* प्रदेश के खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप, कोंग्रेस अध्यक्ष दिव्यारानी समेत 10 लोगों को मिला भू-अर्जन मुआवजा
* महारानी पन्ना ने मुआवजा राशि वसूली की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन
शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in) भ्रष्टाचार के लिए बदनाम मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में नित नई और हैरान करने वाली गड़बड़ियां सामने आ रहीं हैं। ताजा मामला नेशनल हाइवे के चौड़ीकरण के लिए हुए भू-अर्जन के मुआवजा वितरण से जुड़ा है। पन्ना शहर के बाहरी इलाके से निकले नेशनल हाइवे-75 (वर्तमान क्रमांक-39) के चौड़ीकरण के लिए तत्कालीन निर्माण एजेन्सी मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम रीवा के द्वारा कुछ भूमियों का अधिग्रहण कर उसके एवज में करीब 7 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरण किया गया। लेकिन अधिग्रहित की गई भूमियों का एक इंच उपयोग किये बगैर ही सड़क का चौड़ीकरण करते हुए इसे टू-लेन सड़क में परिवर्तित कर दिया गया। दरअसल, नेशनल हाइवे के दोनों तरफ पहले से ही काफी शासकीय भूमि पड़ी थी जिसका उपयोग कर टू-लेन मय पेव्ड शोल्डर सहित चौंड़ी सड़क एवं दोनों तरफ नाली का भी निर्माण हो गया।
इस तरह बगैर आवश्यकता के भूमि अधिग्रहण करके 7 करोड़ का मुआवजा बांटने के औचित्य पर सवाल उठना स्वभाविक है। मजेदार बात यह कि कथित तौर भू-अर्जन में हुए इस गड़बड़ी का लाभ पन्ना के जिन आधा दर्जन से अधिक लोगों को मिला है उनमें शिवराज सरकार के खनिज एवं श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, जिला कोंग्रेस अध्यक्ष दिव्यारानी सिंह मुख्य रूप से शामिल हैं। हालाँकि जब यह भू-अर्जन हुआ था उस समय बृजेन्द्र प्रताप सिंह मंत्री नहीं थे।
पन्ना के ज्वलंत मुद्दों को उठाकर पिछले कुछ समय से सुर्ख़ियों में बनीं महारानी जीतेश्वरी देवी ने नेशनल हाइवे के भू-अर्जन मामले में अनियमितता पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पन्ना कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपकर भू-अर्जन मुआवजा राशि ब्याज समेत वापस लिए की मांग की है। महारानी के अनुसार अधिग्रहित भूमि भारतीय सेना की है। उन्होंने शुक्रवार को इस मुद्दे पर एक प्रेस वार्ता भी की। जिसमें मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह एवं उनकी भाभी जिला कोंग्रेस अध्यक्ष दिव्यारानी सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अति पिछड़े पन्ना जिले को कतिपय भाजपाई और कोंग्रेसी नेता मिलकर लूट रहे हैं। नेशनल हाइवे के चौड़ीकरण हेतु भू-अर्जन कर उक्त भूमियों को उपयोग से मुक्त रखने का मामला इसका एक जीवंत उदाहरण है। महारनी जीतेश्वरी देवी ने पन्ना के अहम मुद्दों पर क्षेत्रीय सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की रहस्मयी चुप्पी को लेकर सवाल उठाते हुए उनकी भूमिका की तीखी आलोचना की है।
उल्लेखनीय है कि, नेशनल हाइवे क्रमांक-39 के पन्ना-सतना खण्ड अंतर्गत पन्ना शहर के अंदर चौड़ीकरण हेतु निर्माण एजेंसी एमपीआरडीसी रीवा की मांग पर पन्ना जिला प्रशासन के द्वारा कराये गए भू-अर्जन में कुल 10 लोगों को अर्जित भूमि, मकान, वृक्ष, भूमि के मूल्य पर 10 प्रतिशत विकास राशि तथा 10 प्रतिशत सर्विस चार्ज सहित कुल प्रतिकर राशि- 6,98,28,804.10/- रुपए का भुगतान किया गया। उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार इसमें जिला कोंग्रेस अध्यक्ष दिव्यारानी सिंह एवं कोंग्रेस नेता किशन शिवहरे की भूमि का सर्वाधिक अधिग्रहण हुआ और दोनों को इसके एवज में सबसे अधिक राशि भी मिली। जबकि मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह एवं उनके छोटे भाई लोकेन्द्र प्रताप सिंह को 49,87,015/- की मुआवजा राशि प्राप्त हुई है।
यहां बड़ा सवाल यह कि जब अधिग्रहीत की गई भूमि का कथित तौर उपयोग किये बगैर ही सड़क का चौड़ीकरण हो गया तो फिर बेबजह भू-अर्जन पर शासन के 7 करोड़ रुपए क्यों खर्चे गए। इस मामले में निर्माण एजेंसी एमपीआरडीसी रीवा के तत्कालीन तकनीकी अधिकारियों की भूमिका की जांच भी बेहद जरुरी है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भू-अर्जन के इस बहुचर्चित मामले कथित लाभार्थी भू-स्वामियों से मुआवजा राशि की वसूली होती है या नहीं।
इनका कहना है –
“अपर कलेक्टर को भूमि-अधिग्रहण सम्बंधी मामले की जांच के लिए निर्देश दिए गए हैं। संभवतः एक सप्ताह के अंदर इस मामले की वास्तविकता सामने आ जायेगी। जांच रिपोर्ट के तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।”