
* सुश्री पाटकर प्रभावितों के मुद्दों के निराकरण में सरकार का सहयोग करें
भोपाल। (www.radarnews.in) मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज जारी वक्तव्य में नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता सुश्री मेधा पाटकर को सरदार सरोवर परियोजना के विस्थापितों के पुनर्वास, पुनर्वास कार्यक्रमों में जन-सहभागिता को सुनिश्चित करने, विभिन्न न्यायालयों में लंबित विधिक मुद्दों और पुनर्वास संबंधी कार्यों में गुजरात सरकार से राशि प्राप्त करने संबंधी मुद्दों पर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत कराते हुए अपना अनशन समाप्त करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सुश्री पाटकर अनशन को समाप्त कर डूब प्रभावितों के मुद्दों के निराकरण में राज्य सरकार का सहयोग करे।
कमलनाथ ने कहा कि राज्य सरकार का पूरा प्रयास होगा कि बांध के गेट खोले जाये एवं पूर्ण जल-स्तर तक भराव वर्तमान में स्थगित रखा जाये। मुख्यमंत्री ने सुश्री पाटकर और नर्मदा बचाओ आंदोलन के सभी साथियों को आश्वस्त किया है कि राज्य सरकार डूब प्रभावितों के पूर्ण पुनर्वास के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि डूब प्रभावितों के सभी दावों और मुद्दों का सम्पूर्ण निराकरण नर्मदा घाटी के गाँव-गाँव में शिविर लगाकर किया जायेगा।
म.प्र. के विरोध से गुजरात की मांग हुई अमान्य


कमलनाथ ने कहा है कि सरदार सरोवर बांध में जल भराव किये जाने का कार्यक्रम और निर्णय नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण द्वारा तैयार किया जाता है। यह प्राधिकरण वर्तमान में निष्पक्ष रूप से कार्य नहीं कर रहा है। मध्यप्रदेश शासन स्वयं ही इस वर्ष जल भराव का विरोध कर रहा है जिसके लिये मुख्य सचिव ने इसी वर्ष 27 मई को प्राधिकरण से जल भराव कार्यक्रम के पुनरीक्षण की मांग पर चर्चा हेतु प्राधिकरण की बैठक बुलाने का अनुरोध किया था। प्राधिकरण ने इस अनुरोध को गंभीरता से नहीं लिया और 21 अगस्त को नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण की बैठक रखी और फिर उसे 20 अगस्त को स्वयं ही निरस्त कर दिया। इसके बाद अपर मुख्य सचिव, नर्मदा घाटी विकास विभाग ने भी अध्यक्ष, नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण से नई दिल्ली जाकर इस संबंध में चर्चा की। इस चर्चा में भी वर्तमान में बांध में जल भराव नहीं किये जाने का अनुरोध किया गया है।