लोक निर्माण से लोक कल्याण में भ्रष्टाचार का पलीता!

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कार्यालय कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग पन्ना। (फाइल फोटो)

 पहली बारिश में ही बह गया 10 करोड़ की लागत वाली छतैनी सड़क पर बना रपटा

 बारिश के सीजन में आवागमन अवरुद्ध होने क्षेत्रवासियों की बढ़ी मुश्किलें

 जान जोखिम में डालकर ख़तरनाक़ नाला पार करने को मजबूर हैं ग्रामीण

शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के अति पिछड़े पन्ना जिले में लोक निर्माण विभाग के निर्माण कार्यों में वृहद पैमाने पर चल रहे भ्रष्टाचार के खेल की बारिश ने पोल खोलकर रख दी है। केन्द्रीय सड़क निधि योजना (CRF) से लगभग 40 करोड़ की लागत से नवनिर्मित सकरिया-गुनौर-डिघौरा सड़क पर जगह-जगह बने गड्ढों को छिपाने के लिए बारिश के रुकने का इंतज़ार न करके आनन-फानन में पेंच रिपेयरिंग करा दी। सीआरएफ सड़क पर पैबंद लगवाकर पीडब्ल्यूडी के तकनीकी अधिकारियों ने अभी राहत की सांस ली ही थी कि तभी पन्ना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से 10 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन भैरहा-श्रीशोभन-पिपरहाई-छतैनी मार्ग का रपटा बहने की खबर आ गई।
पन्ना जिले के अजयगढ़ विकासखंड अंतर्गत भैरहा-श्रीशोभन-पिपरहाई-छतैनी मार्ग पर निर्मित छतैनी का रपटा पहली बारिश में ही बह गया।
छतैनी के खड़ारा नाला पर बने रपटा की फेसवॉल पहली ही बारिश में पूरी तरह ढह गई और नाले के तेज बहाव में ह्यूम पाइप बहने से आवागमन पूरी तरह से अवरुद्ध हो चुका है। कथित घटिया निर्माण कार्य का दंश झेल रहे क्षेत्रवासी बारिश के सीजन में पूर्व की तरह जान जोखिम में डालकर नाला पार करने को मजबूर हैं। लोक निर्माण से लोक कल्याण के बड़े-बड़े दावे करने वाली सूबे की मोहन सरकार और क्षेत्र के जनप्रतिनिधि निर्माण कार्यों में हो रहे भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से मौन हैं।
                    जिले के अजयगढ़ विकासखंड अंतर्गत आने वाले श्रीशोभन-पिपरहाई-छतैनी ग्राम हर साल बारिश के सीजन में टापू में तब्दील हो जाते थे। दरअसल इन गावों के पहुंच मार्ग पर पड़ने वाले नदी-नालों पर कोई पुल-पुलिया या रपटा नहीं बना था। साथ ही रास्ता कच्चा होने से मानसून सीजन में कीचड़-दलदल से सराबोर हो जाता था। बारिश के सीजन में क्षेत्रीय ग्रामीणों को आवागमन में होने वाली भारी परेशानी को देखते हुए उन्हें इससे निजात दिलाने के लिए साल लोक निर्माण विभाग के तकनीकी अधिकारियों द्वारा करीब 3 वर्ष पूर्व सड़क निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया। फलस्वरूप दिनांक 4 अक्टूबर 2023 को छतैनी सड़क निर्माण के लिए डीएमएफ फंड से 9 करोड़ 35 लाख रुपए की स्वीकृति मिल गई। लगभग 7 किलोमीटर की लंबाई वाली इस सड़क में 7 पुलियों एवं 1 रपटा का निर्माण शामिल है।
बारिश में क्षतिग्रस्त हुआ रपटा।
बारहमासी आवागमन सुविधा प्रदान करने वाली सड़क की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी होने से क्षेत्रीय ग्रामीण कल तक काफी प्रसन्न नजर आ रहे थे लेकिन निर्माण कार्य शुरू होते ही उसमें कथित लीपापोती का खेल शुरू होने से ग्रामीणों की ख़ुशी देखते ही देखते नाराजगी में तब्दील होती चली गई। सड़क का अर्थवर्क गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप न होने एवं पुलियों तथा रपटा निर्माण में बगैर किसी अनुमति के स्थानीय नालों की मिट्टीयुक्त रेत का धड़ल्ले से उपयोग किए जाने पर युवा समाजसेवी संजय सिंह राजपूत एवं क्षेत्रवासियों ने कई बार कड़ी आपत्ति जताई। साथ ही घटिया निर्माण की लिखित शिकायत शासन-प्रशासन समेत भ्रष्टाचार की रोकथाम करने वाली एजेंसियों से भी की गई। लेकिन लोनिवि अधिकारियों से सांठगांठ के चलते ठेकेदार की मनमानी बदस्तूर जारी रही। युवा समाजसेवी संजय सिंह राजपूत का आरोप है कि सड़क ठेकेदार अशोक गुप्ता सत्तारूढ़ दल भाजपा के बड़े नेता हैं इसलिए क्षेत्रवासियों की शिकायत पर जांच के नाम पर पत्राचार का खेल करते हुए महज़ औपचारिकता निभाई जा रही है।

घटिया निर्माण के चलते बह गया रपटा

भैरहा-श्रीशोभन-पिपरहाई-छतैनी मार्ग पर छतैनी नाला पर बना रपटा गत दिनों पानी के तेज बह गया था। पहली बारिश में ही रपटा के बहने से प्रभावित क्षेत्रवासियों की नाराज़गी स्वाभाविक है। समाजवादी पार्टी के नेता देवेन्द्र सिंह लोधी पप्पू का कहना है शासन-प्रशासन के शीर्ष पदों पर आसीन महानुभाव अगर समय रहते हम क्षेत्रवासियों की घटिया निर्माण कार्य की शिकायत का संज्ञान लेकर निष्पक्ष जांच कराते तो आज शायद यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति निर्मित न होती। लेकिन ठेकेदार का सत्तारूढ़ दल से सीधा कनेक्शन होने और कथित कमीशन के चक्कर में जिम्मेदार घटिया निर्माण को जानबूझकर नजरअंदाज करते रहे। परिणामस्वरूप विगत दिनों हुई बारिश के चलते छतैनी नाला में पानी का दवाब बढ़ने पर रपटा की फेसवॉल और ह्यूम पाइप बह गए।
समाजवादी पार्टी नेता देवेन्द्र सिंह लोधी।
क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है, लाखों रुपये की लागत से निर्मित रपटा के बहने के लिए गुणवत्ताविहीन कार्य कराने वाला ठेकेदार एवं पीडब्ल्यूडी के अधिकारी जिम्मेदार हैं। ग्रामीणों ने उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग की है। सपा नेता देवेन्द्र ने भैरहा और छतैनी में रपटा के स्थान पर मीडियम ब्रिज का निर्माण कराने की मांग उठाई है। क्योंकि तेज बारिश होने पर दोनों ही रपटा कई फिट तक पानी में डूब जाते हैं।

निर्माण अधूरा था तभी अतिवृष्टि हो गई

लोक निर्माण विभाग संभाग पन्ना के प्रभारी कार्यपालन यंत्री जेपी सोनकर छतैनी रपटा का निर्माण कार्य गुणवत्ताविहीन होने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहते हैं यह सब बातें पूर्णतः निराधार है। उनके अनुसार रपटा का निर्माण कार्य अपूर्ण था और इसी दौरान पिछले माह जिले में अतिवृष्टि होने से छतैनी नाला का जलस्तर 15-20 फिट तक बढ़ गया। जाहिर सी बात है, विपुल जलराशि का दवाब एवं तेज प्रवाह अधूरा रपटा नहीं झेल पाया और क्षतिग्रस्त हो गया। कार्यपालन यंत्री श्री सोनकर बुधवार 6 अगस्त को अजयगढ़ क्षेत्र के भ्रमण पर थे, इस दौरान उन्होंने छतैनी पहुंचकर क्षतिग्रस्त रपटा का निरीक्षण किया। श्री सोनकर ने बताया कि इसी मार्ग पर भैरहा में ठेकेदार ने 38 रो ह्यूम पाइप का बड़ा रपटा बनाया है। अतिवृष्टि के दौरान उसके ऊपर से भी पहली बार में ही 12-15 फिट तक पानी निकल गया लेकिन रपटा का कुछ नहीं बिगड़ा। अपने दावे के समर्थन में उनके द्वारा रडार न्यूज़ को भैरहा रपटा के जियो टैग फोटो भेजे गए।
भैरहा-श्रीशोभन-पिपरहाई-छतैनी मार्ग पर भैरहा ग्राम में निर्मित रपटे का लोनिवि कार्यपालन यंत्री द्वारा उपलब्ध कराया गया चित्र।
एक सवाल के जवाब में श्री सोनकर ने बताया, छतैनी रपटा की फेसवॉल की ऊंचाई अधिक नहीं थी, वहां तक हमें निर्माण करना था लेकिन बारिश जल्दी होने से कार्य समय पर पूरा नहीं हो सका। छतैनी के 7 रो ह्यूम पाइप रपटा का निर्माण भी भैरहा की ही तर्ज पर होना था। आपने कहा कि, जिन लोगों को ऐसा लगता है कि छतैनी रपटा घटिया निर्माण की वजह से क्षतिग्रस्त हुआ है तो वह मौके पर डैमेज स्ट्रक्चर की कोर कटिंग करके किसी भी लैब में जांच करवा सकते हैं। जहां तक ग्रामीणों की असुविधा का सवाल है तो नाला पर पहले कभी रपटा नहीं बना था, लोगों को अब तक नाला में उतरकर ही आवागमन करना पड़ता था। ग्रामीणों को पहली बार बारहमासी आवागमन सुविधा प्रदान करने की दिशा में काम जारी है, बारिश की वजह से इसमें थोड़ा विलंब हुआ जिसका हमें खेद है।