सभा को सफल बनाने के लिए प्रचार-प्रसार में जुटे पवई विधायक
सिमरिया से शाहनगर तक विधायक मुकेश नायक का हो सकता है कड़ा विरोध
पन्ना। रडार न्यूज मध्यप्रदेश में पिछले 15 साल से विपक्ष में बैठी कांग्रेस पार्टी के लिए आगामी विधानसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण है। सत्ता में वापसी को लेकर पार्टी के दिग्गज नेता पिछले कुछ समय से लगातार प्रदेश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचकर आमसभाओं के जरिये लोगों से सीधे मुखातिब होते हुए कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हैं। पन्ना जिले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, सत्यव्रत चतुर्वेदी, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल और विधायक जीतू पटवारी के बाद कांग्रेस के स्टार प्रचारक एवं चुनाव प्रचार अभियान समिति के प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया का आगमन हो रहा है। वे यहां पवई में 5 सितंबर 2018 को विशाल आमसभा को संबोधित करेंगे। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के आगमन को लेकर जिले में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। सबसे ज्यादा हलचल पवई विधानसभा क्षेत्र में देखी जा रही है। कांग्रेस की गुटीय राजनीति में पवई विधायक मुकेश नायक को बुंदेलखंड अंचल में सिंधिया कैंप का सबसे सशक्त सिपाही माना जाता है। इसलिए विधायक जी श्री मंत के दौरे को सफल बनाने के लिए जमकर मेहनत कर रहे है। वे गांव-गांव पहुंचकर आमसभा का प्रचार-प्रसार करते हुए अधिक से अधिक संख्या में इसमें शामिल होने के लिए लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं। इसी सिलसिले में पिछले दिनों विधायक मुकेश नायक ने जिले की तीनों विधानसभाओं में संगठनात्मक बैठकें लेकर आमसभा को सफल बनाने के लिए पार्टी पदाधिकारियों के साथ मिलकर विस्तृत रूपरेखा बनाई है।
इस कार्यक्रम को भव्य और ऐतिहासिक बनाकर पवई सीट से पुनः कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अपने नाम का ऐलान कराने पर नायक का जहां पूरा जोर रहेगा वहीं पार्टी में उनके धुर विरोधी माने-जाने वाले नेता भी इस महत्वपूर्ण अवसर का लाभ उठाने के लिए सक्रिय हो गये हैं। दोनों तरफ की तैयारियों को देखते हुए स्थानीय स्तर पर कांग्रेस के अंदरखाने यह चर्चा जोरों पर है कि सिंधिया के दौरे पर जबरदस्त घमासान और शक्ति प्रदर्शन देखने को मिल सकता है। वैसे भी जब से यह खबर आई है कि पवई से विधायक मुकेश नायक को पुनः अवसर देने की सहमति प्रदेश स्तर पर बन चुकी है, तब से स्थानीय पार्टी नेता खुलकर उनके विरोध में आ गये हैं। पवई से कांग्रेस के टिकिट के जितने भी अन्य दावेदार हैं वे एक साथ आकर मुकेश नायक को पार्टी के अंदर और बाहर घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।
मालूम हो कि 5 सितंबर को सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पड़ोसी जिला दमोह के रास्ते सिमरिया से पन्ना जिले के पवई विधानसभा क्षेत्र में प्रवेश करेंगे। यहां से मोहन्द्रा, पवई, शाहनगर होते हुए वे कटनी के लिए प्रस्थान करेंगे। पवई में जारी सियासी हलचल से जो खबरें निकलकर बाहर आ रहीं हैं उनके अनुसार विधायक मुकेश नायक का सिमरिया से लेकर शाहनगर तक कड़ा विरोध हो सकता है। पार्टी में उनका विरोधी खेमा लोगों के साथ की गई अभद्रता और वादाखिलाफी के मुद्दे पर नायक को घेरेगा। इसके अलावा सर्वदलीय क्षेत्रीय संघर्ष समिति की और से कांग्रेस चुनाव प्रचार अभियान समिति प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया के समक्ष क्षेत्रीय व्यक्ति को प्रत्याशी बनाने की मांग पुरजोर तरीके से की जाएगी। राजनीति के मंजे खिलाड़ी मुकेश नायक को अपना विरोध होने का भलीभांति एहसास है इसलिए उन्होंने इसे काउंटर करने की पुख्ता रणनीति बनाई है। उनके करीबियों मानें तो विधायक समर्थक भी इस बार पूरे जोश में हैं।
दरअसल मुकेश नायक पिछले साढ़े चार सालों में पार्टी में अपने विरोधियों के हर प्रहार को अब तक खामोशी के साथ झेलते रहे हैं, परिणामस्वरूप विरोधी दलों के बजाय उनकी अपनी पार्टी के नेता ही आज उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुके हैं। पिछले महीने जन जागरण पोल-खोल यात्रा के दौरान और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सुधांशु त्रिपाठी के आगमन पर सिमरिया में जो कुछ हुआ वह अप्रत्याशित था। हाल ही में कांग्रेस में सक्रिय हुए और युवा कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष पद से नवाजे गये भुवन सिंह के लिए उनके समर्थक जिस आक्रामक अंदाज में पवई से टिकिट की मांग कर रहे हैं उससे हर कोई हैरान है। उधर नायक के धुर विरोधी अनिल तिवारी, अरुण पाल सिंह बुंदेला, रावेन्द्र सिंह, गिरधारी लोधी, प्रह्लाद सिंह लोधी आदि नेता क्षेत्रीय प्रत्यासी की मांग पर एकजुटता दिखाते हुए पार्टी नेतृत्व पर जनभावनाओं के अनुरूप क्षेत्रीय व्यक्ति को टिकिट देने का दबाब बनाते हुए मुकेश की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
कथित रूप से पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ मुकेश नायक की मदद करने वाले जिला सहकारी बैंक पन्ना के पूर्व अध्यक्ष संजय नगायच भी इस बार उनके खिलाफ पूरे दमखम से सक्रिय हैं। नगायच ने अपने इन दोनों विरोधियों को एक साथ निपटाने के लिए सर्वदलीय संघर्ष समिति का परचम मजबूती से उठा लिया है। वे इन दिनों क्षेत्रीयता की भावना को उभारते हुए भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलों से क्षेत्रीय नेताओं को टिकिट दिलाने अभियान चला रहे हैं। चुनाव में कौन सी पार्टी किसे अपना प्रत्याशी बनाती है यह तो आने वाला समय ही बतायेगा लेकिन फ़िलहाल पवई का सियासी माहौल जिस तेजी से घमासान की और बढ़ रहा उसका असर सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के दौरे में दिखना लगभग तय माना जा रहा है।