लोकायुक्त की बड़ी कार्यवाही: तहसीलदार को 3 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा

0
3594
फाइल फोटो।

 भूमि का कब्ज़ा दिलाए जाने संबंधी आदेश तामील करवाने मांगी थी घूस

पत्नी के नाम दर्ज भूमि का कब्ज़ा पाने 8-9 साल से भटक रहा था किसान

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश में भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त संगठन की कार्रवाई लगातार जारी है। लोकायुक्त की धरपकड़ के बाद भी रिश्वतखोरी के मामले हर दिन सामने आ रहे हैं। सरकारी कार्यालयों में रिश्वत का खेल बेख़ौफ़ तरीके से जारी है। ताजा मामला पन्ना जिले के रैपुरा में सामने आया है, जहां लोकायुक्त टीम ने रैपुरा तहसीलदार चंद्रमणि सोनी को 3,000/- (तीन हजार) रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। तहसीलदार ने निजी भूमि से अवैध कब्ज़ा हटवाकर भूमि स्वामी को कब्ज़ा दिलाए जाने संबंधी आदेश तामील करवाने के एवज में किसान से रिश्वत मांगी थी। आज सुबह लोकायुक्त की ट्रैप कार्रवाई की खबर आते ही रैपुरा में हड़कंप मच गया। देखते ही देखते तहसीलदार आवास के आसपास लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोकयुक्त की टीम तहसीलदार चंद्रमणि को ट्रैप करने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए उनके कार्यालय ले गई।
शिकायतकर्ता कृषक कल्याण सिंह लोधी।
जानकारी अनुसार, द्रोपदी बाई पिता रामनाथ लोधी निवासी ग्राम गाता तहसील पटेरा जिला दमोह की भूमि पन्ना जिले की रैपुरा तहसील अंतर्गत पिपरियाकला ग्राम में स्थित है। भूमि पर स्थानीय व्यक्ति ने अवैध कब्ज़ा कर लिया था। जिसे अवैध कब्जे से मुक्त करवाकर उसका कब्ज़ा प्राप्त करने के लिए द्रोपदी बाई का पति कल्याण सिंह पिछले 8-9 साल से रैपुरा तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहा था। कुछ दिन पूर्व किसान कल्याण सिंह ने भूमि का कब्ज़ा दिलाने संबंधी आदेश तामील करवाने तहसीलदार ने संपर्क किया। इस दौरान तहसीलदार चंद्रमणि सोनी ने उससे बाबू जी से संपर्क करने के लिए कहा। तभी तहसीदार का ड्राइवर कल्याण सिंह के पास पहुंचा और उसके द्वारा काम करवाने के एवज में दस हजार 10,000/- रुपए की मांग की गई। बातचीत में 9,000/- (नौ हजार) रुपए में आदेश तामील करवाने पर सहमति बनीं। पहली किश्त के रूप में किसान ने तहसीलदार के ड्राइवर को 4,000/- चार हजार रूपये दिए। शेष राशि जल्दी ही दूसरी किश्त में देने बात कही।
लोकायुक्त सागर की टीम तहसील कार्यालय रैपुरा में तहसीलदार चंद्रमणि सोनी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध करने की कार्यवाही करते हुए।
कई सालों से परेशान किसान कल्याण सिंह लोधी ने घूसखोरों को सबक सिखाने के लिए लोकयुक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय सागर में संपर्क किया। योजनाबबद्ध तरीके से लोकायुक्त संगठन ने किसान को तहसीलदार के पास रिश्वत राशि पर चर्चा करने के लिए भेजा गया। किसान कल्याण सिंह ने इस दौरान अपनी परेशानी का हवाला देते हुए तहसीलदार से दूसरी किश्त की राशि कम करने की गुहार लगाई। तहसीलदार चंद्रमणि सोनी ने बातचीत के दौरान दूसरी किश्त में रियायत देते हुए कहा, तुम्हारे पास जितनी राशि उपलब्ध हो उतनी ही दे देना। इस तरह शिकायत की तस्दीक होने पर लोकायुक्त टीम ने तहसीलदार को रंगे हाथ पकड़ने का फुलप्रूफ प्लान तैयार किया।
रिश्वत लेने के मामले में तहसीलदार रैपुरा को पकड़ने की कार्यवाही की जानकारी देते हुए लोकायुक्त सागर की टीम।
प्लान के मुताबिक आज (सोमवार 9 जून 2025) को सुबह लगभग 9 बजे कल्याण सिंह ने रैपुरा में तहसीलदार चंद्रमणि सोनी के आवास पहुंचकर रिश्वत की दूसरी किश्त में 3000 (तीन हजार रुपए) दिए। अगले ही पल वहां लोकायुक्त टीम ने दबिश देकर तहसीलदार को पकड़ लिया। प्रारंभिक कार्यवाही के बाद लोकायुक्त की टीम तहसीलदार को उनके कार्यालय ले गई। समाचार लिखे जाने तक लोकायुक्त की टीम तहसीलदार चंद्रमणि सोनी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध करने की दस्तावेजी कार्यवाही में जुटी थी।

2 साल पहले पटवारी और कम्यूटर ऑपरेटर हुआ था ट्रैप

18 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए रैपुरा तहसील के पटवारी और कम्प्यूटर ऑपरेटर। (फाइल फोटो)
पन्ना जिले की दूरस्थ तहसील रैपुरा में रिश्वत के बगैर आम आदमी का जायज काम भी नहीं होता है। यहां व्याप्त घूसखोरी एवं भ्रष्टाचार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, लगभग 2 वर्ष पूर्व लोकायुक्त की टीम ने 18 हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में तहसील कार्यालय के कम्प्यूटर ऑपरेटर भागीरथ सेन व पटवारी रामअवतार वर्मा को गिरफ्तार किया था। इनके द्वारा एडवोकेट उमेश कुमार प्रजापति से उनके 3 क्लाइंट के गरीबी रेखा कार्ड (बीपीएल कार्ड) बनाने के एवज में रिश्वत की डिमांड की गई थी। इस कार्यवाही से रैपुरा तहसील कार्यालय के भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारियों ने कोई सबक नहीं सीखा। आज रिश्वत लेते हुए रैपुरा तहसीलदार चंद्रमणि सोनी के पकड़े जाने से तो यही साबित होता है।