घायल बाघ को बाड़े में रखकर डेढ़ माह तक किया इलाज, घाव ठीक होने पर जंगल में छोड़ा

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पन्ना टाइगर रिजर्व के युवा पी-243 का घाव ठीक होने पर मंगलवार को उसे जंगल में स्वछंद विचरण करने छोड़ दिया गया।

*    पीटीआर के बाघ पी-243 के सिर पर था गहरा जख्म

*    इलाज को लेकर वन्यजीव प्रेमियों ने उठाई थी आवाज़

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से युवा बाघ पी-243 को लेकर अच्छी खबर आई है। सिर पर चोट लगने से गंभीर रूप से घायल युवा बाघ समुचित इलाज मिलने और लगभग डेढ़ माह तक वन्यप्राणी स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर संजीव गुप्ता की सतत निगरानी रहने के बाद अब पूरी तरह ठीक हो चुका है। वर्तमान में बाघ की हालत सामान्य होने पर मंगलवार 3 जून को उसे जंगल में स्वछंद विचरण के लिए छोड़ दिया गया। बाघ को बाड़े की कैद से आजाद करने के दौरान पीटीआर (Panna Tiger Reserve) के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे। अब जंगल की खुली हवा में सांस ले रहे इस युवा बाघ की निगरानी पार्क हाथियों और कर्मचारियों द्वारा की जा रही है।
पन्ना टाइगर रिजर्व के भ्रमण के दौरान पर्यटकों की नजर गंभीर रूप से जख्मी युवा टाइगर पी-243 पर पड़ी थी। पर्यटकों द्वारा बाघ के फोटो-वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जाने से जब यह खबर फैली तो हड़कंप मच गया। वन्यजीव प्रेमियों (Wildlife Lovers) ने बाघ की हालत को लेकर गहरी चिंता जताते हुए पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन की निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े किये। साथ ही तुरंत उसका इलाज करवाने की मांग उठाई थी। पन्ना पार्क प्रबंधन की ओर से बरती जा रही घोर उदासीनता के कारण बाघ का जीवन संकट में पड़ने से जुड़ीं ख़बरों को स्थानीय मीडिया द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित-प्रसारित की गईं। तब कहीं जाकर पन्ना टाइगर रिजर्व के जिम्मेदार अफसर गहरी नींद से जागे और तिल-तिल मरते बाघ के इलाज की सुध ली।
पन्ना पार्क (पन्ना टाइगर रिजर्व) के परिक्षेत्र हिनौता में विगत माह 20 अप्रैल 2025 को घायल बाघ को ट्रेंकुलाइज (बेहोश) कर बड़गड़ी स्थित बाड़े में रखा गया था। जहां वन्यप्राणी स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर संजीव गुप्ता ने उसका उपचार कर सतत निगरानी की। फलस्वरूप लगभग डेढ़ माह बाद युवा टाइगर पी-243 के घाव (Wound) ठीक होने पर मंगलवार 3 जून 2025 की शाम उसे बाड़े की कैद से आजाद कर दिया। पन्ना टाइगर रिजर्व की क्षेत्र संचालक अंजना सुचिता तिर्की ने प्रेस में जारी विज्ञप्ति में बताया, वर्तमान में युवा बाघ के घाव ठीक होने पर मंगलवार शाम 6 बजे स्वछंद विचरण हेतु बाड़े का दरवाजा खोला गया। करीब 2 घण्टे बाद देर शाम 8 बजे बाघ बाड़े से निकलकर पुनः जंगल में चला गया। इस दौरान पन्ना टाइगर रिजर्व के उप संचालक मोहित सूद, परिक्षेत्र अधिकारी हिनौता एवं हाथी महावत उपस्थित रहे। क्षेत्र संचालक ने जानकारी दी है कि, बाघ पी-243 की निगरानी पार्क के हाथियों एवं कर्मचारियों द्वारा की जा रही है।