सीएम शिवराज ने हीरा खनन परियोजना को क्लीयरेंस दिलाने केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से की मुलाक़ात

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मुख्यमंत्री शिराज सिंह चौहान ने पन्ना की हीरा खनन परियोजना को क्लीयरेंस दिलाने केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से नई दिल्ली में उनके निवास पर भेंट की।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट करके दी जानकारी

शादिक खान, पन्ना।।(www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में स्थित एनएमडीसी लिमिटेड की हीरा खनन परियोजना को पुनः चालू कराने के लिए सभी आवश्यक अनुमति/स्वीकृति दिलाने के प्रयास तेज हो गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं इस मामले को देख रहे हैं। उनके निर्देश पर ही पिछले दिनों राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक आयोजित हुई। जिसमें मझगवां हीरा खदान को स्वीकृति प्रदान करने संबंधी प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया गया। इसी क्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली के प्रवास के दौरान केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से उनके निवास पर भेंट की। मुख्यमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैण्डल से इस मुलाकात की फोटो और जानकारी ट्वीट की गई। जिसमें बताया गया है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सिंगरौली में कोल ब्लॉक के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस देने और एनएमडीसी हीरा खदान, पन्ना की लीज के संबंध में केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से चर्चा की।
उल्लेखनीय है की पन्ना टाइगर रिजर्व के गंगऊ अभ्यारण अंतर्गत संचालित एनएमडीसी लिमिटेड की हीरा खदान एशिया महाद्वीप की इकलौती मैकेनाइज्ड परियोजना है। जोकि विगत 6 दशक से संचालित है। मालुम हो कि इस खदान की प्रति वर्ष एक लाख कैरेट हीरे खनन की क्षमता है। अब तक यहाँ से लगभग 13 लाख कैरेट हीरों का खनन किया जा चुका है जबकि 8.5 लाख कैरेट हीरे अभी भी यहाँ की धरती में मौजूद हैं जिनका खनन किया जाना शेष है। लेकिन राज्य वन्य जीव बोर्ड (वन विभाग) से हीरा खदान के संचालन की स्वीकृत अवधि 31 दिसंबर 2020 को समाप्त हो चुकी है। परिणाम स्वरूप पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक के निर्देश पर हीरा खदान नए साल के पहले दिन अर्थात 1 जनवरी 2021 से बंद पड़ी है।
पन्ना की पहचान व क्षेत्र के लोगों के रोजगार से जुड़ी हीरा खदान के बंद होने से प्रदेश स्तर पर सियासी सरगर्मी बढ़ने तथा जनाक्रोश प्रकट होने के मद्देनजर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस मामले को अत्यंत ही गंभीरता लिया है। बीते दिनों मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया था कि पन्ना की एनएमडीसी हीरा खदान को बंद नहीं होने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अपने इसी वादे को पूरा करने के लिए पहले राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक आयोजित कराई और अब केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भेंट कर हीरा खदान को पर्यावरणीय अनुमति दिलाने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है। सीएम के इन विशेष प्रयासों से पन्ना की हीरा खनन परियोजना के शीघ्र ही पुनः संचालित होने की उम्मीद जाग उठी है। विदित हो कि राज्य सरकार हीरा खदान की खनन लीज में 20 की और वृद्धि पहले ही कर चुकी है। अब सिर्फ वन्यप्राणी बोर्ड और केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति मिलना शेष है।