रेत की लूट : खाता खुलवाने के 8 लाख लगते हैं, 5 लाख एडवांस कलेक्टर और 3 लाख एमओ, कांग्रेस नेता और रेत माफियाओं की बातचीत का वीडियो वायरल

0
2625
नवीन संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन पन्ना का फाइल फोटो।

* पन्ना जिले में बीरा पंचायत की खदान के संचालन को लेकर वीडियो में हो रही चर्चा

* “अपनी तरह तुम्हारी डील करूँगा लेकिन प्रशासन को मैनेज तुम नहीं हम करेंगे” : भरत मिलन

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में लम्बे अर्से जारी को लूट के खेल में प्रशासन का खुला संरक्षण कैसे प्राप्त होता है, इसके लिए कितनी कीमत अदा करनी पड़ती है, रेत माफिया और प्रसाशन के बीच के रिश्ते यहाँ कितने मजबूत हैं ? इस रहस्य को सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो ने कथित तौर पर काफी हद तक उजागर कर दिया है। इस वीडियो में पन्ना के कांग्रेस नेता एवं अजयगढ़ जनपद के अध्यक्ष भरत मिलन पाण्डेय और पन्ना विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के उमीदवार रहे दशरथ पहलवान आपस में चर्चा करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में कुछ अन्य लोगों की बातचीत रिकार्ड हुई है लेकिन उनके चेहरे नहीं दिखते।
सांकेतिक तस्वीर।
वीडियो शायद कुछ समय पूर्व का है, जिसे कांग्रेस नेता भरत मिलन पाण्डेय के घर पर खुफिया कैमरे से शूट किया गया है। स्टिंग ऑपरेशन की तर्ज बनाए गए इस वीडियो को किसने शूट किया यह तो पता नहीं चल सका लेकिन इसके वायरल होने के बाद से जिले के प्रशासनिक एवं राजनैतिक हलकों में खलबली मची है। दरअसल वीडियो में इस बात का उल्लेख है कि बीरा में रेत खदान चलाने के लिए किस अधिकारी को कितना रुपया देना पड़ता है। जिले के शीर्ष अफसरों से जुड़ीं अंदर की बात इस तरह उजागर होने से प्रशासनिक हलकों में बेचैनी बढ़ना और हड़कंप मचना स्वाभाविक है। उल्लेखनीय है कि रेत से जुड़े विवादों को लेकर कांग्रेस नेता भरत मिलन पाण्डेय और उनके परिजन पिछले कुछ समय से सुर्ख़ियों में बने हैं। आज उन्होंने वायरल वीडियो को लेकर अपनी तरफ से सफाई देते हुए इसकी पुष्टि की है। जबकि पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा और जिला खनिज अधिकारी एस. के. पाण्डेय वीडियो की बातों को पूर्णतः असत्य और निराधार बताते हुए सिरे से खारिज किया है।

क्या है वायरल वीडियो में

कांग्रेस नेता भरत मिलन पाण्डेय एवं सपा के पूर्व प्रत्याशी दशरथ पहलवान सहित अन्य की चर्चा के वायरल वीडियो का स्क्रीन शॉट।
सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रहे इस वीडियो में पन्ना जिले के अजयगढ़ विकासखण्ड अंतर्गत बीरा पंचायत को आवंटित रेत खदान के निर्बाध संचालन हेतु आवश्यक प्रशासनिक मैनेजमेंट को लेकर चर्चा होती है। जिसमें कथित तौर पर बीरा पंचायत के प्रधान (सरपंच) जुगराज सिंह जोकि वीडियो में नजर नहीं आते कांग्रेस नेता भरत मिलन पाण्डेय उन्हें प्रशासनिक मैनेजमेंट का फंडा समझाते हुए दिखते हैं। वे किसी व्यक्ति को हिदायत देते हुए कहते हैं- यदि तुम सोचते हो इसे-उसे रुपया न देना पड़े तो यह नहीं चलेगा, फिर बीरा के नाम पर एक ही प्वॉइंट चलेगा जो अपने पास है। प्रधान जी को नहीं देना है, तुम मैनेज नहीं करोगे मैनेज हम करेंगे हमारा शासन-प्रशासन चलता है।
श्री पाण्डेय किसी व्यक्ति से धमकी भरे लहजे में कहते हैं, नहीं तो हम बंद कर दें तुम सब चला लो। इसके पश्चात वहाँ मौजूद एक अन्य व्यक्ति जो वीडियो कहीं नजर नहीं आता वह चर्चा में शामिल होते हुए किसी शर्मा जी को समझाता और बताता है-बीरा में पहले खाता खुलवाने मात्र का 8 लाख रुपये लगता है। जिसमें 5 लाख रुपये एडवांस कलेक्टर और 3 लाख रुपये एमओ (माइनिंग ऑफिसर) अब गौर करो, पैसा दो। इस वीडियो में सपा नेता दशरथ पहलवान कोई बीच का रास्ता निकालने की बात कह रहे हैं। वे कहते हैं मैं सबसे गरीब और अनाड़ी आदमी हूँ, मेरे 12 लाख रुपए लग गए दो मशीनों से रोड बनवा दिया, यदि मुझे पता होता मैं क्यों करता। ऐसा बीच का रास्ता निकालें कि आप लोग अपना चला लें हम अपना चला लें। श्री यादव कहते हैं यदि गाड़ी थोड़ी महँगी नहीं करोगे तो मेरे लिए मरन है, मुझे एक भी चोरी करने नहीं मिल रहा है, प्रशासन पागल हो रखो है।”

रेत बनी बदनामी का कारण

सांकेतिक तस्वीर।
पड़ोसी जिला छतरपुर में कुछ दिन पूर्व कांग्रेस के स्थानीय विधायक आलोक चतुर्वेदी और उत्तर प्रदेश के पूर्व सपा नेता चरन सिंह यादव के बीच कथित तौर पर रेत के कारोबार को लेकर बातचीत का ऑडियो जमकर वायरल हुआ था। जिसमें सत्ता की धमक और प्रशासन तथा पुलिस की सेटिंग से कतिपय रेत खदानें चलाने के बाबजूद आपेक्षित आर्थिक लाभ न होने की शिकायत विधायक जी करते हैं। खदान का ख़र्चा अधिक डाले जाने को लेकर वे खुलकर अपनी नारजगी जाहिर करते हैं। इस ऑडियो के बाद पन्ना के कांग्रेस नेता भरत मिलन पाण्डेय एवं अन्य लोगों के बीच रेत खदान संचालन की प्रशासनिक सेटिंग संबंधी बातचीत से जुड़ा वीडियो वायरल होने से प्रदेश की कमलनाथ सरकार की काफी फजीहत हो रही है। इस घटनाक्रम से विपक्ष को बैठे-बिठाए सरकार पर हमला बोलने का अवसर मिल गया है।
प्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से कुछ स्थानों पर पार्टी के कतिपय नेता भी भाजपाइयों की तर्ज पर रेती की खेती से तेल की जगह शुद्ध घी निकालने में जुट गए हैं। यह सब ऐसे समय पर हो रहा है, जब मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर प्रदेश भर में इन दिनों संगठित माफिया के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की मुहिम चलाई जा रही है। पन्ना के इस वायरल वीडियो में प्रशासनिक अफसरों को लेकर जो दावे किए गए हैं, यदि उसमें ज़रा भी सच्चाई है तो इस जिले में रेत माफिया के खिलाफ क्या ईमानदारी से कार्रवाई हो सुनिश्चित हो पाएगी। रेत माफिया के आतंक से परेशान पन्ना जिले के अजयगढ़ क्षेत्र के लोगों के जेहन में यह सवाल लगातार कौंद रहा है।
सांकेतिक तस्वीर।
अति पिछड़े इस जिले में रेत की बेइंतहां लूट का सिलसिला नया नहीं है, यह पिछले छः सालों से अनवरत जारी है। अंतर् सिर्फ इतना है कि सत्ता परिवर्तन के साथ रेत की लूट के समीकरण और किरदार बदल गए हैं। पिछली शिवराज सरकार के समय भाजपा के कतिपय स्थानीय नेताओं और उनके परिजनों पर रेत के अवैध कारोबार में संलिप्तता के आरोप लगते रहे हैं। स्पष्ट कर दें कि रडार न्यूज इन वायरल ऑडियो-वीडियो की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता है।

इनका कहना है –

“अपने गलत कामों को छुपाने के लिए प्रशासन के नाम का दुरूपयोग करते हुए प्रतीत होते हैं। बोलने वाले के पास कोई प्रमाण हो तो प्रस्तुत करे। कल ही कई खदानों पर कार्रवाई कर 3 एलएनटी मशीनें, 13 डम्फर जब्त किये हैं। नियम विरुद्ध रेत का काम करने वालों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है, पिछले कुछ माह में 200 से अधिक केस बनाए एवं 1 करोड़ से अधिक अर्थदण्ड वसूल किया। अवैध उत्खनन की कार्रवाइयों के कारण कुछ लोग इस प्रकार की बातें संभवतः कर रहे हैं। अवैध उत्खनन के विरुद्ध कार्रवाई लगातार जारी रहेगी चाहे कोई कुछ भी कहे।”

कर्मवीर शर्मा, कलेक्टर पन्ना।

“यह आरोप पूरी तरह निराधार और झूठे हैं, इन पर क्या टिप्पणी करूँ। वीडियो में कोई यह नहीं कहता किसी को रुपया दिया है इसमें सिर्फ पार्टनर आपस में खर्चा बता रहे हैं। अगर कोई रुपया लेता तो इतनी बड़ी कार्रवाइयाँ फिर कैसे होतीं। मुझे यह लगता है यह सब पार्टनरों की चालाकी है वे अपना खर्च एडजस्ट कराने के लिए प्रशासन को बेबजह बदनाम कर रहे हैं।”

एस. के. पाण्डेय, जिला खनिज अधिकारी, पन्ना।

“मैं अपने घर में बैठा था तभी बीरा सरपंच जुगराज और रेत माफिया आए थे, वे अपनी चर्चा कर रहे थे, मैनें उनसे कहा मेरा मैनेजमेंट कहीं नहीं चलता है। मेरी गाड़ियाँ वैध तरीके से ईटीपी लेकर चलती हैं। मैंने आज तक किसी को दो रुपया भी नहीं दिया। वह लोग मैनेजमेंट की बात करते रहे लेकिन मैनें उस पर कोई ध्यान नहीं दिया क्योंकि इसमें मेरी कोई रूचि नहीं है। उन्होंने क्या-क्या बात की ये वह जानें, मैनें उनसे बात नहीं की मुझे पता भी नहीं कहाँ क्या मैनेजमेंट होता है स्वयं जाके लोग जो मैनेजमेण्ट करते हों। मैं इतना सक्षम हूँ न तो किसी को पैसे देता हूँ और ना ही किसी से पैसे लेता हूँ।”

भरत मिलन पाण्डेय, अध्यक्ष, जनपद पंचायत अजयगढ़।