* क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने किया सड़क निर्माण कार्य का भूमिपूजन
* पहली बार वर्ष 2008-09 में स्वीकृत हुआ था केन नहर पट्टी मार्ग का निर्माण
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) जिले के बहुप्रतीक्षित केन कैनाल मार्ग (नहर पट्टी सड़क) अजयगढ़-बरियारपुर से यूपी बार्डर तक के निर्माण का सपना अब जल्द ही धरातल पर आकार लेने लगेगा। करीब 45 किलोमीटर लम्बी इस सड़क के निर्माण से जुड़ी तमाम अड़चने दूर होने के बाद आज अजयगढ़ के बीरा ग्राम में आयोजित भव्य कार्यक्रम में खजुराहो सांसद वीडी शर्मा और मंत्री खनिज साधन एवं श्रम विभाग बृजेन्द्र प्रताप सिंह के द्वारा नहर पट्टी सड़क निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया गया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत स्वीकृत इस सड़क के निर्माण पर 48 करोड़ से अधिक की लागत आएगी। सड़क के निर्माण कार्य को फरवरी 2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अजयगढ़-बरियारपुर कैनाल से यूपी बार्डर तक सड़क बनने से जिले के अजयगढ़ क्षेत्र आधा सैंकड़ा से अधिक गांवों के रहवासियों को विकासखण्ड मुख्यालय अजयगढ़, पड़ोसी जिला छतरपुर के चंदला विकासखण्ड और उत्तरप्रदेश के बांदा जिले के लिए बारहमासी सुगम आवागमन सुविधा प्राप्त हो जाएगी।
पन्ना जिले के अजयगढ़ विकासखंड अंतर्गत केन नदी पर बने बरियापुर डैम से पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के लिए जाने वाली कैनाल किनारे मार्ग (नहर पट्टी सड़क) का निर्माण कराए जाने की मांग काफी लंबे समय से क्षेत्रवासियों के द्वारा की जा रही थी। आमजन की मांग पर बरियारपुर कैनाल मार्ग वर्ष 2008-09 मे स्वीकृत हुआ था जिसमें कार्य भी प्रारंभ कराया गया था। लेकिन मुरूम तक कार्य कराने के दौरान उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के द्वारा अनुमति प्राप्त न होने के कारण निर्माण कार्य को जून 2014 में यथास्थिति बंद कराना पड़ा था। विदित होकि उक्त नहर (कैनाल) उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के अधीन है और स्वीकृत सड़क का निर्माण इसी कैनाल की पार के किनारे होना था। इसलिए उक्त अंतरराज्जीय सम्पर्क सड़क के निर्माण हेतु उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति लेना जरुरी थी।
वर्ष 2019 में क्षेत्रीय विधायक एवं मंत्री खनिज साधन विभाग बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कैनाल मार्ग निर्माण की मांग एवं क्षेत्र के विकास हेतु इसकी आवश्यकता को दृष्तिगत रखते नए सिरे से स्वीकृति हेतु प्रयास किए गए। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पन्ना के तकनीकी अधिकारियों की ओर से भी इस दिशा में ठोस पहल की गई। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार की अनुमति दिलाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पत्राचार किया गया। जरूरी अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए केन्द्र और उत्तर प्रदेश सरकार से समन्वय स्थापित किया गया। इन तमाम प्रयासों फलस्वरूप कार्य की स्वीकृति मिलने से यह बहुप्रतीक्षित मांग पूर्ण हुई है।