उपयंत्री को 15 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस ने किया गिरफ्तार

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उपयंत्री अरविंद त्रिपाठी के आवास पर कार्रवाई करते हुए लोकायुक्त पुलिस सागर की टीम।

*   निर्माण कार्य का मूल्यांकन करने के एवज की थी रिश्वत की मांग

*   सरपंच पति की लिखित शिकायत पर की गई ट्रैप कार्रवाई

*   पन्ना जिले के पवई क़स्बा में लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई से मचा हड़कंप

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) जिले की पवई जनपद पंचायत में पदस्थ उपयंत्री अरविंद त्रिपाठी को पन्द्रह हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस सागर की टीम रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। निर्माण कार्य का मूल्यांकन करने के एवज में ग्राम पंचायत सिमरा खुर्द के सरपंच पति से बतौर कमीशन रिश्वत की दूसरी किश्त में पन्द्रह हजार रुपए लेते हुए उपयंत्री अरविंद त्रिपाठी को आज उनके आवास पर दबिश देकर पकड़ा गया। लोकायुक्त पुलिस के द्वारा की गई इस ट्रैप कार्रवाई की खबर आने के बाद पवई से लेकर पन्ना तक प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा रहा। घूसखोर उपयंत्री के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया है।
ट्रैप कार्रवाई का नेतृत्व करने वाले लोकायुक्त पुलिस सागर के डीएसपी राजेश खेड़े ने जानकारी देते हुए बताया कि, जनपद पंचायत पवई अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सिमरा खुर्द में मनरेगा के तहत खेल मैदान का निर्माण हुआ है। जिसका मूल्यांकन करने के एवज में उपयंत्री अरविंद त्रिपाठी के द्वारा सरपंच पति रामकिशोर पटेल से 20 हजार रुपए की मांग की गई थी। निर्माण कार्य का मूल्यांकन न होने के कारण भुगतान अटकने से परेशान रामकिशोर के द्वारा उपयंत्री को रिश्वत की पहली किश्त के रूप में 5 हजार रुपए दिए गए। साथ ही इसकी लिखित शिकायत लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक सागर से की गई। गुरुवार 24 फरवरी को रामकिशोर पटेल ने पवई में स्थित उपयंत्री अरविंद त्रिपाठी के आवास पहुंचकर उसे रिश्वत की दूसरी किश्त के रूप में शेष राशि 15 हजार रुपए दिए तभी लोकायुक्त पुलिस टीम ने दबिश देकर उपयंत्री को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

सहायक यंत्री पर भी सरपंचों ने लगाए थे आरोप

फाइल फोटो।
उल्लेखनीय है कि, पन्ना जिले के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में कमीशनखोरी एवं भ्रष्टाचार हावी है। यहां पंचायतों के निर्माण कार्य स्वीकृत होने के साथ ही कमीशन का खेल शुरू हो जाता है। निर्माण कार्य के बिल भुगतान की प्रक्रिया पूर्ण कराने के लिए पंचायतों के नुमाइंदों को सम्बंधित उपयंत्री एवं सहायक यंत्री को कार्य की लागत के हिसाब से मोटी रकम घूस/कमीशन के रूप में देनी पड़ती है। बताते चलें, निर्माण कार्यों में कमीशन रुपी रिश्वत को लेकर परेशान हो रहे पवई जनपद के आधा दर्जन सरपंचों ने कुछ समय पूर्व सहायक यंत्री के खिलाफ कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपा था।
जिसमें विस्तार पूर्वक यह बताया गया था कि निर्माण कार्य की राशि में कमीशन/रिश्वत ऐंठनें लिए उन्हें किस हद तक परेशान किया जा रहा है। सरपंचों के बेहद गंभीर आरोपों पर जिले के अधिकारियों के द्वारा क्या कार्यवाही की गई अब तक इसका पता नहीं चल सका। जिम्मेदारों के द्वारा भ्रष्टाचार/घूसखोरी के मामलों को लेकर जानबूझकर उदासीनता बरतने अथवा उसे नजरअंदाज करने का ही यह नतीजा है कि जिले के सरकारी कार्यालयों में बिना दाम, आम आदमी का कोई काम नहीं हो रहा है।