* मृतकों के गाँव में पसरा मातम, जिले में शोक की लहर
* वारदात के बाद से पीड़ित परिजनों का है रो-रोकर बुरा हाल
* पुलिस को हत्या की वारदात में किसी जानकार का हाथ होने का संदेह
* काम के आभाव में जिले से प्रतिवर्ष पलायन करते है हजारों श्रमिक परिवार
पन्ना। (www.radarnews.in) हरियाणा के झज्जर शहर में पन्ना जिले के एक ही परिवार के पाँच सदस्यों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। वारदात के समय सभी लोग झज्जर के सेक्टर 6 में स्थित निर्माणाधीन मकान की पहली मंजिल के अलग-अलग कमरों में गहरी नींद में सो रहे थे। पाँचों लोगों के सिर में प्रहार कर उनकी हत्या की गई है। मृतकों में शामिल 3 मजदूर जिले के पवई थाना क्षेत्र अन्तर्ग ग्राम सिमरी के और दो मजदूर अमानगंज थाना क्षेत्र के ग्राम धग्धा के निवासी थे। मृतकों की पहचान हाकम 40 वर्ष, उसकी पत्नी मैदाबाई 35 वर्ष, हाकम का जीजा हाका 45 वर्ष, उसका पुत्र बहादुर 25 वर्ष और उसकी बेटी 18 वर्ष के रूप में हुई है। इस जघन्य वारदात की खबर आने के बाद से ही मृतकों के गाँव में मातम का माहौल है। अपनों के गम में पीड़ित परिजनों का है रो-रोकर बुरा हाल है। मृतकों के घरों में कोहराम मचा है। उनके परिजनों की आँखों से आँसू हैं कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। उधर, इस दुखद खबर के फैलने के बाद से जिले भर में शोक की लहर व्याप्त है।
वारदात में जानकार का हाथ होने का संदेह
उद्योग विहीन पन्ना जिले में काम के आभाव में और मनरेगा का सही तरीके से क्रियान्वयन न होने के कारण जीविकोपार्जन के लिए एक दलित परिवार के पाँच सदस्य कुछ समय पूर्व मजदूरी करने लिए हरियाणा के झज्जर शहर गए थे। वहाँ के सेक्टर-6 में इमलोटा निवासी विनोद कुमार का मकान है जिसके निर्माण का ठेका रामदर्शन ठेकेदार ने लिया था। रामदर्शन के यहाँ मजदूरी करने वाले पन्ना जिले के श्रमिक हाकम 40 वर्ष, उसकी पत्नी मैदाबाई 35 वर्ष, हाकम का जीजा हाका 45 वर्ष, उसका पुत्र बहादुर 25 वर्ष और उसकी 18 वर्षीय बेटी इस मकान के निर्माण में पिछले डेढ़ माह से काम कर रहे थे। सोमवार-मंगलवार की देर रात इसी निर्माणाधीन मकान की पहली मंजिल में बने कमरों में गहरी नींद सो रहे इन मजदूरों के ऊपर किसी ने धारदार एवं वजनदार हथियार से प्रहार कर उनकी निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी। ऐसा माना जा रहा है कि दिल दहला देने वाली इस वारदात को किसी जानकार ने ही अंजाम दिया है। हत्या के पूर्व श्रमिकों को नशीला पदार्थ खिलाने की आशंका भी जताई जा रही है।
इस तरह हुआ खुलासा
मंगलवार को पन्ना से नीरज ने अपने भाई हाकम को फोन किया। कई बार कॉल करने के बाद भी परिवार के किसी भी सदस्य ने मोबाइल फोन रिसीव नहीं किया। इससे चिंतित और परेशान नीरज ने झज्जर में ही रह रहे केशव को फोन कर अपने भाई के पास भेजा। केशव जब गुड़गांव रोड स्थित सेक्टर-6 के निर्माणाधीन मकान में पहुँचा तो वहाँ संन्नाटा पसरा था। पहली मंजिल में बने कमरों में जाकर देखा तो केशव के होश उड़ गए। कमरों अंदर उसके परचितों के शव लहूलुहान स्थिति में पड़े थे। मंगलवार 17 सितम्बर की देर शाम करीब 8 बजे स्थनीय पुलिस को इस सनसनीखेज सामूहिक हत्याकांड की सूचना दी गई। मंगलवार को विश्वकर्मा जयंती होने के चलते काम की छुट्टी थी इसलिए दिन के समय किसी को इस घटना की भनक नहीं लग सकी। इस मामले में स्थानीय पुलिस ने अज्ञात कातिलों खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल इस हत्याकाण्ड की वजह पता नहीं चल सकी और अज्ञात कातिलों का भी कोई सुराग नहीं मिला है।
उल्लेखनीय है कि पन्ना जिले में पलायन की समस्या काफी गम्भीर हो चुकी है। जिले के उद्योग विहीन होने और मनरेगा में समय पर मजदूरी भुगतान न होने के कारण प्रतिवर्ष हजारों गरीब श्रमिक-खेतिहर मजदूर परिवार दो जून की रोटी के इंतजाम के लिए महानगरों में मजदूरी करने जाते हैं। पलायन सुरक्षित न होने के कारण श्रमिकों को पहले भी कई बार अपनी जान गंवानी पड़ी है या फिर वे धोखाधड़ी और शोषण का शिकार हुए है।