मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में उपजा सांप्रदायिक तनाव, धार्मिक स्थलों में की गई तोड़फोड़; पुलिस ने दोनों पक्षों के ख़िलाफ़ दर्ज किया मामला

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पन्ना जिले के गुनौर क़स्बा में देव प्रतिमा में हरा रंग पोतने की घटना से आहत एवं आक्रोशित लोगों ने स्थानीय पुलिस थाना का घेराव किया। (फाइल फोटो)

देव प्रतिमा को हरे रंग में रंगने-खंडित करने की घटना के बाद भड़का आक्रोश

समुदाय विशेष के प्रार्थना स्थलों में तोड़फोड़, पवित्र ग्रंथ को फाड़ने का आरोप

पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी गुनौर में जमकर हुआ उपद्रव

कोरोना की निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर जुटी भारी भीड़, देर रात्रि तक चला हंगामा

मौका परस्त उत्पाती तत्वों व नेताओं ने जन भावनाएं भड़का कर फैलाई अराजकता

पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के तहसील मुख्यालय गुनौर में पिछले दो दिनों से जबरदस्त सांप्रदायिक तनाव बरकरार है। अज्ञात शरारती तत्वों ने धार्मिक भावनाओं को आघात पहुंचाने व सौहार्द को बिगाड़ने के मकसद से बीती रात एक देव प्रतिमा को हरे रंग में रंगते हुए उसे खंडित कर दिया। इस घटना से उपजे तनाव-जनाक्रोश को सत्ताधारी दल के कतिपय मौका परस्त नेताओं एवं विभिन्न संगठनों के उपद्रवी तत्वों द्वारा भड़काते हुए समुदाय विशेष के तीन प्रार्थना स्थलों में दिनदहाड़े तोड़फोड़ की गई। साथ ही प्रार्थना स्थल के अंदर रखे पवित्र धार्मिक ग्रन्थ का अपमान कर जमकर उत्पात मचाया गया। गुनौर का माहौल ख़राब कर दो समुदायों के बीच सीधे टकराव की स्थिति निर्मित करने वाली इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को भारी पुलिस बल की तैनाती के दौरान अंजाम दिया गया।
हैरानी की बात है कि उग्र भीड़ के द्वारा प्रार्थना स्थलों में तोड़फोड़ कर बवाल काटने के पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनीं रही। गुनौर क़स्बा में अभी भी तनाव बरक़रार है, जिसके मद्देनज़र वहाँ पिछले 48 घण्टे भारी पुलिस बल तैनात है। छतरपुर रेंज के डीआईजी विवेक राज सिंह व पन्ना पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीना ने गुनौर में डेरा जमाते हुए स्वयं कमान संभाल रखी है। फिलहाल पुलिस अधिकारियों ने गुनौर में स्थिति सामान्य होने का दावा किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात गुनौर क़स्बा के बाहरी इलाके में अर्जुन ताल के समीप स्थित धार्मिक स्थल (चबूतरे) पर विरजमान देव प्रतिमा को अज्ञात शरारती तत्व ने हरे रंग में रंगते हुए धर्म विशेष के शुभांक लिख दिए। इसके अलावा प्रतिमा को खंडित भी कर दिया। सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की सुनियोजित साजिश के तहत की गई इस घटना की खबर आते ही शनिवार 3 जुलाई की सुबह गुनौर सहित क्षेत्रांचल में जबरदस्त तनाव फ़ैल गया। कुछ ही देर में बड़ी संख्या में सत्ताधारी दल एवं विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता अलग-अलग क्षेत्रों से गुनौर पहुँच गए।
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाली इस अप्रत्याशित घटना से आक्रोशित लोगों ने कड़ा विरोध-प्रदर्शन करते हुए स्थानीय बाजार बंद करा दिया। स्थिति तनावपूर्ण होते देख स्थानीय पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकरियों के द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारियों को हालात की जानकारी दी गई। कुछ देर बाद आक्रोशित लोग एकजुट होकर धार्मिक स्थल पर पहुंचे जहां देव प्रतिमा के अपमान को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया गया।
देव प्रतिमा का अपमान कर उसे खंडित करने के विरोध स्वरूप समीप स्थित समुदाय विशेष के धार्मिक स्थल पर समीप जमा उग्र भीड़।
अक्सर इस तरह की संवेदनशील घटनाओं को भड़काकर राजनैतिक माइलेज़ हांसिल करने की फ़िराक में रहने वाले कतिपय असमाजिक तत्वों ने इस मामले में भी हालात को बिगाड़ने में कोई कसार नहीं छोड़ी। विरोध-प्रदर्शन के बीच देव प्रतिमा से थोड़ी ही दूरी पर स्थित समाज विशेष के धार्मिक स्थल पर कुछ उपद्रवियों ने भारी हंगामा करते हुए तोड़फोड़ कर दी। इतना ही नहीं वहाँ कई वर्षों से काबिज एक गरीब की झोपड़ी पर मानसून सीजन में जेसीबी मशीन चलवाकर उसे ध्वस्त करवा दिया।
इस घटनाक्रम के वायरल वीडियो जिनकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई, में झोपड़ी को गिराए जाने के दौरान मौके पर मौजूद भीड़ धार्मिक नारे लगाते हुए समुदाय विशेष के लिए भद्दी टिप्पणी कर रही है। मौके पर मौजूद पुलिस के जवान उपद्रवियों को सख्ती से रोकने के बजाए तमाशबीन की भूमिका में खड़े रहकर उन्हें अघोषित तौर पर मनमानी करने की खुली छूट देते हुए प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से तनाव और दहशत फैलाने के समाज विरोधी अपराध में संलिप्त नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर आए घटना के वीडियो को देखने से स्पष्ट हो जाता है कि पन्ना पुलिस ने इस दौरान अपना फर्ज कितनी ईमानदारी से निभाया ?
बढ़ते तनाव और उपद्रव को देखते हुए शनिवार दोपहर तक गुनौर में भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बीकेएस परिहार ने गुनौर पहुंचकर मोर्चा संभाला। हालांकि, तब तक वहां आक्रोशित लोगों की भारी भीड़ जमा हो चुकी थी। जिससे समाज विशेष के लोग जिनकी संख्या गुनौर में काफी कम है, दहशत में आ गए। कई घण्टों तक चले हंगामे के बीच आक्रोशित लोगों ने स्थानीय पुलिस थाना का घेराव कर दिया। समय रहते स्थिति को संभालने व लोगों को समझाने में पुलिस एवं प्रशासन के नाकाम रहने के कारण गुनौर में शाम के समय एक बार फिर जमकर उपद्रव हुआ।
शनिवार 3 जुलाई को गुनौर में कई घण्टे तक चले पुलिस थाना के घेराव के बीच शाम लगभग 4 बजे प्रदर्शनकारियों की भीड़ में से कुछ लोगों ने नारेबाजी करते हुए बस्ती की तरफ पैदल कूच किया। जहां बस्ती के अंदर स्थित धर्म विशेष के प्रार्थना स्थल पहुंचे इस हुजूम में शामिल दो दर्जन से अधिक उपद्रवियों के द्वारा जबरन अंदर घुसकर तोड़फोड़ की गई। प्रार्थना स्थल में रखे पवित्र धार्मिक ग्रंथ का भी अपमान किया और घोर आपत्तिजनक नारेबाजी की गई। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाली उकसावे की इस तनावपूर्ण घटना की भनक लगने पर पुलिस का अमला अब मौके पर पहुंचा तो उपद्रवियों की भीड़ धार्मिक स्थल से बाहर निकलकर वापस थाना की तरफ चल पड़ी।
गुनौर क़स्बा में समुदाय विशेष के धार्मिक स्थल पर कतिपय उपद्रवियों के द्वारा की गई तोड़फोड़ की घटना की जानकारी लेने पहुंचे डीआईजी छतरपुर।
धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ करने के बाद वापस लौटती भीड़ के वायरल वीडियो में पुलिस के जवान पीछे-पीछे इस तरह आराम से चलते दिख रहे है जैसा कुछ हुआ ही नहीं है। कथित तौर पर पुलिस की यह भूमिका मूकदर्शक सरीकी जान पड़ती है। शान्ति का टापू कहलाने वाले पन्ना जिले के गुनौर क़स्बा में सांप्रदायिक हिंसा को भड़काने की कोशिश करने वाली इन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को भारी पुलिस बल के तैनात रहने और वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी के बीच उपद्रवियों के द्वारा बड़े दुस्साहसिक अंदाज में अंजाम देना कई गंभीर सवाल खड़े करता है।
कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर जिले भर में लागू जनता कर्फ्यू की निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर भारी भीड़ का जुटना और फिर कई घण्टे तक चले बवाल के बाद पुनः धर्म विशेष के दो अन्य प्रार्थना स्थलों में उपद्रवियों के द्वारा खुलेआम तोड़फोड़ करने के दौरान पुलिस बल का आश्चर्यजनक रूप से किंकर्तव्य विमूढ़ बने रहने से इस मामले को लेकर पुलिस और प्रशासन पर दवाब में काम करने के आरोप लग रहे हैं। जिले की कानून व्यवस्था को लेकर गहरी चिंता पैदा करने वाले इस घटनाक्रम के संबंध में जिला प्रशासन का पक्ष जानने के लिए पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्र से संपर्क करने लगातार प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने न तो मोबाइल फोन रिसीव किया और ना ही व्हाट्सएप एवं टेक्स्ट मैसेज का कोई जवाब दिया।
मालूम हो कि लगभग दो वर्ष पूर्व गुनौर क़स्बा में भोपाल निवासी समुदाय विशेष के दो युवकों के साथ पुलिस थाना के समीप मॉब लिंचिंग की घटना को दिनदहाड़े अंजाम दिया गया था। विगत वर्षों में गुनौर क्षेत्र के महेवा, ककरहटी, अमानगंज, मुड़वारी आदि स्थानों पर भी किसी न किसी बहाने से सांप्रदायिक तनाव फैलाने के घृणित प्रयास किए गए हैं। इसके बाद भी गुनौर के मामले में पुलिस और प्रशासन के द्वारा पर्याप्त सतर्कता नहीं बरती गई। दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने की घटनाओं से जिले का नाम तो बदनाम होता ही है, वहीं इसका दुष्प्रभाव अमन-चैन एवं भाईचारा पसंद सर्व समाज के लोगों को लंबे समय तक भुगतना पड़ता है।

पूर्व विधायक ने पुलिस की मौजूदगी में SDM को फटकारा

गुनौर के घटनाक्रम से जुड़े बताए जा रहे अनेकों वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। इन्हीं में से एक वीडियो में गुनौर के पूर्व विधायक राजेश वर्मा भारी भीड़ के बीच SDM सुरेश गुप्ता के रवैये को लेकर बेहद गुस्से में बात करते हुए दिख रहे हैं। भाजपा नेता राजेश, SDM को फटकारते हुए कहते हैं- “गुप्ता जी तुम्हारा बिस्तर यहां बंधा रखा है, ये ध्यान रखना, हम यहां रखकर नहीं छोड़ सकते तुम्हें, हमने आज तक नजर नहीं डाली आपके ऊपर।” उल्लेखनीय है कि एसडीएम को सरेआम धमकी भरे अंदाज में हड़काने के दौरान वीडियो में पुलिस के अधिकारी उनके अगल-बगल में खामोश खड़े नजर आ रहे हैं। पूर्व विधायक के द्वारा बेहद सख्त लहजे में सार्वजनिक तौर पर SDM को जमकर फटकार लगाने पर वहां मौजूद भीड़ ख़ुशी जाहिर करते हुए तालियां बजाती है। अंत में राजेश वर्मा हाथ हिलाकर सबको शांत कराते हैं।

इनका कहना है –

“भारतीय जनता पार्टी के कतिपय नेता और अन्य संगठनों के कुछ लोग माहौल को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। मेरी थाना प्रभारी गुनौर और पुलिस अधीक्षक पन्ना से मोबाइल पर बात हुई थी, मैंने उनसे साफ़ शब्दों में कहा था, शांति और सद्भाव को बिगाड़ने वाले असमाजिक तत्व चाहे जिस भी पक्ष के हों उनके खिलाफ निष्पक्षता के साथ सख्त कार्रवाई की जाए। प्रतिमा को रंगे जाने की घटना एवं उसके बाद की गई तोड़फोड़ अत्यंत ही निंदनीय है। इसकी जानकारी भोपाल में कोंग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को दी गई है। क्षेत्र का जनप्रतिनिधि होने के नाते मैं स्वयं गुनौर जाकर दोनों पक्षों से बात करूंगा और आपसी सद्भाव-विश्वास की बहाली के लिए प्रशासन के साथ मिलकर हर संभव प्रयास किया जाएगा।”

– शिवदयाल बागरी, विधायक, गुनौर विधानसभा क्षेत्र, जिला पन्ना।

“गुनौर में शनिवार शाम से ही स्थिति पूरी तरह सामान्य है, दोनों पक्षों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये गए हैं, जिनके आरोपियों को शीघ्र ही गिरफ्तार किया जाएगा। नगरवासियों को शांति और सौहार्द बनाए रखने की समझाइश दी गई है। शांति व्यवस्था को भंग करने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।”

– धर्मराज मीना, पुलिस अधीक्षक, जिला पन्ना।