* लॉकडाउन खुलते ही फैलने लगा कोरोना, सतर्कता से ही बचाव संभव
* अब प्रत्येक व्यक्ति संदिग्ध है इसलिए जरा सी लापरवाही पड़ सकती है भारी
* कोरोना की रोकथाम के लिए के लक्षण वाले मरीजों की जांच और उपचार पर फोकस
शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अब तक संक्रमित मरीजों की कुल संख्या आधा सैंकड़ा का आंकड़ा पार कर 57 तक पहुँच गई है। पिछले चौबीस घण्टे में ही जिले में कोरोना संक्रमण के 19 नए मामले सामने आए हैं। कुछ लोग इसे कोरोना विस्फोट के तौर पर देख रहे हैं, क्योंकि जिले में पहली बार इतने कम समय में कोरोना के इतने अधिक संक्रमित मरीज मिलने की पुष्टि हुई है। इसलिए स्वास्थ्य महकमे से लेकर आम लोगों में हड़कम्प मचा है। लॉकडाउन हटने अथवा इसकी पाबंदियों में आंशिक छूट मिलने के बाद कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार तेजी से हो रहा है इसके स्पष्ट संकेत टेस्टिंग बढ़ने से मिले हैं।

वर्तमान में जारी किल कोरोना अभियान के तहत जिले में बीमार व्यक्तियों के सर्वे का कार्य चल रहा है। इस अभियान के तहत प्रत्येक दिन औसतन सौ संदिग्ध व्यक्तियों के सैम्पल लिए जा रहे हैं। अब तक 1622 व्यक्तियों के सैम्पल लिए गए जिसमें 1334 सैम्पलों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। परिणामस्वरूप कोविड-19 संक्रमित रोगियों की संख्या में अचानक चिंताजनक इजाफा देखने को मिला है। इससे हर कोई हैरान है। लेकिन पन्ना जिले के स्वास्थ्य विभाग के मुखिया यानी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एल. के. तिवारी का मानना है कि कोरोना का सबसे बुरा दौरा आना अभी बाकी है। आने वाले महीनों अगस्त और सितम्बर में मरीजों की संख्या काफी बढ़ सकती है।

उन्होंने रडार न्यूज़ से चर्चा में बताया कि संक्रमण की रोकथाम को लेकर हमारे प्रयास सतत जारी हैं। आने वाली पीक की कठिन चुनौती का सामना करने के लिए फिलहाल अधिक से अधिक लोगों का परीक्षण कराया जा रहा है और पूरा फोकस ऐसे ऐसे लोगों पर है जिनमें कोरोना के लक्षण दिखते हैं उनका कोविड टेस्ट किया जा रहा है। यदि जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो ऐसे मरीजों को कोविड केयर सेन्टर में भर्ती कर तुरंत बेहतर इलाज मुहैया कराया जा रहा है। डॉ. तिवारी का कहना है कि लक्षण वाले मरीजों से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा अधिक रहता है जबकि बगैर लक्षण वाले मरीजों से कोरोना के प्रसार का खतरा अपेक्षाकृत काफी कम होता है। इसलिए लक्षण वाले मरीजों का इलाज करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिता में है। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक कोरोना के 33 मरीज इलाज के बाद पूर्णतः स्वस्थ होकर हॉस्पिटल से अपने घर लौट चुके हैं। अन्य मरीज जो हॉस्पिटल के आइसोलेशन में भर्ती हैं वे भी स्वस्थ हैं।
इसलिए बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर सीएमएचओ डॉ. एल. के. तिवारी कहते हैं कि जब तक लॉकडाउन लागू था तब तक बाहर से आने वाले व्यक्ति के जिले की सीमा में प्रवेश करते ही हमें पता चल जाता था लेकिन अनलॉक होने के बाद यह व्यवस्था समाप्त हो चुकी है। अब जो लोग बाहर से आ रहे हैं वे पहले अपने घर जाते हैं फिर बाद में स्वास्थ्य केन्द्र में आते हैं। ऐसे किसी व्यक्ति के जांच में पॉजिटिव पाए जाने पर उसकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग में पता चलता है कि वह अपने परिजनों से सम्पर्क रहा है। आपका मानना है कि इस तरह की लापरवाही से कम्युनिटी में संक्रमण का प्रसार हो रहा है।

इसके अलावा एक अन्य बड़ा कारण लोगों की आदतों आपेक्षित बदलाव न आना है। जब कोरोना संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं, इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं। संक्रमित व्यक्ति के करीब जाने पर ये विषाणुयुक्त कण साँस के जरिये आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। विशेषज्ञ बता चुके हैं कि कोरोना वायरस विभिन्न तरह की सतह पर कई घण्टों तक जीवित रहता है। अगर आप किसी ऐसी जगह या वस्तु को छुते हैं, जहां पर ये कण गिरे हैं और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी नाक, मुँह या आँख को छूते हैं तो ये कण आपके शरीर में पहुँच जाते हैं। ऐसे में खांसते-छींकते समय टिश्यू का उपयोग करना, बिना हाथ धोए अपने चेहरे को न छूना और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना इस खतरनाक वायरस को फैलने से रोकने के लिए बेहद महत्पूर्ण है।
अपना बचाव कैसे करें ?
