अनियमितताओं के चलते चार जिलों के सीएमएचओ , सीएस निलंबित

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सांकेतिक फोटो।

सफाई, सुरक्षा आदि कार्यों पर प्रावधान से अधिक खर्च की गई राशि

सामग्री खरीदी में भण्डार-क्रय नियमों का नहीं किया पालन

भोपाल। रडार न्यूज स्वास्थ्य केन्द्रों की साफ-सफाई और सुरक्षा आदि कार्यों पर निर्धारित वार्षिक मापदण्ड से कई गुना अधिक राशि मनमाने तरीके से नियम विरूद्ध खर्च करने पर प्रदेश के चार जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों व सिविल सर्जन को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। जिसमें हरदा, धार, सीहोर और राजगढ़ के सीएमएचओ व सिविल सर्जन शामिल हैं। निलंबन की कार्यवाही प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण भोपाल के निर्देश पर की गई है। इस संबंध में विवेक श्रोत्रिय अपर संचालक प्रशासन, संचालनालय स्वास्थ्य सेवाऐं भोपाल द्वारा जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य कार्यालयों में सफाई, सुरक्षा एवं बायो-मेडिकल वेस्ट मद में निर्धारित वार्षिक मापदण्ड राशि से अधिक राशि व्यय की गई। स्वास्थ्य संचालनालय की बजट शाखा के संज्ञान में यह बात आने पर संचालनालय स्तर पर जांच दल गठित करते हुए जांच कराई गई। जांच प्रतिवेदन में यह पाया गया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला हरदा द्वारा सफाई मद में व्यापक वित्तीय अनियमिततायें की गई। सफाई मद से विभिन्न प्रकार की सफाई, सामग्री एवं बायोमेडिकल वेस्ट, कलेक्शन बैग की सामग्री आदि के क्रय में रूपये 38,89,432/- व्यय किये गये। जबकि इस मद में मापदण्ड और रूपये शून्य था। इसके बाद भी इतनी बड़ी राशि सामग्री क्रय पर खर्च की गई जोकि वित्तीय अनियमितता है। साथ ही लेखा शीर्षों का मद परिर्वतन किया गया। सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला धार द्वारा सफाई के मद से विभिन्न प्रकार की सफाई सामग्री, बायोमेडिकल वेस्ट कलेक्शन बैग की सामग्री क्रय पर वित्तीय वर्ष 2018-19 में रूपये 1,02,20,690/- व्यय किये गये। जबकि इस मद में मापदण्ड रूपये 491054 अनुसार 15 प्रतिशत सामग्री रूपये 640500 अनुमत्त भी की जाये तब भी इस सीमा से कहीं अधिक रूपये 9580190/- व्यय किया जाना घोर वित्तीय अनियमितता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सीहोर ने सुरक्षा मद में विभिन्न प्रकार की सुरक्षा सामग्री क्रय पर कुल रूपये 49,98,893/- व्यय किये गये। मजेदार बात यह है कि इस मद की राशि का खर्च मानव संसाधन (मैन पावर) पर होना था। सुरक्षा मद में मापदण्ड अनुसार रूपये 12,96,000/- थे, जिनका पूर्ण व्यय मैन पावर पर न करते हुए रूपये 49,98,893/- की सामग्री क्रय की गई। इसी तरह मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला राजगढ़ द्वारा सफाई मद से विभिन्न प्रकार की सफाई सामग्री, औषधि एवं अन्य प्रकार की सामग्री आदि का क्रय किया गया। कुल क्रय की गई सामग्री रूपये 95,54,991/- की है। गौरतलब है कि सफाई मद में मापदण्ड के अनुसार रूपये 34,04,736/- थे। यदि 15 प्रतिशत सामग्री रूपये 4,44,096 मात्र अनुमत्य भी की जाये तो भी निर्धारित सीमा से अधिक राशि की सामग्री क्रय की गई। यह सीधेतौर पर वित्तीय अनियमितता है। स्वास्थ्य संचालनालय ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों व सिविल सर्जन के इस कृत्य को लोक निधि से व्यय के लिए आवश्यक शर्ताें का पालन न करते हुए मध्यप्रदेश वित्त संहिता, भण्डार-क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 तथा वित्तीय अधिकार पुस्तिका के नियम-निर्देशों का उल्लंघन माना है। उक्त स्वास्थ्य अधिकारियों पर आरोप है कि उनके द्वारा मध्यप्रदेश कोषालय संहिता अुनसार आहरण एवं संवितरण अधिकारी की जिम्मेदारी के भी कर्तव्य का निर्वाहन न करते हुए शासकीय कोष से असमानुपातिक आहरण करवाया गया। वित्तीय अनियमितता के कारण निलंबित होने वालों में डाॅक्टर आरके धुर्वे, प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी हरदा, डाॅक्टर एसके खरे, प्रभारी सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय धार, डाॅक्टर दयाराम अहिरवार, प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सीहोर एवं डाॅक्टर अनुसूईया गबली मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजगढ़ शामिल है।

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