जमीनी विवाद के चलते डेढ़ वर्ष पूर्व की थी संतू कुशवाहा की हत्या
जिला एवं सत्र न्यायाधीश पन्ना राजेश कुमार कोष्टा ने सुनाया फैसला
पन्ना। रडार न्यूज मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में पुलिस थाना अजयगढ़ अंतर्गत करीब डेढ़ वर्ष पूर्व हुई किसान संतू कुशवाहा की हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश पन्ना राजेश कुमार कोष्टा ने निर्णय पारित करते हुए तीन अभियुक्तों रूपा कुशवाहा पिता रामचरण कुशवाहा 32, बेनी कुशवाहा पिता बदलू कुशवाहा 26, नत्थू कुशवाहा पिता दरबारी लाल कुशवाहा 50 सभी निवासी ग्राम गुमानगंज को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यालय ने इन्हें विभिन्न धाराओं के तहत अर्थदंड से भी दण्डित किया है। जबकि साक्ष्य के आभाव में आरोप प्रमाणित नहीं होने पर अभियुक्त रामेश्वर यादव को दोषमुक्त किया गया है।
जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित रहे इस मामले में आये न्यालय के फैसले के संबंध सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी एवं मीडिया सेल प्रभारी पन्ना आशुतोष कुमार द्विवेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि 18 दिसंबर 2016 को सुबह 7 बजे संतू कुशवाहा निवासी ग्राम गुमानगंज थाना अजयगढ़ अपने खेत पर चारा काटने गया था। तभी करीब 9 बजे गोली चलने की आवाज सुनाई दी। पास में ही चारा काट रहे घनश्याम कुशवाहा ने अपने भाई राजू, गुलाब,एवं भाभी पार्वती के साथ पास जाकर देखा तो उसका चचेरा भाई संतू बचाओ-बचाओ की आवाज लगाते हुये दौड़ रहा था। जमीनी विवाद के चलते गांव के ही रामेश्वर यादव, रूपा कुशवाहा, बेनी कुशवाहा, नत्थू कुशवाहा, संतू को खदेड़ते हुये आ रहे थे। बैकुंठ महराज के खेत के पास आरोपी रामेश्वर ने संतू को लात मारकर गिरा दिया। अगले ही पल आरोपी नत्थू कुशवाहा ने संतू को दबोंच लिया और फिर आरोपी बेनी कुशवाहा ने बंदूक से फायर किया जिसकी गोली संतू के दाहिने हाथ में लगी। दूसरी गोली आरोपी रूपा कुशवाहा ने चलाई जो सीधे उसके सिर में जा धंसी । दो फायर करने के बाद आरोपी संतू को मरा हुआ समझकर वहाँ से भाग गये। कुछ ही देर में संतू की मौके पर ही मृत्यु हो गयी थी।
हत्या और आर्म्स एक्ट में हुई सजा
घनश्याम कुशवाहा 32 निवासी ग्राम गुमानगंज द्वारा अपने चचेरे भाई की नृशंस हत्या की सूचना डायल 100 को दी, तब पुलिसवाले मौके पर आये और मौके घटना की रिपोर्ट देहाती नालिसी लेख की थी। इस घटना पर थाना अजयगढ़ में अपराध क्रमांक 313/16, धारा 302/34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण की विवेचना के दौरान पुलिस द्वारा आरोपीगणों को गिरफ्तार किया गया। उनके द्वारा बताये हुये स्थान से 12 बोर की बंदूक को जप्त किया। प्रकरण की संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग-पत्र न्यायालय में पेश किया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए शासन के द्वारा उक्त प्रकरण को जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित किया गया। प्रकरण का विचारण जिला एवं सत्र न्यायाधीश पन्ना राजेश कुमार कोष्टा के न्यायालय में हुआ। जिसमें अभियोजन के द्वारा आरोपी के किये गये कृत्य के लिये अधिकतम दंड दिये जाने का निवेदन किया गया। न्यायालय के द्वारा अभियोजन के तर्कों तथा न्यायिक दृष्टांतों से सहमत होते हुए आरोपीगण रूपा कुशवाहा और बेनी कुशवाहा धारा 302 भादवि आजीवन कारावास और 5000 रूपये अर्थदण्ड, धारा 25/27 आयुध अधिनियम में दोनों को 2 वर्ष का सश्रम कारावास और 500 रूपये अर्थदण्ड तथा नत्थू कुशवाहा को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास और 5000 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया है। इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह पन्ना के द्वारा की गई।