* ढकोसला साबित हो रहे ‘नशे से दूरी के नारे’
* जिले के प्रशासनिक मुखिया को नहीं शराब तस्करी की जानकारी
* आबकारी अधिकारी से जानकारी मांगने पर ठेकेदार का मुनीम दौड़ा चला आया
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) नशे के भयंकर दुष्परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक कर नशा मुक्त समाज बनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से पन्ना पुलिस द्वारा इन दिनों ‘नशे से दूरी है जरुरी’ अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत जन-जन को नशा मुक्ति का संदेश देने विभिन्न गतिविधियों के आयोजन के बीच जिले में अलग-अलग स्थानों से शराब तस्करी के वीडियो-फोटोग्राफ्स वायरल होने से न सिर्फ अभियान का मजाक उड़ रहा है बल्कि जिम्मेदारों की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं। शराब ठेकेदार के गुर्गे खुलेआम तस्करी कर गांव-गांव, गली-गली शराब पहुंचा रहे हैं। आंचलिक क्षेत्रों में गांव-गांव अघोषित तौर अवैध शराब दुकान संचालित होने से ‘नशे से दूरी का नारा’ क्या सफल हो पाएगा? वहीं पन्ना नगर के अंदर शराब बिक्री पर लगा प्रतिबंध भी बेअसर साबित हो रहा है। शराब की अवैध बिक्री के साथ ही अधिकतम खुदरा मूल्य (रिटेल प्राइस) से भी अधिक कीमत पर शराब बेंचकर ठेकेदार नोट छापने का काम कर रहा है। जिम्मेदारों की मेहरबानी से जिले में शराब ठेका की आड़ में मुक़म्मल तरीके से शराब माफिया राज कायम हो गया है।
वर्ष 2025-26 के लिए सम्पूर्ण पन्ना जिले का आबकारी ठेका 177 करोड़ रुपए में लेने वाले ठेकेदार का किसी भी सूरत में घाटा न हो, इसके लिए स्थानीय प्रशासन-पुलिस एवं आबकारी विभाग के अफसरों ने उसे अघोषित तौर पर लूट की खुली छूट दे रखी है। ठेकेदार पर यह मेहरबानी परस्पर स्वार्थपूर्ति के सिद्धांत पर आधारित बताई जाती है। अर्थात जब ठेकेदार को प्रॉफिट होगा तभी तो सबको महीने पर हिस्सा बंटेगा। अपना-अपना हिस्सा सुरक्षित करने के चक्कर में शराब ठेकेदार के हितैषी बने कतिपय अफसरों ने उसकी करतूतों से अपनी नजर फेर ली है।

सबसे मजेदार बात यह है कि, संभागीय मुख्यालय सागर में बैठे कमिश्नर अनिल सुचारी पन्ना जिले में निर्धारित दर से अधिक कीमत पर शराब बेंचे जाने और शराब की अवैध बिक्री को लेकर खुलकर सख्त नाराजगी जाहिर कर रहे हैं, लेकिन पन्ना में ऐसा कुछ हो रहा है, इसकी जानकारी कलेक्टर सुरेश कुमार को नहीं है। सवाल पूंछने पर वे सीधा-सपाट जवाब देते हुए कहते मुझे आप ही यह सब बता रहे है। मेरे पास तो इस संबंध में आज तक एक भी शिकायत नहीं आई। बहुत संभव है कि गांव-गांव पहुंचाई जा रही अवैध शराब को लेकर किसी ने जिले के प्रशासनिक मुखिया से लिखित शिकायत ना की हो। इसी तरह शराब के शौकीनों ने साहब के समक्ष उपस्थित होकर न बताया हो कि, हुजूर ठेकेदार हमारी जेब काट रहा है। लेकिन यहां सवाल उठता है, शिकायत न मिलने का तर्क देकर क्या सच्चाई को नकारा जा सकता है। खासकर तब जबकि शराब पीने वाले पहचान उजागर न करने की शर्त पर निर्धारित दर से अधिक कीमत पर शराब मिलने की जानकारी दे रहे हैं। वहीं शराब की दुपहिया-चार पहिया वाहनों से तस्करी किए जाने के वीडियो-फोटो सोशल मीडिया पर आए दिन वायरल हो रहे हैं।
अजयगढ़ दुकान का वीडियो हुआ था वायरल

जिले के अजयगढ़ क़स्बा में स्थित शराब दुकान से शराब की तस्करी होने का वीडियो-तस्वीरें हाल ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसमें साफ़ तौर पर देखा जा सकता है, दो व्यक्ति हाथ में शराब की पेटी लेकर दुकान से निकलते है और सामने खड़ी सफ़ेद रंग के बोलेरो वाहन में उन्हें लोड कर देते हैं। यह वीडियो-फोटोग्राफ्स शनिवार 19 जुलाई की रात्रि 10 बजकर 10 मिनिट के हैं। इसके पहले भी शराब की तस्करी के कई वीडियो वायरल हुए हैं। शराब दुकान के आसपास रहने वाले लोग नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताते हैं कि दिनभर में कई बार शराब की पेटियां दुपहिया-चार पहिया वाहनों से आसपास के गांवों में पहुंचाई जाती हैं। शराब दुकान के आसपास लगे सीसीटीव्ही कैमरों से इस बात की तस्दीक की जा सकती है। शराब तस्करी के मामले में प्रशासन के तमशबीन रुख को देखते हुए लोग खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं।
थाना के पास पकड़ी अवैध शराब

मंगलवार 22 जुलाई 2025 पन्ना जिले के रैपुरा क़स्बा में बाइक से शराब की तस्करी कर रहे दो युवकों को भगवती मानव कल्याण संगठन व भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा 2 पेटी देशी प्लेन अवैध शराब के साथ रंगे हाथ पकड़ा गया। नशामुक्ति अभियान चला रहे इन संगठनों की ओर शराब तस्करों की धरपकड़ के पूर्व पुलिस को सूचना दी गई थी। प्राप्त जानकारी अनुसार रैपुरा थाना अंतर्गत बिना नंबर की बाइक से शराब की तस्करी कर रहे दो युवकों को पटी रोड पर पुलिस थाना से महज दो सौ मीटर की दूरी पर पकड़ा गया। भगवती मानव कल्याण संगठन व भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तस्करों के कब्जे से 2 पेटी (100 पाव देशी प्लेन) अवैध शराब और हीरो कंपनी की एचएफ डीलक्स बाइक जब्त की है। पकड़े गए आरोपी संतराम निवासी अमानगंज जिला पन्ना एवं दीपराज निवासी जिला छतरपुर को रैपुरा थाना ले जाया गया। भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से दोनों शराब तस्करों के विरुद्ध बकायदा एफआईआर दर्ज कराई। यहां गौर करने वाली बात है कि, शराब के अवैध परिवहन एवं बिक्री पर रोक लगाने के लिए के लिए कार्रवाई करने वाला आबकारी विभाग अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभा रहा है। इसलिए आमलोगों को शराब माफिया के खिलाफ आगे आना पड़ रहा है।
दुकानों से क्यूआर कोड और रेट सूची गायब
जिले की सभी शराब दुकानों का ठेका इस बार एक ही ठेकेदार को मिला है। पन्ना के बाजार पर एकाधिकार होने के कारण ठेकेदार द्वारा प्रशासन सेटिंग कर मोनोपोली चलाते हुए ठेका के पहले दिन यानी 01 अप्रैल 2025 से ही निर्धारित दर से अधिक कीमत पर लगातार शराब बेंची जा रही है। लोगों से शराब की अधिक कीमत वसूलने से जुड़ीं कई ख़बरें जब मीडिया में आई तो आबकारी विभाग के अफसरों ने खानापूर्ति करते हुए शराब दुकानों के बाहर क्यूआर कोड और रेट सूची लगवाकर फोटो सेशन कराया। बताया गया कि लोग क्यूआर कोड स्कैन कर शराब के विभिन्न ब्रांड की अलग-अलग मात्रा वाली बोतलों की वास्तविक कीमत जान सकते हैं और उसी के अनुसार भुगतान कर सकते हैं। आबकारी विभाग के प्रचारजीवी निरीक्षक द्वारा इस सबके जरिए यह बताने-दिखाने की कोशिश की गई अब सबकुछ ठीक है। लेकिन सच्चाई यह है कि लोगों से आज भी शराब की अधिक कीमत वसूली जा रही है। अधिकांश शराब दुकानों से ठेकेदार ने क्यूआर कोड और रेट सूची निकलवाकर कचरे में फेंक दी। शराब ठेकेदार द्वारा चलाई जा रही मोनोपोली से प्रशासन का कथित तौर पर अनभिज्ञ होना मजाक से ज्यादा कुछ नहीं है।
डीईओ को फोन लगाते ही आया मुनीम
