मध्यप्रदेश: सालों पुराने मदरसा को प्रशासन ने देर रात बुलडोजर चलवाकर जमींदोज कराया

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पन्ना की बीड़ी कॉलोनी में शासकीय भूमि पर कई वर्षों से निर्मित रहे इस मदरसे को बीती रात प्रशासन ने बुलडोजर चलवाकर तोड़ डाला। (फाइल फोटो)

  शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर अवैध निर्माण के चलते की गई कार्यवाही

  भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का बयान आने के बाद हरकत में आया प्रशासन

 मदरसा से अवैध गतिविधियां संचालित होने के आरोपों पर अफसरों के अजीबोगरीब जवाब

पन्ना।(www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना जिला मुख्यालय में शासकीय भूमि पर निर्मित मदरसा को बीती रात जिला प्रशासन ने बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त करवा दिया। मदरसे के अवैध निर्माण की शिकायत संबंधी मामला पिछले कुछ दिनों से स्थानीय मीडिया की सुर्ख़ियों में बना हुआ था। इस पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष एवं खजुराहो सांसद विष्णु दत्त शर्मा का बयान आने के बाद हरकत में आए प्रशासन ने तेजी से आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करते हुए शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात दो बुलडोजर चलवाकर मदरसा को जमींदोज करवा दिया। लगभग 30 सालों से संचालित मदरसे में वर्तमान में आधा सैंकड़ मुस्लिम बच्चे धार्मिक शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। कई सालों तक चंदा एकत्र कर जुटाई गई राशि से निर्मित मदरसा के टूटने से मुस्लिम समाज के लोग दुखी और निराश हैं। मदरसा से कथित तौर अवैध गतिविधियां संचालित होने के आरोपों को लेकर समाज के लोगों में गहरी नाराजगी भी व्याप्त है। हालांकि प्रशासन एवं पुलिस ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि धार्मिक शिक्षा के केन्द्र की आड़ में किस तरह की अवैध गतिविधि संचालित की जा रही थी। जिम्मेदार अधिकारी इस सवाल का स्पष्ट जवाब देने से बच रहे हैं।

क्या है पूरा मामला

पन्ना में रात के अंधेरे में प्रशासन द्वारा दो बुलडोजर चलवाकर शासकीय भूमि पर बने मदरसा को गिराया गया।
पन्ना के बाहरी इलाके बीड़ी श्रमिकों की कॉलोनी में स्थित रहे मदरसा के संचालक अब्दुल रउफ और फर्नीचर निर्माता अब्दुल हमीद बाती के बीच लगभग 3 माह पूर्व आपसी बुराई शुरू हुई। चर्चाओं के अनुसार विवाद बढ़ने पर अब्दुल हमीद बाती ने पन्ना कलेक्टर को मदरसा और उसके संचालक के खिलाफ लिखित आवेदन पत्र दिया था। जिसमें शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर मदरसा का अवैध तरीके से निर्माण करने तथा इसकी आड़ में संचालक द्वारा अवैध गतिविधियां संचालित किए जाने के गंभीर आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की गई थी। कलेक्टर सुरेश कुमार ने जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश के साथ आवेदन को पन्ना तहसीलदार को भेज दिया। लगभग 2 माह पूर्व तहसीलदार द्वारा पन्ना पटवारी को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। पटवारी ने स्थल जांच उपरान्त प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर मदरसा का अवैध निर्माण किये जाने का उल्लेख किया। मामला अतिक्रमण का पाए जाने पर तहसीलदार ने अपने न्यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए मदरसा संचालक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया। संचालक अब्दुल रउफ ने न्यायालय को बताया लगभग 1000 स्क्वायर फिट भूमि बच्चों की शिक्षा के लिए तत्कालीन ग्राम पंचायत पुराना पन्ना द्वारा आवंटित की गई थी। जहां मदरसा 25-30 वर्षों से निर्मित एवं संचालित है। मीडिया में आई कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया कि शासकीय भूमि पर लगातार अतिक्रमण करते हुए मदरसा का विस्तार लगभग 5000 स्क्वायर फिट भूमि पर कर लिया गया था।

वीडी का बयान आने के बाद हुई त्वरित कार्यवाही

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा।
गत दिनों भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा पन्ना प्रवास पर आए थे। इस दौरान मंगलवार 8 अप्रैल को शिकायतकर्ता अब्दुल हमीद बाती ने उनसे मुलाकत कर मदरसा मामले से अवगत कराते हुए कार्रवाई की मांग की। इसके तुरंत बाद वीडी का मदरसा मामले पर बयान आया। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कतिपय मीडियाकर्मियों को जानकारी दी कि, ‘मुझे एक अल्पसंख्यक भाई ने बताया कि पन्ना के अंदर वक़्फ़ सम्पत्ति के नाम पर एक अवैध मदरसा चल रहा है। अल्पसंख्यक भाई ने मुझे बताया हमने अवैध मदरसे की शिकायत की है और हम इस मामले में कोर्ट जा रहे हैं। वहां अवैध गतिविधियां चलती हैं यह पन्ना के लिए दुर्भाग्यजनक। आपसे हमारा अनुरोध है सरकार उसे बंद करवाएं। श्री शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा था कि वक़्फ़ सम्पत्ति के नाम पर गुण्डे, अपराधी, समाज विरोधी काम करने वालों के अड्डे बन गए। समाज के जो ठेकेदार हैं उन्होंने कब्जे बना लिए लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व है और गृहमंत्री अमित शाह हैं। वक़्फ़ बिल पास होकर कानून बन चुका है। अब वक्फ की सम्पत्ति गुंडों, अपराधियों से बाहर आएगी। वक़्फ़ सम्पत्तियों से अभी तक कोई आय नहीं होती थी लेकिन अब जो आए होगी वह अल्पसंख्यक भाइयों के बच्चों की पढ़ाई के लिए, उनके स्वास्थ्य एवं हमारी माताओं-बहनों के कल्याण पर खर्च होगी। उस आए से होने वाला लाभ लोगों के जीवन को बदलेगा। बता दें कि सांसद ने मदरसा मामले को गंभीरता से लेते हुए राजस्व अधिकारियों को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

9 अप्रैल को फैसला 12 को चलाया बुलडोजर

मदरसा के शेष बचे हिस्से को तोड़ने में जुटे प्रशासन के बुलडोजर।
मदरसा मामले में प्रशासन की कार्रवाई की टाइमलाइन पर गौर करें तो अतिक्रमण के इस प्रकरण का निराकरण फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट (एफ़टीसी) की तर्ज पर कर मिशाल कायम की है। सांसद वीडी शर्मा का बयान आने के अगले ही दिन यानी बुधवार 9 अप्रैल 2025 को तहसीलदार न्यायालय पन्ना में विचारधीन मदरसा मामले पर फैसला आ गया। जिसमें शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर अवैध तरीके बनाए गए मदरसा को गिराने के लिए संचालक को नोटिस जारी कर 11 अप्रैल तक तक समय दिया गया। मदरसा में इस आशय का नोटिस चस्पा कराए जाने एवं मामले पर प्रशासन और सत्तापक्ष के रुख को देखते हुए संचालक अब्दुल रउफ ने समाजजनों से चर्चा उपरान्त मजदूर लगाकर गुरुवार को मदरसा को तुड़वाने का काम अपने स्तर पर शुरू करवा दिया। चंदे की राशि से बने मदरसे में लगे खिड़की-दरवाजे समेत अन्य सामग्री जिसे नष्ट होने से बचाया जा सकता था उसे सुरक्षित तरीके से निकालते हुए अवैध निर्माण को तोड़ने का काम लगातार जारी था और शनिवार 12 अप्रैल की शाम तक 50-60 प्रतिशत भवन तोड़ा भी चुका था। लेकिन म्याद पूरी होने का हवाला देते हुए प्रशासन ने शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात दो जेसीबी मशीनें चलवाकर मदरसा भवन के शेष हिस्से को रातोंरात पूरी तरह जमींदोज करवा दिया। इस दौरान मौके पर पन्ना एसडीएम सतीश नागवंशी, एसडीओपी एसपी सिंह बघेल, पन्ना तहसीलदार अखिलेश प्रजापति, कोतवाली थाना पन्ना टीआई रोहित मिश्रा सहित भारी संख्या में पुलिस बल, राजस्व विभाग एवं नगर पालिका का अमला मौजूद रहा।

पुलिस ने पत्रकारों को वीडियो बनाने से रोका

मदरसा को तोड़े जाने के दौरान स्थानीय लोगों के विरोध के मद्देनजर मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा।
मदरसा पर बुलडोजर चलाने को लेकर पूरी तैयारी से पहुंचे प्रशासन को मौके पर स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। दरअसल विरोध करने वालों का कहना था कि उन्हें थोड़ा और समय दिया जाए शेष बचे भवन से उपयोगी सामग्री निकालकर उसे भी डिस्मेंटल करवा देंगे। लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इसके लिए राजी नहीं हुए। फिर क्या था प्रशासन ने रात के अंधेरे में ताबड़तोड़ तरीके से बुलडोजर चलवाते हुए मदरसा के शेष हिस्से को कुछ ही घंटे में पूर्णतः ध्वस्त करवाकर मैदान में तब्दील कर दिया। रविवार की सुबह लोगों को जब बुलडोजर कार्यवाही का पता चला तो शहर के मुस्लिम समाज में आक्रोश फ़ैल गया। जिसके चलते तनावपूर्ण शांति का माहौल निर्मित है। बता दें कि देर रात की गई अतिक्रमण हटाने की इस कार्यवाही को चंद पत्रकार मौके पर जब अपने कैमरों में कैद कर रहे थे तब प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में पुलिस बल द्वारा उन्हें कवरेज करने से सख्ती से रोका गया। गौर करने वाली बात यह है कि प्रशासन इस कार्यवाही को शासकीय भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाने की सामान्य कार्यवाही बताते हुए बिना किसी दवाब के निष्पक्ष तरीके से कानून के तहत निर्धारित प्रक्रिया अनुसार काम करने का दावा कर अपनी भूमिका पर सफाई दे रहा है, जबकि मौके पर पत्रकारों को बुलडोजर कार्यवाही के वीडियो बनाने एवं कवरेज करने से रोका जाना प्रशासन के दावों और मंशा पर कई गंभीर सवाल खड़े करता है।

अवैध गतिविधि के सवाल पर गोलमोल जवाब

मुस्लिम बच्चों की धार्मिक शिक्षा का केंद्र रहा मदरसा प्रशासन के बुलडोजर एक्शन के चलते मलबे के ढेर में तब्दील हुआ।
सांसद वीडी शर्मा (विष्णु दत्त शर्मा) ने शिकायतकर्ता का हवाला देते हुए मदरसा में अवैध-अनैतिक गतिविधियां संचालित होने के संगीन आरोप लगाए थे। रडार न्यूज़ ने इस संबंध में पन्ना कलेक्टर से पूंछा कि मदरसे की जांच में किस तरह की अवैध गतिविधियां पाई गईं, और उस पर क्या कार्रवाई की गई तो कलेक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि मदरसा शासकीय भूमि अतिक्रमण कर अवैध तरीके से बनाया गया था। मामले में मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत कार्यवाही करते हुए निर्धारित प्रक्रिया का पालन कर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। जब उनसे पुनः मदरसा से कथित तौर अवैध गतिविधि संचालित होने के संबंध में सवाल किया तो उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा और तहसील कार्यालय की ओर इस विषय संबंधित किसी तरह की कोई जांच नहीं की गई। आरोपों के संबंध में पन्ना पुलिस अधीक्षक साईं थोटा से सम्पर्क करने प्रयास किया लेकिन उनका मोबाइल फोन रिसीव न होने से बात नहीं हो सकी।
न्यायालय तहसीलदार का फैसला आने के बाद मदरसा संचालक द्वारा मजदूर लगाकर भवन को तोड़ने की कार्यवाही की गई।
पन्ना एसडीओपी एसपी सिंह बघेल से जब यही सवाल किया तो वह असहज होते हुए बोले मीडिया स्वयं पता करे वहां क्या गतिविधि चल रही थी। इस आशय की शिकायत किए जाने साथ ही सांसद द्वारा आरोप लगाते हुए मदरसा की कथित वक्फ संपत्ति को गुंडे, अपराधी एवं समाज विरोधी तत्वों का अड्डा बताए जाने के सवाल पर एसडीओपी बघेल जवाब देने के बजाए मोबाइल फोन पर झल्लाते हुए उल्टा सवाल पूंछने का तरीका सही न होने की बात कहने लगे। बेहद गंभीर आरोपों से जुड़े स्पष्ट सवाल से परेशान एसडीओपी रडार न्यूज़ से चर्चा में बेहद ही गैर जिम्मेदाराना तरीके से जवाब देते हुए बोले- ‘मुझसे क्या पूंछते हो थाना में पूछों पता करो, प्रशासन क्या कोई सफाई देगा।’ इतना कहते हुए उन्होंने फोन काट दिया। पन्ना कोतवाली थाना निरीक्षक रोहित मिश्रा से बात करने पर पहले तो उन्होंने कहा कि पुलिस को वहां (मदरसा में) किसी तरह की अवैध गतिविधि नहीं मिली। फिर वह बोले, पुलिस वहां कोई जांच करने नहीं बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से गई थी, आप मेरे पास आना तो आपको बताएंगे असल में क्या मामला है।
इनका कहना है-
‘जांच में मदरसा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण में पाए जाने पर हमने आगे आकर उसे स्वयं तुड़वाया। मदरसा में बच्चों को कुरान-हदीस की (धार्मिक) शिक्षा दी जाती थी। इस पाकीजा कार्य और स्थल से अवैध-अनैतिक एवं समाज विरोधी गतिविधियां संचालित होने के आरोप जिन लोगों ने लगाए हैं वह पूर्णतः असत्य, आधारहीन और झूठे है। चंद लोगों ने मदरसा संचालक से अपनी व्यक्तिगत बुराई निकालने के लिए दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से पूरे विवाद में मदरसा को घसीट लिया। मदरसा पिछले 30 सालों से निर्मित एवं संचालित था। अगर वहां कोई अवैध गतिविधि चल रही थी तो अभी तक प्रशासन और पुलिस कहां थी? पंचायत ने बच्चों की शिक्षा के लिए लगभग 1000 स्क्वायर फिट भूमि दी थी। समाज के लोगों द्वारा दिए गए चंदे से मदरसा का निर्माण कराया गया था जिसके टूटने से बड़ी क्षति हुई है। मदरसा पर अनर्गल आरोप लगाए जाने से पूरा समाज व्यथित है। प्रशासन अतिक्रमण के अन्य मामलों में इसी तत्परता से प्रभावी कार्यवाही करेगा मौजूदा दौर में क्या यह संभव है’?

रिजवान खान, सदर, अहले सुन्नत जमात, पन्ना।

‘मदरसा धार्मिक स्थल की श्रेणी में नहीं आता है। इसमें बुलडोजर एक्शन जैसी कोई बात ही नहीं है, प्रशासन ने अवैध निर्माण को गिराकर शासकीय भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रक्रिया अनुसार की गई बकायदा तहसीलदार के न्यायालय में प्रकरण चला था। अतिक्रमण के मामलों में प्रशासन की कार्यवाही लगातार जारी है, हमने पूर्व में भी कई बड़े अतिक्रमण हटाकर शासकीय भूमियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराया है। आगे भी अतिक्रमण से संबंधित मामला अगर कोई संज्ञान में लाता है तो उस पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।’

सुरेश कुमार, कलेक्टर, पन्ना।