पन्ना के सीएमएचओ ऑफिस में लोकायुक्त की कार्रवाई, लिपिक को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

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लोकायुक्त टीम की के साथ लाल घेरे में रिश्वत लेने वाला आरोपी लिपिक विमल खरे।

 अवकाश स्वीकृत करवाने के एवज में सीएमएचओ के नाम पर मांग रहा था रिश्वत

 क्षय केन्द्र के टेक्नीशियन की शिकायत पर लोकायुक्त की टीम ने की ट्रैप कार्रवाई

  पिता की मृत्यु के बाद मिली अनुकंपा नियुक्ति को रिश्वत के लालच में दांव पर लगाया

  पन्ना जिले में महज पखवाड़े भर के अंदर लोकायुक्त की दूसरी कार्रवाई से मचा हड़कंप

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) बेइंतहा भ्रष्टाचार और घूसखोरी के लिए बदनाम मध्यप्रदेश के अति पिछड़े पन्ना जिले में लोकायुक्त सागर की टीम द्वारा महज पखवाड़े भर के अंदर आज दूसरी ट्रैप कार्रवाई करने के बाद से प्रशासनिक हलकों में जबरदस्त हड़कंप मचा है। लोकायुक्त टीम ने आज मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय पन्ना के स्थापना शाखा के सहायक लिपिक विमल खरे को जिला क्षय केन्द्र में पदस्थ लैब टेक्नीशियन दिलीप डामोर से 2500/- (पच्चीस सौ) रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है। लिपिक द्वारा अवकाश स्वीकृत करवाने के एवज में कथित तौर पर सीएमएचओ के नाम पर रिश्वत मांगी जा रही थी। लोकायुक्त की ट्रैप कार्रवाई के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय समेत परिसर में स्थित अन्य विभागीय कार्यालयों में भगदड़ जैसी स्थिति निर्मित हो गई। इस कार्रवाई से भयभीत स्वास्थ्य विभाग के अधिकांश अधिकारी-कर्मचारी देखते ही देखते कार्यालय से गायब हो गए। सीएमएचओ ऑफिस की पहली मंजिल जहां पर यह कार्रवाई की गई वहां पर बैठने वाले कर्मचारी तो 3-4 घंटे बाद भी वापस नहीं लौटे थे।

बीमार मां का इलाज कराने मांगा था अवकाश

शिकायतकर्ता लैब टेक्नीशियन दिलीप डामोर।
लोकायुक्त की ट्रैप कार्रवाई के संबंध में प्राप्त जानकारी अनुसार, जिला क्षय केंद्र पन्ना में लैब टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत दिलीप डामोर पिता देवचंद डामोर 28 वर्ष निवासी ग्राम नवापाड़ा तहसील थांदला जिला झाबुआ की मां कई दिनों से बीमार चल रहीं थी। अपनी बीमार मां का इलाज करवाने लिए दिलीप ने 25 दिन के अर्जित अवकाश स्वीकृति हेतु सीएमएचओ कार्यालय में दिनांक 10 सितंबर 2025 को आवेदन पत्र था। अवकाश स्वीकृत न होने पर उसने स्थापना शाखा के सहायक लिपिक विमल खरे से सम्पर्क किया। लिपिक विमल ने उसे बताया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अवकाश स्वीकृत नहीं कर रहे हैं, कथित तौर पर साहब द्वारा अवकाश स्वीकृत करने के एवज़ एक दिन के अवकाश के 100 रुपए के मान से 25 दिन के कुल 2500/- रुपए की डिमांड की जा रही है।
फाइल फोटो।
लिपिक द्वारा सीएमएचओ के नाम पर रिश्वत की मांग करने के कारण परेशान होकर लैब टेक्नीशियन दिलीप ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक सागर योगेश्वर शर्मा से शिकायत की। दिनांक 03 अक्टूबर 2025 को शिकायत का सत्यापन कराने पर लिपिक ने 25 दिन का अर्जित अवकाश स्वीकृत करवाने के एवज में 2500 (पच्चीस सौ) रुपए की रिश्वत की स्पष्ट मांग की गई। शिकायत सही पाए जाने पर घूसखोर बाबू को रंगे हाथ दबोंचने फुलप्रूफ प्लान तैयार किया गया।

रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोंचा गया आरोपी

रिश्वत लेने वाले आरोपी के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध करने की कार्रवाई करते हुए लोकायुक्त सागर की टीम।
आज बुधवार 8 अक्टूबर दोपहर में लगभग 1 बजे लैब टेक्नीशियन दिलीप डामोर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय पहुंचकर पहली मंजिल पर बैठे स्थापना शाखा के सहायक लिपिक विमल खरे को पूर्व चर्चानुसार रिश्वत के रूप में 2500/- रुपए देते हुए जल्दी अवकाश स्वीकृत करवाने आग्रह किया। इसके अगले ही पल वहां लोकायुक्त निरीक्षक रोशनी जैन के नेतृत्व वाली टीम ने दबिश देकर घूसखोर लिपिक विमल खरे को रंगे हाथ दबोंच लिया। आरोपी के कब्जे से रिश्वत की राशि जब्त करके उसके हाथ धुलवाए गए। समाचार लिखे जाने तक लोकायुक्त की टीम आरोपी लिपिक के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध करने की कार्रवाई में जुटी थी। उल्लेखनीय है कि, रिश्वत लेने के मामले गिरफ्तार आरोपी लिपिक विमल खरे का मूल पद डाटा एंट्री ऑपरेटर है। उसकी पदस्थापना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शाहनगर में है लेकिन वह पिछले कई माह से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय पन्ना में अटैच है और यहां स्थापना शाखा में सहायक लिपिक के रूप में कार्यरत है। विदित हो कि विमल को उसके पिता की मृत्यु के बाद लगभग 3 साल पहले अनुकंपा नियुक्ति मिली थी, जिसे उसने कथित तौर पर अपने अधिकारी के लिए धन उगाही करने अथवा अधिकारी के नाम पर स्वयं रिश्वत डाकरने के लालच में दांव पर लगा दिया।

10 दिन पूर्व अमानगंज में हुई थी बड़ी कार्रवाई

निरीक्षक रोशनी जैन के नेतृत्व में पन्ना के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में ट्रैप कार्रवाई करने वाली लोकायुक्त सागर की टीम।
लोकायुक्त की लगातार कार्रवाई के बाद भी पन्ना जिले के सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का बोलबाला है। हाल यह है कि, सरकारी कार्यालयों में रिश्वत दिए बगैर आम आदमी का कोई काम ही नहीं होता। योजनाओं का लाभ लेने से लेकर अन्य जायज काम कराने के लिए लोगों को रिश्वत देनी पड़ती है। जो लोग रिश्वत नहीं देते उन्हें भ्रष्ट सरकारी अमले के द्वारा भटकाया और परेशान किया जाता है। जिले के अमानगंज में महज 10 दिन पूर्व लोकायुक्त सागर की टीम द्वारा की गई कार्रवाई इस बात का प्रमाण है। बाल विवाह से संबंधित एक मामले में समझाइश के बाद लड़का-लड़की पक्ष द्वारा विवाह टालने के बावजूद लड़के पक्ष को अमानगंज थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक रिश्वत के लिए लगातार परेशान कर रहा था। थकहार कर पीड़ित पक्ष ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक से शिकायत की। इस मामले में लोकायुक्त सागर की टीम ने 29 सितंबर 2025 की रात ट्रैप कार्रवाई करते हुए राममोल नामदेव नामक एक व्यक्ति को 30000/- (तीस हजार) रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। लोकायुक्त टीम ने इस बहुचर्चित प्रकरण में राममोल के साथ फरार आरोपी प्रधान आरक्षक मुकेश सोनी, पुलिस आरक्षक सतीश श्रीवास एवं रामलाल सोनी के खिलाफ भी आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर मामले को जांच में लिया है। प्रधान आरक्षक ने रिश्वत लेने के चक्कर में तीन अन्य लोगों से मोबाइल से बात करके उन्हें इस मामले में शामिल कर लिया था।

इनका कहना है-

‘संबंधित कर्मचारी का अवकाश पहले ही स्वीकृत किया जा चुका है। मैं कभी किसी से किसी भी काम के एवज कोई डिमांड नहीं करता हूं, यदि लिपिक मेरा नाम लेकर रिश्वत मांग रहा था तो यह सरासर गलत है इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पन्ना में मेरी पदस्थापना के पूर्व से ही लिपिक विमल खरे सीएमएचओ ऑफिस में अटैच है। लोकायुक्त से ट्रैप कार्रवाई की लिखित जानकारी प्राप्त होने पर इस मामले में नियमानुसार विभागीय कार्रवाई की जाएगी।’

राजेश प्रसाद तिवारी, प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला पन्ना।