
* पन्ना जिले में शराब ठेका की आड़ में खुलेआम चल रहा माफियाराज
* अजयगढ़ सहित अन्य शराब दुकानों से शराब तस्करी के वीडियो आए दिन हो रहे वायरल
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के अति पिछड़े एवं गरीब जिलों में शामिल पन्ना में चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में शराब ठेका की आड़ में संगठित माफ़ियाराज धड़ल्ले से चल रहा है। जिले में देशी एवं अंग्रेजी शराब की उपलब्धता 24X7 सुनिश्चित करके नोट छापने के मकसद से ठेकेदार ने गांव-गांव और गली-गली शराब की अवैध दुकानें खुलवा दी हैं। शराब की लाइसेंसी दुकानों से ठेकेदार के गुर्गे आसपास के गावों में खुलेआम शराब की डिलेवरी कर रहे हैं। शराब की अवैध बिक्री-तस्करी को कथित तौर पर स्थानीय प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों की मूक सहमति प्राप्त होने से हालात तेज़ी से बद से बद्तर हो चुके हैं। जिसका अंदाजा सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है कि, वर्तमान में शांतिपूर्ण माहौल को बनाए रखने और अपने बच्चों को नशे से बचाने की चुनौती से जूझ रहे आमलोग अपना काम-धंधा छोड़कर अवैध शराब की धरपकड़ करने को मजबूर हैं। जिले के रैपुरा क़स्बा के बाद शनिवार को अजयगढ़ थाना अंतर्गत ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है।
अजयगढ़ के देवरा भापतपुर गांव में बिना नंबर की बाइक से शराब की तस्करी करते युवकों को ग्रामीणों ने रंगे हाथ पकड़ लिया। इसके बाद शराब तस्करों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही कराने के लिए लगभग छह घंटे तक परेशान रहे ग्रामीणों का जो अनुभव रहा उससे जिले के आबकारी और पुलिस महकमे की मौजूदा कार्यप्रणाली की खबर मिलती है।
जिले के अजयगढ़ थाना अंतर्गत शनिवार 9 अगस्त को दोपहर लगभग 12 बजे शराब ठेकेदार के कथित दो कर्मचारी बिना नम्बर की मोटर साइकिल लेकर देवरा भापतपुर ग्राम पहुंचे तो ग्रामीणों ने घेराबंदी कर उन्हें दबोंच लिया। दोनों युवक चार पेटी देशी प्लेन शराब लिए थे। लेकिन उनके पास शराब की खरीदी और परिवहन से सम्बंधित आवश्यक वैध दस्तावेज मौजूद नहीं थे। ग्रामीणों द्वारा पूंछतांछ करने पर युवकों ने बताया कि वे शराब ठेकेदार के कर्मचारी हैं और क्षेत्र के गांवों में शराब पहुंचाने का काम करते हैं। रक्षाबंधन पर्व के पावन दिन गांवों में शराब की डिलेवरी से माहौल ख़राब होने की आशंका से आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा शराब तस्करों के फोटो-वीडियो बनाए गए ताकि बाद में कार्यवाही में किसी तरह की कोई लीपापोती न हो सके।
पुलिस को पहुंचने 3 घंटे लगे

ग्रामीणों द्वारा शराब तस्करों को पकड़ने की सूचना तुरंत थाना पुलिस को दी गई। बता दें कि, हनमतपुर पुलिस चौकी से देवरा भापतपुर ग्राम पहुंचने में बमुश्किल 10-15 मिनिट लगते हैं। लेकिन सूचना देने के 3 घंटे बाद पुलिस जवान मौके पर पहुंचे। इस बीच पुलिस की इस सुस्ती का पूरा फायदा उठाते हुए दोनों तस्कर ग्रामीणों की पकड़ से भाग निकले। मौके पर पहुंचें पुलिसकर्मियों द्वारा ग्रामीणों से शराब की पेटियां और फरार आरोपियों की बाइक की मांग की गई। जिस पर ग्रामीणों ने पुलिस जवानों को आरोपियों के फोटो-वीडियो दिखाते हुए ठेकेदार से संपर्क करके आरोपियों को मौके पर लाकर उन्हीं से अवैध शराब और बाइक की जब्ती करने की बात कही। पुलिस जवान ग्रामीणों की इस मांग पर राजी नहीं हुए। दरअसल, ग्रामीण आशंकित थे कि शराब ठेकेदार से सांठगांठ के चलते पुलिस कहीं उल्टा उन्हें ही आरोपी न बना दे। कार्यवाही के तरीके और प्रक्रिया को लेकर बने गतिरोध के चलते पुलिसकर्मी खाली हाथ वापस लौट गए। शाम लगभग छह बजे जब पुलिस अधिकारियों और थाना प्रभारी अजयगढ़ के संज्ञान में मामला लाया गया तब कहीं जाकर शराब को जब्त करके प्रकरण पंजीबद्ध करने एवं फरार आरोपियों की धरपकड़ की कार्रवाई शुरू हो सकी। बता दें कि अजयगढ़ समेत जिले की अन्य शराब दुकानों से शराब की तस्करी के वीडियो आय दिन वायरल हो रहे हैं। जिससे आबकारी एवं पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
आबकारी अधिकारी बोले निरीक्षक से बात करो
