
* थाना प्रभारी धरमपुर पर अभद्रता करने, डराने-धमकाने के लगाए आरोप
* अवैध रेत खनन से प्रभावित इमिलिहा के ग्रामीणों ने पन्ना पहुंचकर एसपी के नाम सौंपा ज्ञापन
* रामबाबू पर रेत चोरी, गुंडागर्दी और पुलिस पर दबाव बनाने के मामले में कार्रवाई की मांग
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) बहुमूल्य खनिज संपदा की लूट के लिए बदनाम पन्ना जिले में धरमपुर थाना अंतर्गत इमिलिहा गांव में चल रहे रेत के अवैध खनन-परिवहन को स्थानीय ग्रामीणों की शिकायत पर थाना प्रभारी द्वारा बंद कराने से जमकर बवाल हुआ। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सतानंद गौतम के छोटे भाई रामबाबू ने धरमपुर थाना प्रभारी पर कथित रूप से अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए अपने समर्थकों के साथ थाने का घेराव कर जमकर हंगामा किया। अगले दिन जब इस मामले का दूसरा पहलू सामने आया तो लोग हैरान रह गए।
इमिलिहा से पन्ना पहुंचे सैंकड़ा भर ग्रामीणों ने भाजपा नेता के भाई पर खुलेआम रेत चोरी, ऊपर से सीनाजोरी करने के बावजूद पुलिस पर अनुचित दबाव बनाने के लिए स्वयं को पीड़ित की तरह पेश करके विक्टिम कार्ड खेलने का गंभीर आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने पन्ना पुलिस अधीक्षक के नाम एडिशनल एसपी को ज्ञापन सौंपकर रामबाबू गौतम के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का आरोप है, रामबाबू अपने बड़े भाई के राजनैतिक रसूख की आड़ में गुंडई करते हुए कई सालों से रेत चोरी कर रहा है।

विदित हो कि, मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में पिछले एक दशक से भी अधिक समय से सत्ता के संरक्षण में संगठित तरीके से केन और उसकी सहायक नदियों की रेत को खुलेआम लूटा जा रहा है। धरमपुर के ताज़ा बवाल को कुछ लोग भाजपा के बड़े नेताओं के बीच सुनहरी रेत काले कारोबार में ज्यादा से ज्यादा हिस्सेदारी के साथ क्षेत्र पर वर्चस्व को लेकर अंदरखाने चल रही रस्साकशी से जोड़कर देख रहे है। विवाद की असल वजह चाहे भी लेकिन एकबात तो साफ़ है कि इस हंगामे ने चाल-चरित्र और चेहरे की दुहाई देने वाले सत्तारूढ़ दल बीजेपी की अच्छी-खासी फजीहत करवा दी है। मामला भाजपा नेता के भाई से सीधा जुड़ा होने के कारण पूरा घटनाक्रम राजनितिक, प्रशासनिक हलकों से लेकर आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इस विवाद को जातिगत अपमान से जोड़ने की कोशिश की गई थी लेकिन अवैध रेत खनन प्रभावित इमिलिहा के ग्रामीणों द्वारा तथ्यों को सामने लाने से दांव उल्टा पड़ गया।
क्या है पूरा मामला

शनिवार 15 नवंबर 2025 की देर शाम जोर पकड़ती ठण्ड के बीच अचानक पन्ना जिले में सियासी पारा उस समय चढ़ गया जब सोशल मीडिया पर धरमपुर थाना परिसर में चल रहे हंगामे के कई वीडियो तेजी से वायरल हुए। जिनमें भाजपा के पूर्व पन्ना जिलाध्यक्ष सतानंद गौतम का छोटा भाई रामबाबू अपने समर्थकों के साथ थाने का घेराव कर पुलिस और धरमपुर थाना प्रभारी उप निरीक्षक अनिल सिंह राजपूत के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए नजर आ रहे हैं। एक वीडियो में रामबाबू गौतम गंभीर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि, थाना प्रभारी धरमपुर ने थाने में उनके साथ अभद्रता की है।
रामबाबू के अनुसार, थाना प्रभारी श्री राजपूत के बुलाने पर वह दोपहर के समय थाना गया था। जहां बातचीत के दौरान थाना प्रभारी ने उससे रेत परिवहन करने वाले अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली को तत्काल बंद करने लिए कहा, जिस पर वह राजी हो गया। इस दौरान कथित तौर पर थाना प्रभारी ने रामबाबू को नेतागिरी करने पर हड़काते हुए अपनी सहकर्मी से उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा। इस बात पर उनके बीच तीखी नोंकझोंक हो गई। रामबाबू का आरोप है, बिना किसी अपराध के एफआईआर की धमकी देने का विरोध करने पर थाना प्रभारी राजपूत भड़क उठे। उसके साथ दुर्व्यवहार करते हुए दरोगा जी (थाना प्रभारी) ने कथित तौर पर प्राइवेट पार्ट में डंडा डालने और एनकाउंटर करने की धमकी दे डाली।

रामबाबू ने धरमपुर से वापस कीरतपुर पहुंचकर जब यह बात अपने गांव के लोगों को बताई तो जाहिर है, आक्रोश फ़ैल गया। कुछ घंटे बाद रविवार को रात्रि में लगभग 8 बजे रामबाबू ने अपने सैंकड़ा भर समर्थकों के साथ धरमपुर थाना पहुंचकर जमकर हंगामा किया। थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सभी प्रदर्शकारी नारेबाजी करते हुए थाना परिसर में ही धरने पर बैठ गए। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मामले की जांच उपरांत कार्रवाई का आश्वासन मिलने पर आक्रोशित ग्रामीणों ने अपना धरना-प्रदर्शन समाप्त कर दिया।
रेत परिवहन रोकने ग्रामीणों ने की थी शिकायत

धरमपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बाघिन नदी के इमिलिहा घाट पर रामबाबू गौतम निवासी कीरतपुर एवं उसके साथियों द्वारा रेत का अवैध खनन कर ट्रैक्टरों के जरिए परिवहन करने की लिखित शिकायत स्थानीय ग्रामीणों द्वारा दिनांक 13 नवंबर 2025 को सामूहिक रूप से थाना प्रभारी धरमपुर से की गई थी। शिकायत में बताया गया कि, रात्रि में गांव से होकर रेत का अवैध परिवहन होने से वे लोग सो नहीं पाते। जबकि दिन के समय रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली गांव से होकर गुजरने से घर के बाहर खेलने वाले बच्चों के साथ गंभीर हादसा होने खतरा बना रहता है। रेत से लोड ट्रैक्टर-ट्रॉली गांव से निकालने से मना करने पर उन्हें धमकाया जा रहा है।

प्रभावित ग्रामीणों ने थाना प्रभारी से रेत के अवैध परिवहन को तत्काल बंद कराने की पुरजोर मांग की। उप निरीक्षक अनिल राजपूत ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित होने की आशंका के मद्देनजर रामबाबू को थाना में बुलाकर समझाइश दी गई थी। ग्रामीणों की कड़ी आपत्ति की जानकारी देकर उनसे कहा गया कि आप अपने ट्रेक्टर गांव से निकालना तुरंत बंद कर दें। थाना प्रभारी धरमपुर ने अपनी सफाई में बताया कि उन्होंने रामबाबू से न तो किसी तरह की अभद्रता या दुर्व्यवहार किया और ना ही उसे धमकी दी। समझाइश देने के बाद रामबाबू थाने से चला गया लेकिन कुछ घंटे बाद वह 100-150 लोगों को लेकर वापस लौटा और मुझ पर अनर्गल आरोप लगाकर थाने के बाहर नारेबाजी करने लगा।
थाना प्रभारी पर दबाव बनाने किया हंगामा!


ग्रामीणों ने बताया, रामबाबू ने कथित तौर पर अपने भाई के राजनैतिक रसूख और कुछ साथियों की मदद से गुंडागर्दी के बल पर बाघिन नदी की रेत पर अवैध कब्ज़ा कर रखा है। स्थानीय लोग अपने घरों के निर्माण के लिए यदि कभी-कभार थोड़ी-बहुत रेत उठाते हैं तो रामबाबू विवाद करने लगता है। पुलिस अधीक्षक के नाम सौंपे ज्ञापन में ग्रामीणों ने थाना में हंगामा करने और रेत चोरी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि, सतानंद गौतम के भाजपा जिलाध्यक्ष कार्यकाल के दौरान भी उनके छोटे भाई पर रेत के अवैध कारोबार में लिप्त होने की गंभीर आरोप अनेकों बार लगे थे। जिसे उनके भाई हमेशा खारिज करते रहे हैं।