पन्ना : नगरीय निकाय चुनाव में पहले चरण में खिला कमल, पन्ना-अजयगढ़ व देवेंद्रनगर में भाजपा की एकतरफा जीत

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फाइल फोटो।

*    ककरहटी नगर परिषद के 15 में से 8 वार्डों में निर्दलीय जीते, 6 पर भाजपा

*    बृजेन्द्र प्रताप और वीडी शर्मा के निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी पहले से अधिक मजबूत

  कांग्रेस की शर्मनाक हार ने नेतृत्व और संगठन की कमजोर स्थिति को किया उजागर

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) नगरीय निकाय चुनाव-2022 के प्रथम चरण के आज घोषित नतीजों में पन्ना जिले के चार निकायों में से तीन पर सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी ने एकतरफा जीत दर्ज कराई है। नगर पालिका परिषद पन्ना, नगर परिषद अजयगढ़ व देवेंद्रनगर में कमल खिला है। जबकि नगर परिषद ककरहटी के 15 में से 8 वार्डों पर पार्षद पद के निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत का परचम लहराकर सबकों चौंका दिया। करकरहटी के 6 वार्डों में भाजपा के पार्षद प्रत्याशी विजयी हुए हैं। निकाय चुनाव के पहले चरण में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी को बेहद शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। इन नतीजों ने जिले में कांग्रेस पार्टी के मौजूदा नेतृत्व की कमजोरियों और संगठन की लचर स्थिति को उजागर कर दिया है।
जिले की एकमात्र नगर पालिका परिषद पन्ना में कांग्रेस का चुनावी माहौल शुरूआती दौर में ही काफी ख़राब हो गया था। खासकर तब जब नामांकन फार्म वापसी के दौरान पन्ना नगर पालिका के वार्ड क्रमांक- 3 एवं 19 के कांग्रेस प्रत्याशियों ने अपने फार्म वापस लेकर क्रमशः भाजपा प्रत्याशी उमा पाठक व मीना पाण्डेय को निर्विरोध निर्वाचित कराने का खेला किया था। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम के बाद नगर में आम चर्चा रही, कांग्रेस नेतृत्व ने भाजपा के दिग्गज नेताओं की पत्नियों की नपा अध्यक्ष पद की राह को आसान बनाने के लिए कथित तौर सेटिंग के तहत उन्हीं के लोगों को जानबूझकर कांग्रेस से उम्मीदवार बनाया था। नतीजतन दो प्रत्याशियों के द्वारा चुनावी मैदान छोड़ने, कई वार्डों में अपेक्षाकृत कमजोर पार्षद प्रत्याशियों को टिकिट देने तथा ककरहटी नगर परिषद के 15 में से 10 वार्डों पर कांग्रेस पार्टी को प्रत्याशी तक ढूंढे नहीं मिलने के मद्देनजर लोग बेहिचक कहने लगे थे कांग्रेस का आग़ाज़ जब इतना ख़राब है तो फिर अंजाम भी ऐसा ही होगा। आज ईवीएम से बाहर आए नगर सरकार के प्रथम चरण के चुनावी नतीजों में कांग्रेस का परफॉर्मेंस बेहद पुअर रहने से लोगों की आशंका सही साबित हुई है।

सेमीफाइनल की जीत से फ़ाइनल की राह आसान !

पन्ना के वार्ड क्रमांक-15 से निर्विरोध निर्वाचित हुईं संगीता राय को जीत का प्रमाण पत्र देते कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी पन्ना संजय कुमार मिश्र।
मध्यप्रदेश में वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहे जा रहे निकाय चुनाव में प्रदेश के खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद वीडी शर्मा के निर्वाचन क्षेत्र पन्ना जिले में भारतीय जनता पार्टी को मिली ऐतिहासिक जीत से पार्टी पहले से अधिक मजबूत बनकर उभरी है। जिले के तीन नगरीय निकायों नगर पालिका परिषद पन्ना, नगर परिषद अजयगढ़ व देवेन्द्रनगर भाजपा के पार्षद प्रत्याशियों की शानदार जीत को सूबे की शिवराज सरकार की नीतियों-कार्यक्रमों को व्यापक जनसमर्थन बरक़रार रहने का स्पष्ट संकेत-सन्देश माना जा रहा है। जानकर निकाय चुनाव के नतीजों को भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव की राह आसान होने के तौर देख रहे है। हालांकि विधानसभा चुनाव में अभी एक साल का समय शेष है तब तक क्या स्थितियां बनतीं हैं इस बात पर काफी कुछ निर्भर करेगा। इसलिए अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना शायद जल्दबाजी होगी।

जल संकट और वार्ड की समस्याएं बेअसर

मालूम हो कि, पन्ना में भीषण जल संकट के बीच निकाय चुनाव संपन्न हुए जिसके चलते भाजपा के प्रत्याशियों को पूरे समय यह डर सताता रहा है कि उन्हें मतदाताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा यह भी माना जा रहा था कि जिन वार्डों में बुनियादी सुविधाओं के आभाव से लोग जूझ रहे हैं या फिर समस्याओं का अंबार है वहाँ एंटी इनकम्बेंसी फैक्टर प्रभावी रहेगा। जिसके चलते लोग सत्ताधारी दल भाजपा के खिलाफ जाकर वोट कर सकते हैं। इसलिए भाजपा के कुछ प्रत्याशी यह मन ही मन यह मानकर चल रहे थे कि उन्हें शायद उम्मीद के मुताबिक जन समर्थन नहीं मिलेगा। लेकिन रविवार 17 जुलाई की सुबह पन्ना के पॉलिटेक्निक कॉलेज में मतगणना शुरू होने पर जब ईवीएम मशीनों को खोला गया तो 26 में से 17 वार्डों में चली भाजपा की जबर्दस्त आंधी में सारी आशंकाएं सूखे पत्तों की तरह उड़ गईं। वहीं पन्ना के वार्ड क्रमांक- 3 एवं 19 से भाजपा प्रत्याशी रहीं क्रमशः उमा पाठक व मीना पाण्डेय पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुकी हैं।

जनादेश ने साबित किया जनता भाजपा के साथ

पन्ना के युवा पत्रकार नीलमराज शर्मा नीलू ने भाजपा की इस प्रचण्ड जीत पर टिप्पणी करते हुए कहा, ” भारतीय जनता पार्टी की जीत से यह तय हो गया है कि पन्ना में सिर्फ समस्याओं का हौवा खड़ा किया गया है, जमीनी स्तर पर लोगों को कोई परेशानी नहीं है। इसलिए भाजपा प्रत्याशियों को जनता का भरपूर समर्थन मिला है।” विदित हो कि, नगर पालिका एवं नगर परिषदों में इस बार अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से अर्थात पार्षदों के द्वारा होना है। आज घोषित हुए नगरीय निकाय चुनाव के प्रथम चरण के नतीजों से यह साफ़ हो गया है, पन्ना समेत जिले के चारों निकायों में भाजपा के अध्यक्ष बैठेंगे और परिषदों में भाजपा का पूर्ण बहुमत रहेगा।

भाजपा के पन्ना में 19, अजयगढ़ में 11 पार्षद जीते

पन्ना के वार्ड क्रमांक-19 से निर्विरोध निर्वाचित हुईं मीना पाण्डेय को जीत का प्रमाण पत्र देते कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी पन्ना संजय कुमार मिश्र।
नगरीय निकाय निर्वाचन-2022 के प्रथम चरण में पन्ना जिले के घोषित चुनाव परिणाम अनुसार पन्ना नगर पालिका परिषद के 28 में से 19 वार्डों पर भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी विजयी हुए हैं। कांग्रेस पार्टी सिर्फ 6 पार्षदों तक सिमट गई। इसके अलावा 3 निर्दलीय उम्मीदवार भी जीते हैं। नगर पंचायत अजयगढ़ के 15 में से 11 वार्डों में भाजपा के पार्षद प्रत्याशियों ने जीत दर्ज कराई है। यहां कांग्रेस को सिर्फ 2 सीटें मिलीं और इतनी ही सीटें निर्दलीयों के खाते में आई हैं। नगर परिषद देवेन्द्रनगर के 15 वार्डों में से भाजपा 8, कांग्रेस 4, अन्य को 3 वार्डों में सफलता मिली है। नगर परिषद ककरहटी के 15 वार्डों में से 8 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं। जबकि भाजपा 6 और कांग्रेस के खाते में सिर्फ 1 सीट आई है। ककरहटी में कांग्रेस की शर्मनाक स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, वहां तकरीबन 10 वार्डों में कांग्रेस नेतृत्व प्रत्याशी भी नहीं उतार सका। गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ककरहटी नगर परिषद में लोगों ने निर्दलीय चुनाव लड़ना बेहतर समझा। मगर, कांग्रेस का टिकिट लेने को कोई तैयार नहीं हुआ। पन्ना जिले की आरक्षित गुनौर सीट से कांग्रेस के इकलौते विधायक शिवदयाल बागरी के क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी की इतनी दुर्गति आखिर क्यों हुई प्रदेश नेतृत्व को इस पर गंभीरता पूर्वक विचार करने की जरुरत है।