* सागौन की तस्करी करते पन्ना के समीप पिकअप वाहन पकड़ाया
* कोतवाली थाना पुलिस और वन विभाग ने संयुक्त रूप से की कार्रवाई
* पिकअप चालक समेत तीन आरोपी मौके से भाग निकलने में रहे कामयाब
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में मौजूदा समय में वन विभाग लगातार सुर्ख़ियों में बना है। पन्ना टाइगर रिजर्व अंतर्गत तस्करों के द्वारा बाघ पी-123 के सिर समेत दूसरे अंगों को काटकर ले जाने के बहुचर्चित मामले के खुलासे के बाद अब जिले के उत्तर वन मण्डल से हैरान करने वालीं ख़बरें आ रहीं हैं। धरमपुर रेन्ज अंतर्गत अत्यंत ही संवेदनशील कुड़रा बीट के सीमावर्ती इलाके में कथित तौर पर वनकर्मियों के द्वारा 30-30 हजार रुपए में जंगल की जमीन को बेंचकर बड़े इलाके में खेती कराने के सुनियोजित और बेहद चालाकी भरे कारनामे के सामने आने से उठा तूफ़ान अभी शांत भी नहीं हुआ था, इस बीच शनिवार को पन्ना के समीप अवैध सागौन से भरे पिकअप वाहन के पकड़े जाने पर मौके से फरार हुए तीन तस्करों में से एक आरोपी को लेकर चर्चा है कि, वह वन विभाग का कर्मचारी है। इससे जाहिर है, पन्ना जिले के जंगल, वन्य प्राणी और वन सम्पदा वर्तमान समय में दो तरफ़ा गम्भीर संकट से घिरे हैं। बाहरी खतरे से कहीं अधिक चिंताजनक आंतरिक खतरा है। क्योंकि, जब कतिपय रक्षक ही भक्षक बन जाएं तो फिर जंगल सुरक्षित कैसे रह पाएगा ?
संयुक्त कार्रवाई फिर भी भाग निकले तस्कर
पन्ना के समीप उत्तर वन मण्डल की विश्रामगंज रेन्ज अंतर्गत मांझा के नजदीक शनिवार 10 अक्टूबर की अल सुबह पन्ना-अजयगढ़ मार्ग पर पन्ना कोतवाली थाना पुलिस और विश्रामगंज रेन्ज के अमले ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक संदिग्ध पिकअप वाहन क्रमांक एम.पी. 21 जी 1976 को रोककर वाहन चालक से पूंछतांछ की गई। इस दौरान चालक ने वाहन में फार्च्यून लोड होना बताया। संदेह के चलते वाहन में लगे तिरपाल को खोलकर जब चैकिंग की गई तो उसमें सागौन के लट्ठे भरे मिले। इस बीच पिकअप चालक व उसमें सवार अन्य दो आरोपी मौके से जंगल की ओर भाग निकले। वाहन की चैकिंग के समय बरती गई लापरवाही के चलते आसानी से फरार हुए सागौन तस्करों को पकड़ने का प्रयास किया गया लेकिन वे नहीं मिल सके।

जब्त की गई पिकअप से 21 नग सागौन के लट्ठे 2 नग हाथ आरा और 2 नग कुल्हाड़ी मिली है। प्रारंभिक जांच में सागौन के लट्ठों की कटाई आरामगंज बीट से होने की बात पता चली है। जहां सागौन के 5 पेड़ कटे हुए पाए गए। जब्तशुदा लट्ठों व सागौन के ठूंठों की नापजोख के आधार इसकी पुष्टि हुई है। इस मामले में वन अपराध क्रमांक-119/14 दिनांक 10 अक्टूबर 2020 धारा मध्यप्रदेश वन उपज (व्यापार विनिमय) अधिनियम 1969 की धारा 5 (15)(16) एवं धारा 41 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण की विवेचना जारी है और जब्तशुदा वाहन को राजसात करने की कार्रवाई प्रस्तावित की गई है।
रिश्तेदारों को किराए पर दिया था वाहन
सागौन लट्ठों के अवैध परिवहन एवं कटाई के मामले में जब्त पिकअप वाहन के संबंध में सूत्रों से पता चला है कि जिले के ग्राम टिकरिया निवासी अली राजा अंसारी के नाम पर इसका पंजीयन है। कथित तौर पर अली राजा ने वाहन को पन्ना निवासी अपने दो रिश्तेदारों को मासिक किराए पर दिया हुआ है। वन विभाग की टीम अब वाहन को किराए पर लेने वालों की तालाश में सरगर्मी से जुटी है, ताकि सागौन तस्करी के मामले में फरार आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी जल्द से जल्द संभव हो सके। गौरतलब हो कि, वाहन की धरपकड़ करने में शामिल रहे पुलिस के जवान और वन विभाग का अमला सागौन की तस्करी में वन विभाग के कर्मचारी की संलिप्तता को दबी जुबान स्वीकार कर रहा है।
