जलभराव से आवागमन हुई परेशानी, कई दुकानों में घुसा पानी
पानी की निकासी के बाद सड़कों पर फैला कीचड़ और गंदगी
आकाश बहेरे, मोहन्द्रा। रडार न्यूज़ मानसून की पहली जोरदार बारिश मोहन्द्रा के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई। शनिवार को करीब एक घंटे तक झमाझम बारिश होने से लोगों को उमस भरी बेहाल करने वाली गर्मी से फौरी तौर पर राहत तो मिल गयी लेकिन वर्षा जल निकासी की समुचित व्यवस्था ना होने से सड़कों पर जल भराव के चलते लोगों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं।

सबसे अधिक समस्याग्रस्त इलाका मोहन्द्रा का बस स्टैण्ड है। जहां कि सड़कें बारिश के पानी में पूरी तरह डूबी रहीं। यहां का दृश्य किसी नदी की तरह प्रतीत हो रहा था। व्यवसायिक गतिविधि वाले गावं के इस मुख्य इलाके में जलभराव के कारण बारिश का पानी कई दुकानों के अंदर तक पहुंच गया। जिसे लेकर दुकानदार तनाव के बीच अपने सामान को सुरक्षित करने के लिए खासी मशक्कत करते नजर आये। सबसे ज्यादा मुसीबत में फुटफाथी दुकानदार रहे जिनका सामान ही सड़क में भरे पानी में तैरने लगा। बेचारे छोटे दुकानदार जल्दी-जल्दी अपनी दुकान समेटकर बमुश्किल अपना सामान सुरक्षित कर पाए।
गंदगी से बजबजा रहीं नालियां-

इस बीच नालियों की सफाई के अभाव में गंदा पानी गीले और सूखे कचरे के साथ घुटनों तक सड़कों पर बहता रहा। बस्ती के अंदर भी यही हाल है। नालियां कचरे से पटी पड़ी है। कई जगह नालियां जाम है। गावं की हालत यह है कि थोड़ी देर भी बारिश हो जाए तो लोगों का सड़क पर पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। नतीजतन पूरे गांव में कंक्रीट सड़क से पानी के बह जाने के बाद भी सीसी सड़कें कीचड़ से सराबोर है। मोहन्द्रा के बस स्टैंड में अस्पताल रोड, बाजार रोड व पान मंडी में बारिश हो जाने के बाद पैर रखने के लिए भी जगह नहीं होती। स्थानीय लोगों की मानें तो नालियों कि साफ-सफाई हुए अरसा गुजर गया। सरपंच-सचिव ने बारिश के पूर्व नालियों की साफ सफाई की सुध नहीं ली और अब भी जटिल हो चुकी इस समस्या के समाधान को लेकर गंभीर नहीं है। बरसात का मौसम होने के चलते नालियों में जमा पानी से मच्छर भी तेजी से बढ़ रहे है।
सफाई नहीं हुई सिर्फ आश्वासन मिले-
स्वच्छ भारत अभियान के ढिंढोरे के बीच हर तरफ फ़ैली गंदगी से मौसमी बीमारियों के प्रकोप का खतरा बढ़ गया है। मोहन्द्रा में बस्ती के अंदर बड़े क्षेत्र में गंदे पानी की निकासी के लिए नालियां नहीं है और जहां नालियां हैं वे सफाई के आभाव में चोक पड़ी हैं। नालियों से उठती भीषण दुर्गंध से घर के अंदर तक लोगों का जीना मुहाल है। जरा सोचिये रास्तों से गुजरने वालों की क्या हालत होती होगी। इन हालत में गावं में मलेरिया और डेंगू फैलने से इंकार भी नहीं किया जा सकता। बाजार रोड में मंदिर के सामने नालियों का पानी बहता है। वहां इसी गंदे पानी से ऊपर होकर लोग मंदिर में प्रवेश करने को मजबूर हैं। कुछ रोज पहले सामुदायिक भवन में जिला और जनपद सीईओ ने लोगों से समस्यायें सुनीं जिसमें गांव में साफ-सफाई करवाने की मांग की गई थी। देखने वाली बात है कि आश्वासन मिलने के कितने दिनों बाद साफ-सफाई होती है।
निभानी होगी अपनी जिम्मेदारी-

गांवों में लंबे समय से काम कर रहे पन्ना जिले के प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता रामऔतार तिवारी का मानना है कि आपेक्षित जनसहयोग बिना के कोई भी व्यवस्था कारगर तरीके से नहीं चल सकती है। हमारे गांवों में भीषण गंदगी और जल भराव की समस्या काफी जटिल हो चुकी है। श्री तिवारी के अनुसार इस समस्या से निपटने के लिए ग्राम पंचायत के साथ आम लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए ईमानदारी से उसके निर्वहन को अपनी आदत बनाना होगा।अर्थात जहां नालियों हैं उन्हें चोक होने से रोकने के लिए पॉलीथीन या कोई ऐसी चीज नालियों में ना डालें।

हर दिन अपने घर की ही तरह अपने पड़ोस में साफ-सफाई रखें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। मच्छरों की रोकथाम के लिए अपने आसपास नालियों में जला हुआ मोबिऑइल डालें। यह सुनिश्चित करें कि नाली का पानी कहीं अवरूद्ध ना हो। कचरे को नियत स्थान पर ही फेकें। साथ ही नालियों को क्षतिग्रस्त होने से रोकने के लिए उनके ऊपर कोई निर्माण ना करें और उन्हें ढंककर रखें। नालियों के निर्माण में कोई अनावश्यक अवरोध पैदा न करें। वहीं पंचायत को भी चाहिए कि नालियों और बस्ती की नियमित अंतराल पर साफ़-सफाई कराई जाए। गंदे पानी की निकासी के लिए प्राथमिकता से नालियों के निर्माण सहित स्वछता बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाये जाएं। समुदाय को स्वछता के प्रति जागरूक करते हुए इसके लिए लोगों को प्रेरित करने आवश्यक वातावरण का निर्माण किया जाये। सामाजिक कार्यकर्ता रामऔतार तिवारी का कहना है कि इन दो तरफा प्रयासों से स्वछता भी आएगी और गावं का कायाकल्प भी संभव हो सकेगा।
इनका कहना है-
“साफ-सफाई के कार्य निरंतर चल रहे हैं, मोहन्द्रा ग्राम की भी समुचित सफाई कराई जायगी। इसके लिए पंचायत सचिव को तुरंत निर्देश देता हूं।“
–सतीश सिंह नागवंशी, सीईओ जनपद पंचायत पवई जिला पन्ना।”
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