झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से महिला की मौत, आक्रोशित परिजनों ने किया जमकर हंगामा

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अपनी मृत पत्नी के सिर को गोद में रखकर शोक मग्न बैठा रवि वंशकार।

*    क्लीनिक में ताला लगाकर ग़ायब हुआ झोलाछाप डॉक्टर

*    इंजेक्शन लगाते ही बिगड़ी हालत, स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराने के बाद हुई मौत

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) जिले के सलेहा क़स्बा में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज़ से एक महिला की असमय मौत होने का मामला प्रकाश में आया है। महिला दर्द से पीड़ित थी, जिसे इलाज के लिए परिजन क्लीनिक लेकर आए थे। झोलाछाप डॉक्टर के इंजेक्शन लगाते ही महिला की हालत बेहद तेज़ी से बिगड़ने लगी। आनन-फानन परिजन महिला को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सलेहा ले गये, जहां डॉक्टर ने परीक्षण करने के उपरांत प्राथमिक उपचार किया। लेकिन हालत काफी गंभीर होने के कारण चंद मिनिट बाद ही उसकी सांसें हमेशा के लिए थम गईं। महिला की मौत होने की भनक लगते ही झोलाछाप डॉक्टर अपने क्लीनिक में ताला लगाकर गायब हो गया। आक्रोशित परिजनों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सलेहा के बाहर हंगामा शुरू कर दिया। मुख्य मार्ग पर चक्काजाम करने का भी प्रयास किया गया। हालांकि थाना प्रभारी सलेहा ने तुरंत मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिजनों को समझाया और उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। तब कहीं जाकर जाकर गतिरोध समाप्त हुआ और परिजन महिला के शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए राजी हुए। सलेहा क़स्बा में घटित यह घटना समूचे जिले में चर्चा का विषय बनीं है। लोगों का मानना है, झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज के कारण महिला की मौत हुई है।
महिला की मौत को लेकर आक्रोशित एवं दुखी परिजनों से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सलेहा के बाहर बात करते हुए थाना प्रभारी।
प्राप्त जानकारी अनुसार सलेहा थाना अन्तर्गत इटवां करहैया निवासी रीना वंशकार पति रवि वंशकार 27 वर्ष की तबियत बीती रात से खराब थी, महिला को दर्द की शिकायत थी। महिला का पति शनिवार 27 अगस्त 2022 को इलाज के लिए उसे सलेहा में स्थित बंगाली बाबू दवाखाना लेकर आया। जहां पर झोलाछाप डॉक्टर ने परीक्षण करने के बाद उपचार प्रारंभ शुरू करते हुए उसे इंजेक्शन लगाया गया। कथित तौर पर दर्द निवारक इंजेक्शन के लगाते ही असहनीय दर्द से कराहती महिला की तकलीफ और अधिक बढ़ गई। महिला को तड़पते-बैचेन होते देख अनहोनी की आशंका से घिरे परिजन तुरंत उसे लेकर स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने महिला का परीक्षण करने के उपरांत का प्राथमिक उपचार किया। लेकिन डॉक्टर के काफी प्रयास करने के बाद भी महिला को बचाया नहीं जा सका।
गलत इलाज के कारण महिला की मौत होने की खबर आने के बाद अपने अवैध क्लीनिक को बंद करके गायब हुआ झोलाछाप डॉक्टर।
रीना बाई की मौत होने की दुखद खबर जैसे ही परिजनों को पता चली मौके पर कोहराम मच गया। कथित तौर पर गलत इलाज के कारण महिला की असमय मौत होने से उपजे तनाव के बीच झोलाछाप डॉक्टर अपना दवाखाना बंद करके गायब हो गया। इस घटना से दुखी और आक्रोशित परिजनों ने स्वास्थ्य केन्द्र के बाहर हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों का कहना था कि, झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई होने के बाद ही हम शव को लेकर जाएंगे। मामले की जानकारी मिलते ही सलेहा थाना प्रभारी अभिषेक पाण्डेय हमराही बल के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। पुलिस ने परिजनों को समझाया और कार्यवाही का आश्वासन दिया। तब कहीं जाकर परिजन महिला के शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए राजी हुए।

बच्चों और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

मृतिका के पति रवि वंशकार ने बताया कि, मैं अपनी पत्नी को लेकर उपचार के लिए बंगाली दवाखाना खाना आया था। झोलाछाप डॉक्टर ने परीक्षण करने के बाद पहले एक इंजेक्शन लगाया, उसके बाद उसने बॉटल लगा दी और उसमें भी एक इंजेक्शन डाल दिया। थोड़ी देर बाद पत्नी की तबियत बिगड़ने लगी तो उसे सरकारी अस्पताल ले गये, जहां अचानक उसकी मौत हो गई। रवि ने झोलाछाप डॉक्टर पर गलत इलाज करने का आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की है। महिला की असमय मौत से उसके छोटे-छोटे बच्चों तथा परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल है।
फर्जी डॉक्टरों को स्वास्थ्य विभाग का संरक्षण !
गौरतलब है कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में गांव-गांव झोलाछाप डॉक्टरों का जाल फैला है। बगैर निर्धारित योग्यता व पात्रता के नीम-हकीम खतरे जान सरीखे ये फर्जी डॉक्टर भोले-भाले गरीब ग्रामीणों को इलाज के नाम पर लूटकर अपनी दुकान चला रहे है। सिर्फ उपचार ही नहीं ये छोटे-मोटे ऑपरेशन तक खुलेआम कर रहे हैं। कई तो शर्तिया इलाज का दावा तक करते हैं। बिना निर्धारित डिग्री और पंजीयन के क्लीनिक चला रहे झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से पन्ना जिले में हर साल मरीजों की मौत होने की ख़बरें आती हैं फिर भी इनकी अवैध क्लीनिक पर न तो ताला लग पा रहा और ना ही इनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। आम चर्चा है, कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पन्ना व खण्ड चिकित्सा अधिकारियों (बीएमओ) के अघोषित संरक्षण में जिले भर में तकरीबन 1500-2000 क्लीनिक धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले ये फर्जी डॉक्टर जिले के स्वास्थ्य महकमे के लिए कई दृष्टि से अत्यंत ही लाभकारी साबित हो रहे हैं। अवैध क्लीनिकों के संचालन से जहां सीएमचओ एवं संबधित बीएमओ ऑफिस को हर साल मोटी रकम मिल रही है वहीं ग्रामीण अंचल में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की बद्तर स्थिति पर झोलाछाप डॉक्टरों की वजह से पर्दा पड़ा हुआ है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अफसर तमाम नियम-कानूनों को दरकिनार कर और मरीजों के जीवन से समझौता करके झोलाछाप डॉक्टरों पर मेहरबान हैं। अवैध क्लीनिकों की जांच को लेकर दल गठित करने या फिर नोटिस जारी करने जैसी इनकी कार्रवाई असल में कानून का पालन सुनिश्चित कराने के बजाए इस आड़ में अवैध वसूली करने तक ही सीमित रही है।