MP में 30 हजार शिक्षकों को नियुक्ति का इंतजार, चयन के बाद डेढ़ साल से अटकी भर्ती प्रक्रिया

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भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण करने की मांग को लेकर पन्ना में प्रदर्शन करते हुए चयनित शिक्षक।

सरकार की उपेक्षा से नाराज चयनित शिक्षकों ने पन्ना में किया प्रदर्शन

भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश उच्च माध्यमिक व माध्यमिक शिक्षक भर्ती हेतु प्रोफेशनल एग्ज़ामिनेशन बोर्ड द्वारा चुनावी वर्ष 2018 में आयोजित की गई चयन परीक्षा उत्तीर्ण करने के डेढ़ साल बाद भी 30594 अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिली। क्योंकि, वर्ष 2019 में कोरोना महामारी के प्रकोप का हवाला देकर राज्य सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को बीच में ही रोक दिया था। चयनित शिक्षकों की भर्ती तभी से अधर में अटकी है। भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण कराकर ज्वॉइनिंग देने की मांग चयनित पिछले शिक्षक कई माह से कर रहे हैं। लेकिन राज्य सरकार इसे लगातार अनसुना कर युवाओं के भविष्य और रोजगार की जानबूझकर उपेक्षा कर रही है। शिवराज सरकार के इस रवैये से नाराज चयनित शिक्षक अपने हक़ के लिए अब सड़कों पर उतरकर आवाज़ बुलंद कर रहे हैं।
शुक्रवार 5 फरवरी को पन्ना जिला मुख्यालय में चयनित शिक्षक संघ के बैनर तले प्रभावित अभ्यर्थियों के द्वारा हाथों में तख्तियाँ लेकर जमकर नारेबाजी की गई। प्रदर्शनकारी चयनित शिक्षकों ने स्थानीय इन्द्रपुरी कॉलोनी स्थित चन्द्रशेखर पार्क से संयुक्त कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकालकर मुख्यमंत्री के नाम अपर कलेक्टर जे.पी.धुर्वे को अपना ज्ञापन सौंपा। चयनित शिक्षकों ने ज्ञापन के जरिए मुख्यमंत्री से अवरुद्ध पड़ी भर्ती प्रक्रिया को तेजी से पूर्ण कर नियुक्ति प्रदान करने की पुरजोर मांग की है।

यहाँ पर अटकी है भर्ती प्रक्रिया

ज्ञापन के माध्यम से चयनित शिक्षकों ने बताया कि मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वर्ष 2018 में स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजाति कल्याण विभाग के द्वारा शिक्षकों की भर्ती हेतु प्रोफेशनल एग्ज़ामिनेशन बोर्ड के माध्यम से चयन परीक्षा आयोजित कराई गई थी। प्रोफेशनल एग्ज़ामिनेशन बोर्ड के द्वारा उच्च माध्यमिक एवं माध्यमिक शिक्षकों के क्रमशः 19220 तथा 11374 पदों की पूर्ती हेतु परीक्षाएं आयोजित की गई।
पीईबी ने दोनों ही परीक्षाओं का परिणाम वर्ष 2019 में घोषित कर दिया। उच्च माध्यमिक शिक्षकों की चयन सूची एवं प्रतीक्षा सूची जारी होने के पश्चात दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कराई गई। लेकिन कुछ समय बाद कोरोना महामारी का हवाला देकर काउंसलिंग की कार्रवाई को बीच में ही रोक दिया गया।
कई माह गुजरने के बाद और कोरोना का प्रकोप कम होने के बाद भी अब तक काउंसलिंग समेत आगे की भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण करने की कार्रवाई शुरू नहीं की गई। जबकि माध्यमिक शिक्षक के 11374 पदों की भर्ती अभी परीक्षा परिणाम की घोषणा पर ही अटकी है। परीक्षा परिणाम घोषित करने के बाद इसकी चयन सूची जारी नहीं की गई इस कारण काउंसलिंग भी नहीं हो सकी।

चयनित शिक्षक बोले- बहुत हुआ इंतजार

भर्ती प्रक्रिया को पुनः शुरू करने को लेकर सरकार के उदासीन रवैये से नाराज चयनित शिक्षकों का सब्र अब जवाब देने लगा है। आर्थिक-सामाजिक समस्याओं व भविष्य की चिंताओं से घिरे चयनित शिक्षकों ने पन्ना में पत्रकारों से स्पष्ट शब्दों में कहा, अब बहुत इंतजार कर लिया यदि शीघ्र ही राज्य सरकार के द्वारा चयनित हमारी जायज मांग पर गंभीरता पूर्वक विचार करके शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को पुनः शुरू करने के निर्देश जारी नहीं किए गए तो हमें अपने हक़ के लिए पूरे प्रदेश में सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए विवश होना पड़ेगा। जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी राज्य सरकार की होगी।

प्रदर्शन में ये रहे शामिल

चयनित शिक्षकों ने भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण करने की मांग को लेकर पन्ना में नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकाला। (छायाकार : मनीष सारस्वत) 
चयनित शिक्षक संघ के बैनर तले प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से हरिचरण यादव, अभिलाषा सोनी, किशोरीलाल सुनकर, दीपक मिश्रा, कुलभूषण शर्मा, सत्येन्द्र मिश्रा, शिवदत्त द्विवेदी, सुनील श्रीवास, तीरथ पटेल, हर्षिता सिंह, राहुल चौरसिया, सुनील कुमार गर्ग, धीरेन्द्र कुमार शुक्ला, अनिल चौधरी, मुकेश कोरी, अरविंद गुप्ता, लक्ष्मी प्रसाद अहिरवार, रामरतन कोरी, संजय कुमार, राजेश लोध, रामसिंह लोधी, प्रशांत यादव, सत्येन्द्र मिश्र, शिवचरण राजपूत, कीर्ति तिवारी, वंदना सोनी, सुरेन्द्र कुमार, आरती, अरविंद प्रजापति, मोनिका, नीरज शुक्ल, धर्मेन्द्र सोनकर, नंद कुमार लोधी सहित अन्य चयनित शिक्षक शामिल रहे।