अमर सिंह की वर्दी पर स्टार लगाकर उप वन क्षेत्रपाल से वन क्षेत्रपाल के पद पर पदोन्नति प्रदान करते हुए पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारीगण।
* पीटीआर के पूर्व सुरक्षा श्रमिक ने कलेक्टर से की लिखित शिकायत
* आवेदन के साथ सौंपे दो से अधिक संतान होने के प्रमाणित दस्तावेज
पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश शासन द्वारा जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कई स्तर पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। आमलोगों के लिए परिवार नियोजन को अपनाना जहां पूर्णतः स्वैच्छिक है वहीं लोकसेवकों के लिए कई साल पहले इसे अनिवार्य किया जा चुका है। इसके पीछे मंशा है कि सरकारी अधिकारी-कर्मचारी समाज में आदर्श प्रस्तुत करते हुए छोटा परिवार-सुखी परिवार की राह पर दृढ़ता से चले । इस उद्देश्य को पूरा करने लोकसेवकों के लिए ‘हम दो-हमारे दो’ की सीमा निर्धारित है। राज्य शासन ने इस संबंध में बक़ायदा अधिसूचना जारी कर नियम-शर्तें घोषित कर रखी हैं। नियमानुसार अगर किसी लोकसेवक अथवा किसी उम्मीदवार जिसकी दो से अधिक संतानें जीवित है, जिनमें से एक का जन्म 26 जनवरी 2001 को या फिर उसके बाद हुआ हो वह किसी सेवा/पद पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा। इस नियम को आधार बनाकर पूर्व सुरक्षा श्रमिक ने पन्ना टाइगर रिजर्व (पीटीआर) की पन्ना बफर रेंज के वन क्षेत्रपाल अमर सिंह की सेवा समाप्त करने की मांग की है। इस संबंध में पन्ना कलेक्टर को सप्रमाण आवेदन पत्र देकर रेंजर की चार संतान होने का दावा किया जा रहा है।
हाल ही में उप वन क्षेत्रपाल से वन क्षेत्रपाल के पद पर पदोन्नत हुए अमर सिंह पिछले कुछ समय से लगातार सुर्ख़ियों में बने हैं। फिर चाहे वह पन्ना बफर रेंज अंतर्गत हुई सागौन की अवैध कटाई की जांच के लिए राजधानी भोपाल से राज्य स्तरीय उड़नदस्ता दल का पन्ना आना हो या फिर वन मार्ग निर्माण के लिए कथित तौर पर वन क्षेत्र में मिट्टी-मुरुम का अवैध खनन कर उपयोग करने का मामला रहा हो। मौजूदा पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन के सबसे चहेते और भरोसेमंद माने-जाने रेंजर अमर सिंह गौंड़ अब एक नए मामले में घिरते नजर आ रहे हैं।
अमर सिंह, वन क्षेत्रपाल, परिक्षेत्र पन्ना बफर।
जिले के मड़ला ग्राम निवासी बब्लू यादव ने 25 फरवरी को जनसुनवाई में पन्ना कलेक्टर को आवेदन पत्र देकर रेंजर अमर सिंह के विरुद्ध गंभीर शिकायत की है। आरोप है कि रेंजर साहब अपने परिवार के सदस्यों की सही जानकारी न देकर नियम विरुद्ध तरीके से शासकीय सेवा में बने हुए हैं। शिकायत में बताया गया है कि है मध्य प्रदेश शासन वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ. सी. 03/03/200-03 दिनांक 10 मार्च 2000 के नियमानुसार कोई भी उम्मीदवार जिसकी दो से अधिक जीवित संतानें है, जिनमें से एक का जन्म 26 जनवरी 2001 को या फिर उसके बाद हुआ हो किसी सेवा या नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा। शिकायतकर्ता का दावा है कि, रेंजर अमर सिंह की वर्तमान में 4 जीवित संतान हैं जिसमें 3 का जन्म 26 जनवरी 2001 के बाद हुआ है। अपने दावे की पुष्टि के लिए शिकायतकर्ता ने आवेदन पत्र के साथ रेंजर के परिवार की समग्र आईडी संलग्न की है। उक्त साक्ष्य के आधार पन्ना कलेक्टर से रेंजर के परिवार की सदस्य संख्या की जांच करवाकर सेवा समाप्त करने की मांग की है। साथ ही वन विभाग में कार्यरत इस तरह के अन्य अधिकारी-कर्मचारियों को भी शासकीय सेवा से बर्खास्त करने की मांग उठाई है। आवेदन पत्र की प्रतिलिपि आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) भोपाल और मुख्य वन संरक्षक वृत्त छतरपुर को भेजी है।
पदोन्नति के बाद भी नहीं छोड़ा पन्ना
फाइल फोटो।
वनरक्षक के रूप में पन्ना में पदस्थ हुए अमर सिंह पिछले कई वर्षों से जिले में ही जमे हैं। मजेदार बात यह है कि पन्ना में रहते हुए उन्होंने वनपाल, उप वन क्षेत्रपाल और वन क्षेत्रपाल के पद पर पदोन्नति प्राप्त कर ली लेकिन कभी जिले से बाहर नहीं गए। कुछ समय पहले ही शासन ने अमर सिंह को उप वन क्षेत्रपाल से वन क्षेत्रपाल के पद पर पदोन्नत करते हुए इनकी नवीन पदस्थापना सीधी जिले में करने का आदेश जारी किया था। शासन के आदेश पर पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा जानबूझकर अमल न करने से अमर सिंह पन्ना में ही डटे हुए हैं। बता दें कि, पन्ना पार्क प्रबंधन द्वारा गुरुवार 27 फरवरी को अमर सिंह की वर्दी पर एक-एक और स्टार लगाकर उन्हें वन क्षेत्रपाल के पद पर पदोन्नत किये जाने की औपचारिकता पूरी की गई।
वन क्षेत्रपाल अमर सिंह को पद से पृथक करने के संबंध में पन्ना कलेक्टर को दिए गए आवेदन पत्र की कॉपी।
इसके पूर्व गंगऊ अभ्यारण रेंज के रेंजर गौरव नामदेव का स्थानांतरण कार्य आयोजना ईकाई छतरपुर होने पर पन्ना टाइगर रिजर्व की क्षेत्र संचालक अंजना सुचिता तिर्की द्वारा 22 फरवरी को उनकी भारमुक्ति के संबंध में पत्र जारी किया गया। क्षेत्र संचालक ने श्री नामदेव को निर्देशित किया है कि गंगऊ अभ्यारण परिक्षेत्र (रेंज) का समस्त प्रभार अमर सिंह, प्रभारी परिक्षेत्राधिकारी पन्ना बफर रेंज को सौंपकर अपनी नवीन पदस्थिति कार्य आयोजना ईकाई छतरपुर में देवें। यहां गौर करने वाली बात यह है कि, पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा अमर सिंह को डिप्टी रेंजर रहते हुए दूसरे परिक्षेत्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया।
इनका कहना है-
मेरा जीवन खुली किताब की तरह है मैनें शासन से कभी किसी तरह की कोई भी जानकारी नहीं छुपाई है। जांच होने पर वस्तुस्थिति पूर्णतः स्पष्ट हो जाएगी। पिछले कुछ समय से मुझे सुनियोजित तरीके से परेशान किया जा रहा है। मैं वन अपराधों से समझौता नहीं करता इसलिए कतिपय लोग जो मुझे अपनी राह में सबसे बड़ा रोड़ा मानते हैं वह शिकवा-शिकायतों के जरिए मेरी छवि को धूमिल करने और मुझे बदनाम करने के अभियान में जुटे हैं।
अमर सिंह, परिक्षेत्राधिकारी पन्ना बफर रेंज।
कलेक्टर कार्यालय से शिकायती आवेदन पत्र प्राप्त होने पर जांच कराई जाएगी, जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर नियमानुसार आगे की कार्याही की जाएगी।
अंजना सुचिता तिर्की, क्षेत्र संचालक, पन्ना टाइगर रिजर्व।