बता दें कि, 2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बेहद चौंकाने वाला निर्णय लेते हुए पूर्व मंत्री सुश्री कुसुम सिंह मेहदेले की परंपरागत सीट पन्ना से उनका टिकिट काटकर वर्तमान विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह को दे दिया गया था। तभी से मेहदेले अपनी पार्टी से नाराज चल रहीं। अपने मुखर अंदाज के लिए जानीं जाने वाली मेहदेले की नाराजगी समय-समय पर उनके बेबाक बयानों से साफ़ जाहिर होती रही है। राजनीतिक रूप से हांसिये पर चल रहीं वरिष्ठ नेत्री मेहदेले ने पिछले कुछ समय से अपनी सामाजिक सक्रियता काफी बढ़ा दी है। वे प्रदेश में लोधी समाज समेत पिछड़े वर्ग की अन्य जातियों को गोलबंद करने की मुहिम में पूरी शिद्दत के साथ जुटीं है। इसका पता उस समय चला जब पिछले साल 2024 में वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी की जयंती के अवसर पर पन्ना में आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व कैबिनेट मंत्री कुसुम मेहदेले ने एमपी में लोधी समाज का सीएम बनाने को लेकर बयान दिया था। उनके इस बयान ने सूबे की सियासत में हलचल मचा दी थी। सुश्री महदेले ने कहा था कि, मध्य प्रदेश में लोधी-कुर्मी समाज के लोग अच्छी खासी तादाद में है। हम विधानसभा की एक तिहाई सीटें जीतकर अपना मुख्यमंत्री बना सकते हैं। इस बयान के बाद से ही मेहदेले की मुहिम पर प्रदेश की दोनों ही मुख्य पार्टियां अपनी नजर बनाए हुए हैं।