मध्यप्रदेश : JK सीमेंट प्लांट में हादसा, फिर एक गरीब श्रमिक की दर्दनाक मौत

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फाइल फोटो।

*   पन्ना जिले की सिमरिया तहसील अंतर्गत निर्माणाधीन देवरा प्लांट पर हुआ हादसा

*   सीमेंट प्लांट में श्रमिकों से व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण के बग़ैर काम करवाने का आरोप

*   पुलिस एवं प्रशासन की मदद से मामले को रफा-दफा करने देर रात करवाया गया पोस्टमार्टम

*   व्यावसायिक आचरण और नैतिकता की दुहाई देने वाली सीमेंट कंपनी के अफसर हादसे के बाद हुए गायब

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में सिमरिया तहसील अंतर्गत निर्माणधीन जेके सीमेंट प्लांट में हादसा होने से एक गरीब युवा श्रमिक की दर्दनाक मौत हो गई। पूर्व से अनेक गंभीर अनियमितताओं के आरोपों से घिरा जेके सीमेंट प्लांट इस हादसे के बाद एक बार फिर विवादों में आ गया है। सर्वोत्तम-स्वीकृत व्यावसायिक मानकों के अनुरूप आचरण करने और नैतिकता की दुहाई देने वाले सीमेंट कंपनी के स्थानीय अफसरों ने हादसे के बाद कथित तौर पर जो कुछ किया उसे अमानवीयता करार दिया जा रहा है। हादसे को लेकर कंपनी के श्रमिकों, क्षेत्रवासियों और मृतक के परिजनों में जबर्दस्त आक्रोश व्याप्त है।

पीपीई किट के बगैर काम कर रहा था श्रमिक !

पन्ना में देर रात जिला चिकित्सालय के बाहर मौजूद मृत श्रमिक के परिजन।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जेके सीमेंट कंपनी के निर्माणाधीन प्लांट देवरा में शनिवार 14 मई को पिकअप वाहन में लोड भारी-भरकम अलमारी को नीचे उतारने के दौरान श्रमिक राजपाल सिंह तोमर पिता शंकर सिंह 37 वर्ष निवासी ग्राम पैरोटी, पोस्ट करही के ऊपर अचानक अलमारी गिर गई। आरोप है कि, प्लांट के अंदर व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण के बग़ैर काम कर रहे राजपाल के हादसे की चपेट में आकर अत्यंत ही गंभीर रूप से घायल होने के बाद उसे अचेत अवस्था में इलाज के लिए पन्ना जिला चिकित्सालय लाया गया। जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. आर.के. ठाकुर ने राजपाल सिंह तोमर का परीक्षण करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कंपनी के लोग परिजनों को सूचना दिए बिना ही अस्पताल से गायब हो गए, मृतक के साथी से दुखद हादसे की जानकारी मिलने पर पीड़ित परिजन देर शाम पन्ना जिला अस्पताल पहुंचें। परिजनों ने बताया कि राजपाल की मृत्यु के बाद कंपनी से जारी का आई कार्ड एवं अन्य पहचान भी गायब कर दी गई।

भाई का आरोप, हमें गुमराह किया गया

मृतक का चचेरा भाई जीतेन्द्र सिंह तोमर।
मृतक के चचेरे भाई जीतेन्द्र सिंह तोमर का कहना है, पन्ना में उन लोगों को बताया गया कि राजपाल के शव को शव विच्छेदन गृह में रखवाया है। जिसका पोस्टमार्टम रविवार 15 मई को सुबह किया जाएगा। लेकिन अचानक देर रात करीब 11:30 बजे डॉ. आर.के. ठाकुर ने शव का पोस्टमार्टम कर दिया। इस दौरान सिमरिया थाना प्रभारी एवं निरीक्षक सुशील कुमार अहिरवार और कोतवाली थाना पन्ना प्रभारी निरीक्षक अरुण सोनी हमराही बल के साथ मौके पर उपस्थित थे। कथित तौर पर परिजनों को गुमराह करते हुए मामले को रफा-दफा करने के इरादे से अचानक देर रात श्रमिक के शव का पोस्टमार्टम कराए जाने की भनक लगने पर मीडियाकर्मी भी मौके पर पहुँच गए। पोस्टमार्टम के बाद देर रात करीब 2 बजे शव को परिजनों के सुपुर्द कर वाहन से पैरोटी ग्राम के लिए रवाना किया गया।

सिविल सर्जन के निर्देश पर किया पोस्टमार्टम

परिजनों की सहमति के बगैर देर रात गुपचुप तरीके से पोस्टमार्टम करने के सवाल डॉ. आर.के. ठाकुर ने रडार न्यूज़ को बताया कि, जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ. एल.के. तिवारी के कहने पर उन्होंने पोस्टमार्टम किया था और सिविल सर्जन को इस संबंध में कलेक्टर ने निर्देश दिए थे। डॉ. ठाकुर का कहना पुलिस ने पोस्टमार्टम संबंधित जो दस्तावेज उपलब्ध कराये थे उन पर परिजनों के हस्ताक्षर अंकित थे। उन्होंने बताया कि किसी भारी दबाव और गंभीर चोट के कारण राजपाल सिंह का लीवर फट चुका था जिससे शरीर के अंदर अत्याधिक ब्लीडिंग होने के कारण उसकी मौत हो गई। सिविल सर्जन डॉ. एल.के. तिवारी ने बताया कि विशेष परिस्थितियों में रात्रि 8 बजे के बाद भी पोस्टमार्टम किया जा सकता है, आप अगर चाहें तो इससे जुड़े वरिष्ठ कार्यालय के पत्र में उपलब्ध करा सकता हूँ। सिविल सर्जन से जब यह पूंछा गया कि, श्रमिक राजपाल के मामले आखिर ऐसी क्या विशेष परिस्थितियां रहीं, तो उन्होंने स्पष्ट किया इसका जबाव पुलिस अधिकारी ही दे सकते हैं। पुलिस अधीक्षक पन्ना धर्मराज मीना से इस मामले पर बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका मोबाइल फोन रिसीव नहीं हुआ।

मोर्चरी में उपलब्ध है डेड बॉडी फ्रीजर

सिमरिया थाना प्रभारी सुशील कुमार अहिरवार ने श्रमिक के शव का देर रात पोस्टमार्टम कराने को लेकर सफाई देते हुए बताया कि, वर्तमान में प्रचण्ड गर्मी पड़ने और तापमान अधिक होने के कारण बॉडी डीकम्पोज होने की आशंका थी इसलिए परिजनों की सहमति से पोस्टमार्टम कराया गया था। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण की डायरी पन्ना कोतवाली थाना से प्राप्त होने के पश्चात सबंधितों के कथन दर्ज कर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। उल्लेखनीय है कि देर रात्रि में पोस्टमार्टम कराए जाने को लेकर मृतक के परिजनों और पुलिस के विरोधाभासी बयानों से उठते सवालों के बीच गौर करने वाली बात यह है कि, पन्ना के शव विच्छेदन गृह में गर्मी के मौसम में शव को सुरक्षित रखने के लिए डेड बॉडी फ्रीजर की सुविधा उपलब्ध है।
शव विच्छेदन गृह में लगे डेड बॉडी फ्रीजर में एक साथ चार शव रखे जा सकते हैं। अगले कुछ दिनों में यह देखना काफी महत्वपूर्ण होगा कि, गर्मी के मौसम में शाम के समय घटित होने वाली अन्य किसी घटना में पुलिस रात्रि में ही पोस्टमार्टम करवाती या फिर पोस्टमार्टम अगले दिन होता है। बताते चलें कि आज पैरोटी ग्राम में भारी ग़मगीन माहौल के बीच पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में दोपहर करीब 2 बजे श्रमिक राजपाल की पार्थिव देह का अंतिम संस्कार किया गया।

इनका कहना है-

“जेके सीमेंट प्लांट में कर्मचारियों की सुरक्षा के साथ किसी तरह का समझौता नहीं किया जाता है। देवरा प्लांट में दर्जन भर सेफ्टी ऑफिसर तैनात हैं, प्लांट में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण के बगैर किसी भी श्रमिक को प्रवेश नहीं दिया जाता है। सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरतने का ही यह परिणाम है कि प्लांट में सबसे कम हादसे अब तक हुए हैं। श्रमिक राजपाल ने हादसे के समय पीपीई किट पहन रखी थी। उसकी मौत व्यक्तिगत लापरवाही के कारण हुई है। यह बात पूर्णतः असत्य और निराधार है कि जिला चिकत्सालय में हम लोग शव को छोड़कर गायब हो गए थे। रात्रि में मीडिया से भले ही मिलना न हो पाया हो लेकिन मैं स्वयं और करीब दर्जन भर अन्य अधिकारी-कर्मचारी रात्रि 2-3 बजे तक मौके पर ही उपस्थित रहे। मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता देने तथा शव को वाहन से रवाना कराने के बाद हम लोग तड़के करीब 3 बजे निकले हैं।”

– आलोक कुमार गौतम, जेके सीमेंट प्लांट देवरा, जिला पन्ना।