गरीबी के कलंक के साथ कुपोषण को मिटाने के प्रयास जारी- मंत्री बृजेन्द्र प्रताप

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* पोषण महोत्सव अंतर्गत कुपोषण मुक्त कार्यक्रम आयोजित

* जिले से कुपोषण को समाप्त करने की कार्ययोजना बनाई – कलेक्टर

पन्ना। (www.radarnews.in) गरीब कल्याण सप्ताह के प्रथम दिवस कुपोषण मुक्त का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के खनिज साधन एवं श्रम विभाग मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह रहे। इस अवसर पर मंत्री श्री सिंह ने कहा कि शासन द्वारा गरीबी के कलंक को दूर करने के साथ कुपोषण के कलंक को मिटाने के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जितना सुन्दर हरा-भरा हमारा यह जिला है उतने सुन्दर ही आंगनवाडी केन्द्र होने चाहिए।
मंत्री श्री सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन से पूरे प्रदेश में एक साथ गरीब कल्याण सप्ताह आयोजित किया जा रहा है। इस सप्ताह के दौरान गरीब कल्याण के अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिससे गरीब परिवार गरीबी से ऊपर उठकर सामान्य जनजीवन जिये। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य शासन द्वारा गरीबों के कल्याण के लिए अनेकों योजनाएं संचालित की जा रही हैं। कोरोना महामारी संक्रमण के साथ प्रवासी श्रमिकों को उनके गांव तक पहुंचने के लिए परिवहन एवं भोजन की व्यवस्था की गयी। उन सब गरीब श्रमिकों को निःशुल्क खाद्यान्न वितरित किया गया। आगामी आने वाले समय में गरीबों के कल्याण की अनेक योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। जिससे गरीबों को शीघ्र लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने संबल योजना के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि इस योजना के अन्तर्गत श्रमिकों के कल्याण की योजनाएं संचालित की जा रही हैं। आगामी 23 सितंबर को संबल योजना के तहत पंजीकृत श्रमिकों के खाते में राशि अंतरण की कार्यवाही पूरे प्रदेश में प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा की जाएगी।
कलेक्टर संजय कुमार मिश्र ने कहा कि जिले की मातृ एवं शिशु मृत्युदर को घटाकर नीचे लाने के लिए कुपोषण के चक्र को तोड़ना होगा। इन सब कार्यों के लिए ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों के दायित्व निर्धारित किए गए हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने नारा दिया है ’’स्वस्थ बचपन सुरक्षित मातृत्व’’ इसे लागू करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले में अतिकम वजन वाले 1391 बच्चे हैं एवं कम वजन वाले 10381 बच्चे हैं इन सभी बच्चों को आगामी 6 माह में कुपोषण से मुक्ति दिलाई जाएगी। इस कार्य में महिला बाल विकास के साथ लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, शहरी विकास अभिकरण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, कृषि एवं कृषक कल्याण, स्कूल शिक्षा, उद्यानिकी, पशुपालन विभाग को साथ लेकर कार्ययोजना बनाई गयी है। इसके अन्तर्गत बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार, खून की कमी का निवारण किया जाएगा। कार्ययोजना में नवाचार के रूप में जिले में प्रोजेक्ट संजीवनी-2 की शुरूआत की गयी है। जिसमें कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर के सुधार के लिए बच्चों को 14 दिवस तक पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती कराया जाएगा।
जिले के कुपोषित बच्चों को दो माह तक पौष्टिक दुग्ध पाउडर एवं पौष्टिक आहार का वितरण एवं लाडली लक्ष्मी योजना की अध्ययनरत बालिकाओं को छात्रवृत्ति का वितरण किया गया। जिले की एक हजार नवीन लाडली लक्ष्मी योजना की बालिकाओं को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। 15 नवनिर्मित आंगनवाड़ी भवनों का लोकार्पण किया गया।