* होली पर हुए विवाद में लाठी-डण्डों के प्रहार से फट गया था महिला का सिर
* छुटपुट विवादों के बीच मोहन्द्रा क्षेत्र में मनाया गया होली का पर्व
आकाश बेहरे, मोहन्द्रा (पन्ना) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के ग्रामीण अंचल में सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल स्थिति में है। शिवराज सिंह चौहान की सरकार में ग्राम स्तर पर लोगों को प्राथमिक उपचार देने के लिए गाँव-गाँव आरोग्य केन्द्रों की स्थापना के नाम पर प्रदेश में करोड़ों रूपए खर्च किये गए। लेकिन, अधिकांश आरोग्य केन्द्र पिछली सरकार के समय से ही कागजों पर संचालित होने से ग्रामीणों को उपचार नसीब नहीं हुआ। उप स्वास्थय केन्द्रों की बात करें तो इनमें हमेशा ताला ही लटका रहता है। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की ख़राब हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बमुश्किल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मोहन्द्रा को डॉक्टर मिला लेकिन यहाँ इलाज की बुनियादी सुविधायें तक नहीं है। परिणामस्वरूप यहाँ उपचार की उम्मीद में आने वाले मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है।
ऐसा ही एक मामला होली के दिन दिन सामने आया। मोहन्द्रा की संजय नगर काॅलोनी में दो आदिवासी परिवारों के बीच हुए विवाद में लाठी-डण्डों के प्रहार से एक महिला का सिर फट गया। घायल महिला को इलाज लिए परिजन लेकर जब स्थानीय स्वास्थ्य केन्द्र पहुँचे तो डॉक्टर ने टाँके लगाने की सामग्री न होने की बात कहते हुए उसे बिना समुचित इलाज के ही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पवई के लिए रेफरल कर दिया। इस मामले ने जब तूल पकड़ा तो डॉक्टर सचिन अहिरवार ने अपना बचाव करते हुए स्वास्थ्य केन्द्र में ड्रेसर न होने के कारण टाँके न लगने की बात कही।
माँ-बेटे हुए थे घायल
प्राप्त जानकारी के अनुसार दोपहर में कमलेश आदिवासी के बड़े बेटे का किसी बात को लेकर पड़ोसी श्यामलाल आदिवासी के लड़के से विवाद हो गया। उस समय लोगों ने बीच-बचाव कर विवाद को शांत करा दिया। शाम करीब पांच बजे पुनः श्यामलाल ने अपने छोटे भाई राजू और पुत्र को साथ लेकर लाठी-डण्डों से कमलेश आदिवासी के घर में घुसकर उसकी पत्नि केशबाई आदिवासी, पुत्र अजय आदिवासी के साथ मारपीट कर घायल कर दिया। हमले में केशबाई के सिर व अजय के हाथ में गंभीर चोंटे आई है। जिन्हें घायल अवस्था में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोहन्द्रा लाया गया। सरकारी अस्पताल के डाॅक्टर ने टाँका लगाने का जरुरी सामान न होने की बात कहकर उन्हें आवश्यक प्राथमिक उपचार दिए बगैर ही रेफरल कर दिया। इस स्थिति में बाद में उन्हें पन्ना ले जाकर मेडिकल कराया गया।
व्यवस्थाएं चौपट, ठिकाने लगा रहे बजट
पन्ना जिले के पवई विकासखंड अंतर्गत आने वाले मोहन्द्रा क्षेत्र की करीब 50 हजार की आबादी के बीच स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक मात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मोहन्द्रा में है। क्षेत्र में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो यहाँ की व्यवस्थाओं से संतुष्ट हो। जरा सोचिय जब प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में टाँके लगाने सरीके मामूली सामग्री भी उपलब्ध नहीं है तो मरीजों को इलाज कैसे मिलता होगा ! निश्चित ही यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है। यह कोई पहली बार नहीं है, जब किसी घायल व्यक्ति को बगैर प्राथमिक उपचार के अस्पताल से लौटाया गया है। पूर्व में भी कई बार गंभीर रुप से घायल व्यक्तियों ने प्राथमिक उपचार के आभाव में दम तोड़ा है।
मालूम हो कि समूचे पन्ना जिले में पिछले कई सालों से ग्राम आरोग्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र पूर्ण रूपेण कागजों पर ही संचालित हो रहे हैं। जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्तिथि अत्यंत ही दयनीय है। प्रति वर्ष इनके लिए आने वाले बजट का जिले में बंदरबाँट हो रहा है। इन स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए आने वाली सामग्री भी स्टॉफ के द्वारा अपने घरों में उपयोग की जा रही है। जो सामग्री-उपकरण आदि स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध हैं उसकी हालत अच्छी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की मानें तो यदि ग्राम आरोग्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की सामग्री का भौतिक सत्यापन ईमानदारी से कराया जाए तो आधी से अधिक सामग्री गायब मिलेगी। बहरहाल नई सरकार और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार की ओर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। ताकि लोगों को इलाज के लिए महँगे अस्पतालों और झोलाछाप डॉक्टरों की शरण में जाने को विवश न होना पड़े।
इनका कहना है –
“सामग्री के आभाव में नहीं बल्कि स्वास्थ्य केन्द्र में ड्रेसर न होने के कारण मरीजों को टाँके नहीं लग पाते। इस वजह से घायल महिला को पवई के लिए रेफरल किया गया था।”
– डाॅ. सचिन अहिरवार, प्रभारी पीएचसी मोहन्द्रा।
“ब्लॉक एवं जिला स्तरीय अधिकारी नियमित रूप से स्वास्थ्य केन्द्रों का दौरा करते है, पीएचसी मोहन्द्रा का निरीक्षण आखिरी बार मैनें कब किया था मुझे याद नहीं है। चोटिल महिला को पीएचसी मोहन्द्रा से टाँके लगाए बगैर रेफरल करना अनुचित-आपत्तिजनक है, ऐसा क्यों हुआ इसकी जाँच कराई जाएगी। ग्राम आरोग्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को मिलने वाले वार्षिक बजट का उपयोग सम्बंधित प्रभारी के द्वारा किया जाता है, इसके दुरूपयोग की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।”