मांग : पिछड़ा वर्ग की सामजिक सुरक्षा के लिए ‘बैकवर्ड क्लास एट्रोसिटी प्रिवेंशन एक्ट’ किया जाए लागू

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 ओबीसी महासभा पन्ना ने राज्यपाल के नाम सात सूत्रीय मांगों का सौंपा ज्ञापन

 आईएस संतोष वर्मा की टिप्पणी की गलत व्याख्या के आधार पर न हो कार्रवाई

 ओबीसी आरक्षण से होल्ड समाप्त कर नौकरियों में बहाल किया जाए 27 फीसदी आरक्षण

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) ओबीसी महासभा जिला इकाई पन्ना द्वारा प्रदेश के महत्वपूर्ण मसलों पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की मांग को लेकर शनिवार 13 दिसम्बर को राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम सात सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन पन्ना एसडीएम संजय कुमार नागवंशी को सौंपा गया। पैदल मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंचे ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों की द्वारा जमकर नारेबाजी की गई। ज्ञापन में अन्य पिछड़ा वर्ग को सामाजिक सुरक्षा एवं संवैधानिक संरक्षण प्रदान करने के लिए एससी-एसटी एक्ट की तर्ज पर ‘बैकवर्ड क्लास एट्रोसिटी प्रिवेंशन एक्ट’ लागू करने, आईएस संतोष वर्मा के विरुद्ध किसी दबाव या आंशिक टिप्पणी की गलत व्याख्या के आधार पर कार्रवाई न करने, सरकारी नौकरियों में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण की तत्काल बहाली तथा पन्ना जिले के स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स भर्ती में अवैध वसूली की जांच कराए जाने सहित अन्य मुद्दे शामिल हैं। ओबीसी महासभा की मांगों का आदिवासी और दलित संगठनों ने न सिर्फ पूर्ण समर्थन किया है बल्कि एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए इनके प्रतिनिधि भी ज्ञापन में सम्मलित हुए।
राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन में लेख है कि, देश में संविधान लागू हुए 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति, जनजाति को समान अधिकार, सामजिक सुरक्षा, न्याय तथा सम्मानपूर्वक जीवन जीने हेतु अनेक स्तरों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। समय-समय पर समाज विभाजनकारी शक्तियां सामाजिक सौहार्द एवं संवैधानिक मर्यादाओं को ठेस पहुंचाने का कार्य कर रही है। अतः ओबीसी महासभा, अनुसूचित जाति एवं जनजाति आपसे ज्ञापन के बिंदुओं पर गम्भीरता पूर्वक विचार कर त्वरित कार्रवाई करने की मांग करती हैं।

आईएएस वर्मा के साथ हो न्याय

ज्ञापन लेख है कि, अन्य पिछड़ा वर्ग को सामाजिक सुरक्षा एवं संवैधानिक संरक्षण प्रदान करने हेतु “पिछड़ा वर्ग अत्याचार निरोधक अधिनियम” को लागू किया जाए, जिससे इस वर्ग के सामाजिक, आर्थिक राजनीतिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। आईएएस संतोष वर्मा जी ने अपने समूचे प्रशासनिक जीवन में सामाजिक न्याय, समान अवसर और पिछड़े वर्गों की आवाज़ को मजबूती से उठाने का कार्य किया है। वर्तमान विवाद में उनके वक्तव्य को वास्तविक संदर्भ से हटाकर देखा गया जिससे एक समर्पित अधिकारी की छवि प्रभावित हुई है। ओबीसी महासभा की मांग है कि उनके समग्र सेवा रिकॉर्ड, सामाजिक योगदान और सकारात्मक कार्यों को ध्यान में रखते हुए उन्हें निष्पक्ष सुनवाई व प्राकृतिक न्याय का पूर्ण अवसर प्रदान किया जाए। किसी भी अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई तथ्यों के आधार पर होनी चाहिए, न कि दबाव या आंशिक व्याख्या के आधार पर। ज्ञापन में मांग की गई है कि श्री वर्मा जी को न्याय दिया जाए।

किसानों के साथ वादाखिलाफी बंद करो

ओबीसी महासभा ने मांग की है कि, मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण पर लगे होल्ड को समाप्त कर नौकरियों में 27 फीसदी आरक्षण पुनः लागू किया जाए। अटकी हुई नियुक्ति प्रक्रियाओं को तत्काल प्रारंभ किया जाए। ज्ञापन में सूबे की भाजपा सरकार को उसके चुनावी वादों की याद दिलाते हुए धान की खरीदी 3,100/- (इक्तीस सौ) रुपए और गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी 2,700/- (सत्ताइस सौ) रुपए प्रति क्विंटल की दर से करने की मांग की है। ओबीसी महासभा ने अन्नदाता किसानों के साथ की जा रही वादाखिलाफी तथा अन्य चुनावी घोषणओं पर ईमानदारी से अमल के लिए राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की है। साथ ही मध्यप्रदेश में रिक्त पड़े बैकलॉग (एससी, एसटी, ओबीसी) के लगभग 70 लाख सरकारी पदों पर शीघ्र भर्ती सुनिश्चित करने तथा पन्ना के स्वास्थ्य विभाग आउटसोर्स की भर्तियों में अवैध वसूली, भाई-भतीजावाद की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की पुरजोर मांग की है।

ये रहे शामिल

ओबीसी महासभा जिला अध्यक्ष पन्ना राम भगत कुशवाहा के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में मुख्य रूप से जयस जिला अध्यक्ष मुकेश गौंड़, एडवोकेट शैलेष विश्वकर्मा, सोनेलाल प्रजापति, राजकुमार कुशवाहा, नत्थू यादव, संगीता पटेल, सुनील टाइगर जिला अध्यक्ष भीम आर्मी, देवीदीन कुशवाहा परशुराम पटेल विधानसभा अध्यक्ष ओबीसी महासभा पन्ना नंदकिशोर अहिरवार, बृजेश रैकवार सहित अन्य लोग शामिल रहे।