1971 के युद्ध में भारत की जीत की 50वीं वर्षगांठ पर सेलुलर जेल में स्वर्णिम विजय वर्ष विजय ज्‍योति जगमगाई

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आर्मी कंपोनेंट कमांडर ब्रिगेडियर राजीव नागयाल इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।

· अंडमान और निकोबार कमान ने सेलुलर जेल में कार्यक्रम आयोजित किए

· पूर्व सैनिकों, सैन्य अधिकारियों और गणमान्य व्‍यक्तियों ने समारोह में हिस्‍सा लिया

नई दिल्ली।(www.radarnews.in) वर्ष 1971 के युद्ध में भारत की जीत की 50वीं वर्षगांठ समारोह आयोजित करने के क्रम में अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के पोर्ट ब्‍लेयर स्थित सेलुलर जेल में स्‍वर्णिम विजय वर्ष विजय ज्‍योति लायी गयी। अंडमान एवं निकोबार कमान (एएनसी) ने सेलुलर जेल में विभिन्‍न कार्यक्रम आयोजित किये। इन कार्यक्रमों में संयुक्‍त सेनाओं के दस्‍ते द्वारा बैंड डिस्‍पले, एक प्रकाश एवं ध्‍वनि शो और 1971 युद्ध पर आधारित एक लघु फिल्‍म शामिल हैं।
आर्मी कंपोनेंट कमांडर ब्रिगेडियर राजीव नागयाल इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। पूर्व सैनिक, सैन्य अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे। आर्मी कंपोनेंट कमांडर ने मातृभूमि के विभिन्‍न हिस्‍सों से मिट्टी संग्रह की राष्‍ट्रीय पहल के हिस्‍से के रूप में सेलुलर जेल से मिट्टी का संग्रह किया।
1971 के युद्ध में भारत की जीत की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित प्रकाश एवं ध्‍वनि शो के दौरान जगमगाती हुई सेलुलर जेल।
भारत के स्‍वतंत्रता आंदोलन के एक प्रतीक के रूप में सेलुलर जेल का गौरवपूर्ण स्‍थान है। इसे काला पानी के रूप में भी जाना जाता है, जेल का इस्‍तेमाल राजनीतिक कैदियों को दूरस्थ द्वीपसमूह में निर्वासित करने के लिए किया जाता था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बटुकेश्वर दत्त, विनायक दामोदर सावरकर, योगेन्द्र शुक्ला और वी.ओ. चिदंबरम पिल्लई को यहां कैद किया गया था। आज यह सेलुलर जेल एक राष्ट्रीय स्मारक है।