनियों को विभिन्न श्रेणियों में 24 हजार 196 करोड़ 47 लाख रूपये की सब्सिडी स्वीकृति दी गई।

शहरी अधोसंरचना के लिये 1700 करोड़ रूपये की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद् ने प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में अधो-संरचना विकास के लिए “मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना” चतुर्थ चरण को दो वर्षों (वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25) के लिए राशि रू. 1700 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की। योजना में सड़क निर्माण तथा अनुषांगिक कार्य, शहरी यातायात सुधार, नगरीय सौन्दर्यीकरण, सामाजिक एवं खेल अधोसंरचनाएँ, उद्यान विकास सम्बन्धी कार्यों के साथ ही निकाय के कार्यालय भवन निर्माण/ उन्नयन के कार्य किये जा सकेंगे। योजना का क्रियान्वयन विभागीय मार्गदर्शन में नगरीय निकायों द्वारा किया जायेगा। इस योजना के लागू किये जाने से, विभिन्न शहरों में आवश्यक अधोसंरचनाएँ उपलब्ध हो सकेंगीं।

दीनदयाल रसोई में मिलेगा अब 5 रूपये थाली भोजन

प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में व्यवसाय एवं श्रम कार्यों के लिये ग्रामीण क्षेत्रों से जरूरतमंद व्यक्तियों और परिवारों का आगमन होता है। शासन द्वारा प्रदेश के 55 नगरीय निकायों के 119 रैन बसेरा/ आश्रय-स्थलों में इनके लिये अस्थाई आश्रय तथा दीनदयाल रसोई योजना के प्रथम चरण 07 अप्रैल, 2017 से प्रदेश के 51 नगरीय निकायों के 56 रसोई केन्द्रों में किफायती दरों पर पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की गई है। कोविड-19 महामारी के समय रसोई केन्द्रों की महत्ता भी प्रदर्शित हुई। इसलिये 26 फरवरी, 2021 को रसोई योजना के द्वितीय चरण में 52 जिला मुख्यालयों तथा 06 धार्मिक नगरों मैहर, ओंकारेश्वर, महेश्वर, अमरकंटक, ओरछा एवं चित्रकूट में कुल 100 रसोई केंद्रों का संचालन आरंभ किया गया था। योजना में प्रत्येक जरूरतमंद को रूपये 10 प्रति व्यक्ति की दर से भोजन उपलब्ध कराया जाता है। अब तक 01 करोड़ 62 लाख थालियों का वितरण किया जा चुका है।

“प्राइस सपोर्ट स्कीम” में शुल्क छूट की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद व्दारा केंद्र/राज्य शासन की संस्थाओं द्वारा भारत सरकार की “प्राइस सपोर्ट स्कीम” में प्रदेश के कृषकों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अधिसूचित कृषि उपज के उपार्जन पर मंडी शुल्क की छूट के साथ में निराश्रित शुल्क के भुगतान पर भी छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया। साथ ही प्राइस सपोर्ट स्कीम में वर्ष 2022 (विपणन मौसम 2022-23) में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जित ग्रीष्मकालीन मूँग एवं ग्रीष्मकालीन उड़द पर भी निराश्रित शुल्क में छूट प्रदान की गई है। मंत्रि-परिषद की बैठक में और भी कई निर्णय लिए गए है।