अवैध फर्नीचर निर्माता के ठिकाने पर छापा, सागौन समेत मिनी आरा मशीन जप्त

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छापामार कार्यवाही में जप्त सागौन चिरान एवं कार्यवाही को अंजाम देने वाले उत्तर वन मण्डल पन्ना के अधिकारी-कर्मचारी।

जंगल में जारी बेतहाशा अवैध कटाई का वन विभाग की कार्यवाही से हो रहा खुलासा

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के जंगलों में सागौन समेत दूसरे पेड़ों का कत्लेआम बड़े पैमाने पर जारी है। आये दिन सामने आ रहीं अवैध कटाई की ख़बरें और वन विभाग के छापों में जप्त होने वाली सागौन की मात्रा इस बात का प्रमाण है। पन्ना के आसपास लम्बे समय से सक्रिय सागौन तस्करों की गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए उत्तर वन मंडल के द्वारा लगातार छापामार कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में शुक्रवार 28 जनवरी 2022 को वन विभाग की टीम के द्वारा पन्ना के आगरा मोहल्ला में स्थित छोटे खान के घर पर छापामार कार्यवाही की गई। जिसमें बड़ी मात्रा में अवैध सागौन एवं एक मिनी आरा मशीन जप्त की गई।
जप्तशुदा सागौन की अनुमानित कीमत 1 लाख रुपए बताई जा रही है। मालूम हो कि महज पखवाड़े भर के अंदर पन्ना में अवैध फर्नीचर निर्माताओं के खिलाफ यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इसके पूर्व आगरा मोहल्ला में ही उत्तर वन मण्डल की टीम ने पच्चू खरे के घर से बड़ी मात्रा में सागौन की अवैध लकड़ी और मिनी आरा मशीन जप्त की थी। उत्तर वन मंडल पन्ना डीएफओ गौरव शर्मा ने बताया कि सागौन के अवैध व्यापार में शामिल फर्नीचर निर्माताओं, तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। शुक्रवार को की गई कार्यवाही में उत्तर वन मण्डल के अधिकारी-कर्मचारी सहित पन्ना टाइगर रिजर्व का अमला और पुलिस बल शामिल रहा।
अवैध फर्नीचर निर्माता के ठिकाने पर संचालित मिनी आरा मशीन को दिखाते हुए वनकर्मी।
उल्लेखनीय है कि वन विभाग की छापमार कार्रवाई के बीच पन्ना के जंगलों में सागौन की अवैध कटाई थमने का नाम नहीं ले रही है। इसका मुख्य कारण जंगल की सुरक्षा में तैनात मैदानी अमला सुरक्षा श्रमिक, बीटगार्ड, वन समितियां अपने दायित्वों के निर्वहन को लेकर ईमानदार नहीं है। स्थिति यह है कि अधिकाँश बीट गार्ड जंगल में स्थित वन चौकी/वनरक्षक आवास में निवास न करके अपने परिवार के साथ जिला मुख्यालय/रेन्ज मुख्यालय में रहते हैं। बीटगार्डों ने जंगल की सुरक्षा पूरी तरह सुरक्षा श्रमिकों के भरोसे छोड़ रखी है। उत्तर वन मण्डल के अंतर्गत आने वाले जंगलों में अवैध कटाई के साथ अन्य वन अपराध जैसे- हीरों का अवैध खनन. वन्यजीवों के शिकार तथा वन भूमि पर अतिक्रमण की समस्या भी काफी चिंताजनक और गंभीर है। लेकिन इन तमाम चुनौतियों का मुकाबला प्रभावी तरीके से नहीं किया जा रहा है।