ग्रामीणों ने पवई स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज के लिए कराया भर्ती
अजित बढ़ौलिया, पवई। रडार न्यूज सरकार द्वारा बेटियों को बचाने और उन्हें शिक्षित व सशक्त बनाने बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ का नारा देते हुए बेशक तमाम तरह की योजनाएं चलाई जा रही हों, लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि बच्चियों को समाज में आज भी बोझ माना जा रहा है। मानवता को तार-तार करते हुए शुक्रवार की सुबह अज्ञात निर्दयी मां ने महज कुछ घंटे पहले जन्मी अपनी बच्ची को कचरे के ढे़र पर फेंक दिया। इस चिलचिलाती उमस भरी गर्मी में बारिश के बीच अज्ञात पत्थर दिल मां ने अपनी नवजात बच्ची को मरने के लिए वहां छोड़ दिया, लेकिन कहते हैं कि जाको राखे साईंया मार सके न कोए। मामला पन्ना जिले के पवई थाना के ग्राम कृष्णगढ़ का है। सुबह करीब 10 बजे ग्रामीणों को यहां कचरे के ढ़ेर के पास किसी मासूम बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। ग्रामीणों ने जब पास जाकर देखा तो वहां तौलिया में लिपिटी मासूम को कचरे के ढ़ेर के बीच लावारिश हालत में पाकर दंग रह गये। मां की ममता को शर्मसार करने वाली इस घटना की सूचना आनन-फानन ग्रामीणों द्वारा डायल 100 पुलिस और 108 एम्बूलेंस को दी गई। काफी देर तक जब कोई मौके पर नहीं पहुंचा तो मासूम बच्ची की जान बचाने के लिए ग्रामीणों ने निजी वाहन से उसे आनन-फानन सामुदायिक केन्द्र पवई ले जाकर भर्ती करा दिया। मासूम बच्ची का इलाज करने वाले डाॅक्टर एमएल चौधरी ने पत्रकारों को बताया कि उसका जन्म महज तीन से चार घंटे पूर्व ही हुआ है। बच्ची लगभग साढ़े 8 माह की बताई जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती मासूम का प्राथमिक उपचार के बाद उसकी हालत हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।
डाॅक्टर चौधरी के अनुसार बच्ची का वजन कम होने के कारण उसे बेहतर इलाज के लिए पवई से जिला चिकित्सालय पन्ना के लिए रेफरल किया जा रहा है। इतने महीनों तक मासूम को अपनी कोख में पालने के बाद उसे बरसात के मौसम में कचरे के ढ़ेर में इस तरह लावारिश हालत में मरने के लिए छोड़ने की घटना को लोग अनैतिक संबंधों को छिपाने के लिए किये गये अपराध के तौर पर देख रहे है। कुछ लोग यह भी आशंका जता रहे है कि संभवतः बेटी को बोझ मानने वालों के द्वारा उससे पीछा छुड़ाने के लिए इस तरह फेंका गया है। सर्वविदित है कि बेटियों को लेकर हमारे समाज की सोच आज भी बहुत संकीर्ण है। विडम्बना यह है भारतीय समाज में बेटी को देवी की तरह पूजा जाता है और लक्ष्मी माना जाता है। बावजूद इसके बेटियों की शिक्षा-दिक्षा और विवाह हेतु दान-दहेज की चिंता में कतिपय अभिभावक बेटियों को बोझ मानते है। बहरहाल कुछ घंटे पूर्व जन्मी मासूम बच्ची को इस तरह कचरे के ढ़ेर में फेंके जाने के पीछे असल वजह क्या है, यह तो पुलिस की जांच पूर्ण होने पर ही पता चलेगा। इस मामले में पवई थाना पुलिस यह पता लगाने में जुटी हुई है कि ऐसा कौन बेरहम व्यक्ति है, जो मासूम को मरने के लिये कचरे के ढ़ेर में फेंक गया।
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