
* ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का पन्ना में दिखा मिला-जुला असर
* हीरा खनन परियोजना, बीएसएनएल एवं एलआईसी कर्मचारियों ने किया धरना-प्रदर्शन
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) केन्द्र की मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ आज बुधवार 9 जुलाई 2025 को 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं अन्य स्वतंत्र महासंघों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का मध्य प्रदेश के पन्ना में मिला-जुला असर दिखा। राष्ट्रव्यापी हड़ताल में केन्द्र सरकार के विभिन्न सार्वजानिक उपक्रमों के कर्मचारियों एवं श्रमिकों ने सहभागिता कर अपनी आवाज़ बुलंद की। भारत बंद का सर्वाधिक असर भारतीय जीवन बीमा निगम के स्थानीय कार्यालय में देखा गया। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से वहां कामकाज दिनभर प्रभावित रहा।
पन्ना के मझगवां में स्थित एनएमडीसी लिमिटेड (NMDC Limited) की हीरा खनन परियोजना (Diamond Mining Project) में इंटक (INTUC) ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल को अपना समर्थन दिया। यहां इंटक से से सम्बद्ध कर्मचारियों/ठेका श्रमिकों ने परियोजना के गेट के बाहर एकत्र होकर केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। सांकेतिक विरोध-प्रदर्शन के बाद डीएमपी के सभी कर्मचारी कालीपट्टी लगाकर अपनी ड्यूटी पर चले गए। पन्ना जिला मुख्यालय में स्थित भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के कर्मचारियों ने भारत बंद का समर्थन करते हुए कार्यालय परिसर में जमकर हल्लाबोला। उल्लेखनीय है कि हीरा खनन परियोजना सहित अन्य संस्थानों में भारतीय मजदूर संघ (BMS) से जुड़े कर्मचारी तथा श्रमिक आज के भारत बंद में शामिल नहीं हुए। वहीं पन्ना की बैकिंग सेवाएं, डाक सेवाएं राष्ट्रव्यापी हड़ताल से पूर्णतः अछूती रहीं। अर्थात राष्ट्रीयकृत बैंकों एवं डाकघरों में कामकाज रोज की तरह सामान्य गति से चलता रहा।
श्रमिक विरोधी 4 संहिताओं को रद्द किया जाए
केंद्रीय व्यापार संघों (केंद्रीय ट्रेड यूनियनों) और स्वतंत्र महासंघों के संयुक्त मंच द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी औद्योगिक हड़ताल को इंटक यूनियन द्वारा एनएमडीसी लिमिटेड की हीरा खनन परियोजना (Diamond Mining Project) मझगवां में अपना समर्थन दिया। डीएमपी में सुबह के समय एकत्र इंटक के पदाधिकारियों, सदस्यों एवं कर्मचारियों को महामंत्री चंद्रदेव यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि, यह हड़ताल श्रमिकों और देश के नागरिकों की चिंता और आकांक्षा की एक सामूहिक अभिव्यक्ति है। यह मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए एक शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक कार्रवाई के रूप में की जा रही है जो लाखों कामकाजी लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। इस अवसर इंटक नेता श्री यादव ने हड़ताल की 9 सूत्रीय जायज़ एवं लंबित मांगों का प्रमुखता से उल्लेख किया। साथ ही तत्परता से सभी मांगों का निराकरण किए जाने को लेकर नारेबाजी की गई।
लंबित मांगों में मुख्य रूप से- चार श्रम संहिताओं को रद्द किया जाए जो श्रमिकों के कड़े मेहनत से अर्जित अधिकारों को कम करती हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और सरकारी विभागों के निजीकरण को रोका जाए और राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को रद्द किया जाए। ठेका प्रणाली और निश्चित अवधि की नौकरी को समाप्त किया जाए और सभी के लिए नियमित रोजगार सुनिश्चित किया जाए। सभी श्रमिकों के लिए रुपए 26,000 प्रति माह का न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया जाए, जो मुद्रास्फीति से जुड़ा हो। न्यूनतम पेंशन रुपए 9,000 प्रति माह सुनिश्चित की जाए और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों सहित सभी श्रेणियों के श्रमिकों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए। राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) को रद्द करने और सभी सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने सहित अन्य मांगें शामिल हैं। डीएमपी के बाहर हुए सांकेतिक प्रदर्शन में इंटक पदाधिकारी रामसुख, सुरेश अनुरागी, समीर प्रधान ,भागवत सिंह, शंकर साखरे, मोहित सैनी व अन्य कर्मचारी गण उपस्थित रहे।
एलआईसी ऑफिस के बाहर दिया धरना
