महाशिवरात्रि : शिव सन्देश की अलख जगाने नगर में निकाली भव्य शोभायात्रा

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ब्रह्माकुमारी संस्था पन्ना के द्वारा महाशिरात्रि पर्व पर नगर में निकाली गई भव्य शोभायात्रा में शामिल भगवान शिव-शंकर की झांकी आकर्षण का केन्द्र रही।

*   मनुष्य की आत्म-ज्योति जगाने अवतरित हुए परमात्मा शिव – बहन जी

*   ब्रह्माकुमारी संस्था ने आध्यात्मिक रीति से मनाया महाशिवरात्रि का पावन पर्व

शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in) मूल्य निष्ठ समाज के निर्माण हेतु प्रयासरत आध्यात्मिक संस्था प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के राजयोग प्रशिक्षण केन्द्र पन्ना में परमात्मा शिव के अलौकिक अवतरण का स्मरण दिवस महाशिवरात्रि का पावन पर्व आध्यात्मिक रीति से बड़े ही धूमधाम एवं हर्षोल्लाष के साथ मनाया गया। मंगलवार 01 मार्च को महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य पर राजयोग प्रशिक्षण केन्द्र पन्ना में सुबह सर्वप्रथम शिवजी के पूजन के साथ शिव ध्वजारोहण एवं दीप प्रज्जवलन किया गया। इस अवसर उपस्थित सभी भाई-बहनों ने दैवीय-गुणों को धारण करने की प्रतिज्ञा ली।
तदुपरांत नगर में परमपिता परमात्मा शिव की भव्य शोभायात्रा निकालकर जन-जन को महाशिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य बताया और भगवान शिव का सन्देश दिया गया। कार्यक्रम में श्रीमती निशा जैन पूर्व प्राचार्य उत्कृष्ट विद्यालय, श्रीमती शशि परमार जिला अध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा, श्रीमती मंजूलता जैन, सेवकराम प्राचार्य डायमण्ड पब्लिक स्कूल पन्ना, डॉ. आशीष कुमार खरे, डॉ.निधि जैन एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। महाशिवरात्रि के प्रातः कालीन कार्यक्रम में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय (राजयोग प्रशिक्षण केन्द्र) पन्ना की प्रमुख बीके सीता बहन जी ने सभी उपस्थित जनों को महाशिवरात्रि का गूढ़ आध्यात्मिक रहस्य बड़े ही सरल-सहज तरीके बताया गया।

अंधकार का विनाश करने के लिये प्रकट हुए शिव

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विद्यालय पन्ना में महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर आध्यात्मिक रीति से शिव पूजन किया गया।
इस अवसर पर बहन जी ने बताया कि, शिवरात्रि क्यों मनाते हैं- शिवरात्रि निराकार परमपिता परमात्मा शिव के दिव्य अलौकिक जन्म का स्मरण दिवस है। हम इस संसार में किसी का भी जन्मोत्सव मनाते हैं तो उसे जन्म दिवस कहते हैं भले ही वह रात्रि में पैदा हुआ हो, मानव जन्मोत्सव को जन्म-रात्रि नहीं वरन् जन्म-दिवस के रूप में मनाते हैं परन्तु शिव के जन्म-दिवस को शिवरात्रि ही कहते हैं। वास्तव में यहां शिव के साथ जुड़ी हुई रात्रि स्थूल अंधकार का वाचक नहीं है। यह आध्यात्मिक दृष्टिकोण से कल्प के अंत के समय व्याप्त घोर अज्ञानता और तमो प्रधानता का प्रतीक है।
जब सृष्टि पर अज्ञान अंधकार छाया होता है। काम, क्रोध आदि विकारों के वशीभूत मानव दुःखी व अशांत हो जाता है, धर्म, अधर्म का रूप ले लेता है, भ्रष्टाचार का चारों ओर बोलबाला होता है तब ज्ञान सूर्य परमात्मा शिव अज्ञानता रूपी अंधकार का विनाश करने के लिये प्रकट होते है। विकारी, अपवित्र दुनिया को निर्विकारी, पावन दुनिया बनाना तथा कलियुग, दुःख धाम के बदले सतयुग, सुखधाम की स्थापना करना सर्वसमर्थ परमपिता परमात्मा शिव का ही कार्य है।

अपने विकारों को शिव पर चढ़ाकर निर्विकारी बनें

महाशिवरात्रि पर्व का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए ब्रह्माकुमारी संस्था पन्ना की प्रमुख बीके सीता बहन जी।
बीके सीता बहन जी ने बताया कि, परमपिता परमात्मा शिव बिन्दु रूप हैं इसलिए भक्त-जन शिवलिंग की आराधना करते हैं, उन पर दूध मिश्रित लस्सी, बेल-पत्र और अक के फूल चढ़ाते हैं। अक के फूल एव धतूरा चढ़ाने का रहस्य यह है कि, हम अपने विकारों को उन्हें देकर निर्विकारी बन पवित्रता के व्रत का पालन करें। कलियुग के अंत और सतयुग के आदि के इस संगमयुग पर ज्ञान-सागर, प्रेम व करूणा के सागर, पतित-पावन, स्वयंभू परमात्मा शिव हम मनुष्यात्माओं की बुझी हुई ज्योति जगाने हेतु अवतरित हो चुके हैं। वे साकार प्रजापिता ब्रह्मा के माध्यम द्वारा सहज ज्ञान व सहज राजयोग की शिक्षा देकर विकारों के बंधन से मुक्त कर निर्विकारी पावन देव पद की प्राप्ति कराकर दैवी स्वराज्य की पुनः स्थापना करा रहे हैं। इसलिए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय 86 वीं महाशिवरात्रि का पावन पर्व बहुत धूमधाम से मना रहा है।
बहनजी ने इस पावन अवसर पर लोगों से आव्हान किया, आईये हम सभी इसमें शामिल हो, निर्विकारी एवं व्यसन मुक्त बनने की प्रतिज्ञा लें। कार्यक्रम में उपस्थित रहे गणमान्य नागरिकों ने भी अपने विचार व्यक्त किए एवं कार्यक्रम की सराहना की।

नगर में गूंजा परमात्मा शिव का सन्देश

महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विद्यालय द्वारा परम्परागत तरीके से पवित्र नगर पन्ना में भव्य शोभायत्रा निकाली गई। जिसमें संस्था से जुड़े भाई-बहन बड़ी संख्या में शामिल हुए। अधिकांश लोगों ने श्वेत वस्त्र धारण कर रखे थे। शोभायत्रा में अनुशासित तरीके से कतारबद्ध होकर चल रहे भाई-बहनों के द्वारा जन-जन को परमपिता परमात्मा शिव के अवतरण का दिव्य संदेश दिया गया। शोभायात्रा में शामिल शिव-शंकर की झांकी आकर्षण का केन्द्र रही।
महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विद्यालय पन्ना के द्वारा नगर के मुख्य मार्गों से भव्य शोभायात्रा निकाली गई।
शोभायात्रा में सम्मलित भाई-बहनें हाथों में तख्तियां, पोस्टर-फ्लैक्स, ध्वज लेकर चल रहे थे। जिनके माध्यम से नगरवासियों को बताया गया कि अंधकार रुपी कलयुग जा रहा है और आलौकिक ज्योतिर्मय सतयुग आ रहा है। भव्य शोभायत्रा नगर के जिस भी मार्ग से होकर निकली लोग इसे देखने कुछ देर के लिए वहीं रुक गए। इस दौरान समूचा नगर भगवन शिव के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। शोभायत्रा मुख्य मार्गों से होते हुए वापस ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विद्यालय पहुंचकर संपन्न हुई। तदुपरांत प्रसाद वितरण किया गया।