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* पूर्व सांसद का आरोप- दिल दहलाने वाले हादसे का सच छिपाने शवों को गुपचुप तरीके से ठिकाने लगाया
* मृत मजदूर के परिजनों का हवाला देकर जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को जमकर धिक्कारा
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) जेके सीमेंट प्लांट पन्ना में हुए भीषण हादसे में करीब 50 मजदूर असमय काल के गाल में समा गए थे। लगभग इतने ही मजदूर घायल हुए थे। दिल दहलाने वाले इस हादसे का सच छिपाने के लिए जिला प्रशासन की सांठगांठ से सीमेंट प्लांट प्रबंधन ने शवों को गुपचुप तरीके से ठिकाने लगा दिया। हादसे में जान गंवाने वाले मजदूर चूंकि दूसरे राज्यों के थे इसलिए मृतकों की वास्तविक संख्या पर बड़ी आसानी से पर्दा डाल दिया गया। हालांकि प्रत्यक्षदर्शी मजदूर पहले ही इस सच्चाई को बयां कर चुके हैं। यह दावा बालाघाट के पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने किया है। उन्होंने, हादसे के लिए ठेका कंपनी के अधिकारियों की तरह स्थानीय स्थानीय प्लांट प्रबंधन और जेके सीमेंट कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के खिलाफ भी आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने की पुरजोर मांग की है।
पन्ना के तीन दिवसीय दौरे पर आए बालाघाट के पूर्व सांसद एवं संघर्षशील नेता कंकर मुंजारे ने शनिवार 22 फरवरी को सर्किट हाउस में स्थानीय पत्रकारों से कई ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की। इसके पूर्व उन्होंने सिमरिया क़स्बा पहुंचकर सीमेंट प्लांट हादसे में मरने वाले जिले के एकमात्र मजदूर रोहित खरे के शोक संतृप्त परिजनों से भेंटकर अपनी संवेदना व्यक्त की। बता दें कि, मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की अमानगंज तहसील अंतर्गत हरदुआ केन ग्राम में स्थित जेके सीमेंट प्लांट की दूसरी यूनिट प्रोजेक्ट वर्क के दौरान 30 जनवरी 2025 को सुबह करीब 10 बजे निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत की सेटरिंग (शटरिंग) बड़ा हादसा हुआ था। जिला प्रशासन ने इस हादसे में सिर्फ 4 मजदूरों की मौत एवं 19 के घायल होने की आधिकारिक तौर पर पुष्टि की थी।
पूर्व सांसद ने मृत मजदूर रोहित खरे के परिजनों से हादसे को लेकर हुई बातचीत के हवाले से बताया कि अगर स्थानीय लोग सीमेंट फैक्ट्री के बाहर खरे दम्पत्ति के साथ एकजुटता दिखाते हुए हंगामा न करते तो शायद रोहित की मौत को भी अन्य मजदूरों की तरह ही दबा दिया जाता। क्योंकि हादसे के कुछ देर बाद रोहित की मां जब फैक्ट्री के प्रवेश द्वार पर पहुंची तो पहले उन्हें बताया गया कि उनका पुत्र काम पर आया ही नहीं है। रोहित की मां ने कंपनी के गेट पर तैनात कर्मचारियों पर सरासर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए आसपास मौजूद लोगों को बताया कि रोहित मुझे बताकर फैक्ट्री जाने के लिए घर से निकला था। इस खुलासे के बाद स्थानीय लोगों के हंगामा करने पर बमुश्किल शाम 4 बजे खरे दंपत्ति को बताया गया कि हादसे में उनके बेटे की मौत हो चुकी है। परिजनों को मौके पर रोहित के शव को देखने भी नहीं गया और भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच शव को पोस्टमार्टम के लिए पन्ना रवाना कर दिया था। मुंजारे ने बताया कि रोहित अपने परिवार का अकेला कमाने वाला सदस्य था। हादसे में उसकी असमय मौत से खरे परिवार के ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है।
संवेदनहीन हैं पन्ना के जनप्रतिनिधि
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