जारी आदेश के अनुसार, उद्योगों एवं फैक्ट्रियों के वायलरों व ईंट-भट्टों इत्यादि में भी पशु चारा-भूसा का ईंधन के रूप में उपयोग करना, भूसा व चारे का युक्तिसंगत मूल्य से अधिक मूल्य पर किसी भी व्यक्ति द्वारा क्रय-विक्रय करना तथा चारा-भूसा का कृत्रिम अभाव उत्पन्न करने के लिए अनावश्यक रूप से संग्रहण करना भी प्रतिबंधित रहेगा। इसके अतिरिक्त केवल लायसेंसधारी उद्योग ही ईंधन उपयोगी भूसे का स्टाॅक कर सकेंगे। सुरक्षा की समस्त जवाबदारी लायसेंसधारी की रहेगी, लेकिन प्रतिबंधित अवधि में जिले के बाहर लेकर जाना प्रतिबंधित रहेगा। आदेश के उल्लंघन पर संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत कार्यवाही की जाएगी।