तालाब की खुदाई में निकले मिट्टी के घड़े में मिला मुगलकालीन ख़जाना !

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तालाब की खुदाई में मिले प्राचीन सिक्कों का पंचनामा बनाकर उन्हें अपने कब्जे में लेते हुए एसडीएम अजयगढ़ कुशल सिंह गौतम।

*   अजयगढ़ क्षेत्र में 700 नग प्राचीन सिक्के मिलने से मचा हड़कंप

*   खजाना मिलने की खबर फैलने से मौके पर बड़ी संख्या में पहुंचे लोग

मुस्तक़ीम खान/रवि यादव, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील अंतर्गत फरस्वाहा ग्राम के सिद्ध स्थल के समीप चल रहे तालाब खुदाई कार्य के दौरान आज बड़ी तादाद में प्राचीन सिक्के मिलने पर क्षेत्र में कथित तौर पर मुगलकालीन बेशक़ीमती खजाना मिलने की खबर फ़ैल गई। जंगल की आग की तरह फैली इस खबर ने लोगों को सुखद आश्चर्य से भर दिया। फलस्वरूप खजाने को देखने की उत्सुकता वश बड़ी संख्या में आसपास के लोग मौके पर पहुँच गए। इधर, सिक्के मिलने की खबर जब अजयगढ़ एसडीएम कुशल सिंह गौतम को लगी तो वे आनन-फानन पुलिस बल के साथ तुरंत फरस्वाहा पहुंचे और प्राप्त प्राचीन मुद्राओं का पंचनामा बनाकर उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। सिक्कों की संख्या 700 के करीब बताई जा रही है। तांबे जैसे प्रतीत हो रहे सिक्कों पर उर्दू/अरबी सरीकी इबारत लिखी नजर आ रही है।
तांबे जैसे दिख रहे सिक्के पर उर्दू/अरबी सरीकी इबारत लिखी है।
उल्लेखनीय है कि फरस्वाहा ग्राम में तालाब की खुदाई का कार्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत पंचायत के द्वारा कराया जा रहा है। एसडीएम अजयगढ़ कुशल सिंह गौतम ने जानकारी देते हुए बताया कि सिक्के तालाब की खुदाई दौरान निकले मिट्टी के घड़े के अंदर मजदूरों को मिले थे। प्रथम दृष्टया सिक्के मुग़लकालीन लग रहे है। आपने बताया कि सिक्कों के संबंध तथ्यात्मक जानकारी प्राप्त करने के लिए उनका परीक्षण पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञों से कराया जाएगा। जिससे वस्तु स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
फरस्वाहा ग्राम के तालाब की खुदाई में मिले प्राचीन सिक्के, जिन्हें मुग़लकालीन मुद्रा बताया जा रहा है।
अजयगढ़ क्षेत्र में आज दिन भर लोगों के बीच सिक्कों के रूप में प्राचीन खजाना मिलने की खबर चर्चा का विषय बनीं रही। मालूम हो कि, पन्ना जिला ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। जिले में जगह-जगह मौजूद पुरा संपदा इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है। जिसके मद्देनजर कुछ लोग तालाब के आसपास और भी प्राचीन संपदा मिलने की संभावना जताते हुए पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञों से स्थल का सर्वेक्षण कराकर उनकी निगरानी में खुदाई कराने की बात कह रहे हैं।