* वन संरक्षक वृत्त छतरपुर नरेश सिंह यादव ने क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व का अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण किया
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या का शून्य से शतक तक पहुंचना बेमिशाल उपलब्धि है। पूरी दुनिया के लिए कौतुहल और शोध का विषय बनीं पन्ना की यह सफलता पूर्व के अधिकारियों एवं मैदानी वन अमले की कड़ी मेहनत, लगन और समर्पण का प्रतिफल है। पूर्व क्षेत्र संचालक आर श्रीनिवास मूर्ति का इसमें विशेष और अविस्मरणीय योगदान है। बाघों को पुनः आबाद करने के लिए यहां लोगों ने भी काफी त्याग किया है। ‘जन समर्थन से बाघ संरक्षण’ सिर्फ नारा नहीं बल्कि हमारा उद्देश्य है। पार्क क्षेत्र में बाघों एवं अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए सघन निगरानी और पैदल गश्ती पर विशेष जोर दिया जाएगा। वन अपराधों की रोकथाम के लिए मुखबिर तंत्र को भी अधिक सशक्त और सक्रिय करेंगे। साथ ही जन समर्थन से बाघ संरक्षण की भावना को मजबूत करने के लिए ईमानदार प्रयास किए जाएंगे। यह बात पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) के नवागत क्षेत्र संचालक नरेश सिंह यादव ने कही।
भारतीय वन सेवा के वरिष्ठ अधिकारी एवं वन संरक्षक, छतरपुर वृत्त (Conservator Forest) नरेश सिंह यादव ने आज (सोमवार) सुबह 10 बजे पन्ना पहुंचकर पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक का अतिरिक्त पदभार ग्रहण कर लिया। श्री यादव कुछ वर्ष पूर्व पन्ना में उत्तर वन मंडल डीएफओ के पद पर कार्यरत थे, इसलिए वे जिले की भौगौलिक स्थिति, वन्यजीव एवं वन संरक्षण से जुड़ी स्थानीय चुनौतियों से भलीभांति परिचित हैं। उम्मीद की जा रही पन्ना के संबंध में आपकी जानकारी और अनुभव का लाभ वन एवं वन्यजीव संरक्षण-संवर्धन पन्ना टाइगर रिजर्व को मिलेगा।
पदभार ग्रहण करने के बाद नवागत क्षेत्र संचालक (Field Director) नरेश सिंह यादव ने ‘रडार न्यूज़’ से विशेष चर्चा में कहा कि, बाघ संरक्षण में पन्ना के नागरिकों और जनप्रतिनिधियों से सतत संवाद बनाए रखते हुए उनका सक्रिय सहयोग लिया जाएगा। पार्क की गतिविधियों में और अधिक पारदर्शिता लाई जाएगी। पार्क से जुड़ीं आवश्यक सूचनाएं अथवा जानकारी अब नियमित रूप से मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचेंगी। पार्क क्षेत्र के नजदीक स्थित गांवों के रहवासियों से नियमित रूप से सम्पर्क-संवाद स्थापित किया जाएगा। आपने बताया कि, मैंने पन्ना टाइगर रिजर्व की गश्ती के सबंध जानकारी प्राप्त की है। वर्तमान में मानसून सीजन सहित अन्य दिनों में भी पैदल गश्ती को बढ़ाया जाएगा ताकि चप्पे-चप्पे की सही जानकारी तुरंत मिल सके।
