* जिले के सीमावर्ती चाँदीपाठी ग्राम का सनसनीखेज़ संतोष केवट हत्याकांड
* नाबालिग संग किये कुकर्म का भंडाफोड़ होने के डर से किया था क़त्ल
* पुलिस ने अंधेकत्ल का खुलासा कर प्रथम दृष्ट्या दो नवयुवकों को बनाया आरोपी
* पीड़ित परिजनों ने एसपी को आवेदन देकर किया दावा वारदात में 5 आरोपी शामिल
पन्ना। (www.radarnews.in) जिले के अजयगढ़ थाना की पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से लगने वाली सीमा के नजदीक स्थित चाँदीपाठी ग्राम में पिछले माह गुद्दा उर्फ़ संतोष केवट 22 वर्ष के अंधेकत्ल की सनसनीखेज वारदात सामने आई थी। जिसके खुलासे ने लोगों को काफी हैरान कर दिया है। पुलिस के अनुसार गुद्दा ने चाँदीपाठी के ही पुष्पेंद्र केवट को एक नाबालिग के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। अपने कुकर्म का भंडाफोड़ होने के डर से पुष्पेंद्र ने दोस्त लालखिलवान केवट के साथ मिलकर गुद्दा उर्फ़ संतोष को पार्टी के बहाने से बुलाकर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी और सबूत मिटाने के लिए शव को नहर में फेंक दिया था।
इस मामले में पुलिस के द्वारा प्रथम दृष्ट्या दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। वर्तमान में दोनों अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में जिला जेल पन्ना में निरुद्ध हैं। अजयगढ़ थाना पुलिस ने नाबालिग लड़की की रिपोर्ट पर पुष्पेन्द्र केवट के विरुद्ध बलात्कार का प्रकरण भी पंजीबद्ध किया है। वहीं मृतक गुद्दा के परिजनों ने विगत दिनों पन्ना में पुलिस अधीक्षक को लिखित आवेदन पत्र सौंपकर बताया, उनके बेटे की नृशंस हत्या करने से लेकर शव को नहर में फेंकने की वारदात को दो नहीं बल्कि पांच आरोपियों ने मिलकर योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया था। पीड़ित परिजनों ने शेष 3 व्यक्तियों को भी हत्या के साक्ष्य मिटाने के मामले में आरोपी बनाकर गिरफ्तार करने की मांग की है।
फोन पर बोला नहर पुल पर हूं, बस घर आता हूं
दिनांक 13 सितंबर 2022 मोटर साइकिल से घर से निकला गुद्दा उर्फ़ संतोष केवट पिता दादू केवट 22 वर्ष रहस्मय परिस्थितियों में लापता हो गया था। परिजनों के पूंछने पर संतोष की पत्नी रचना केवट ने बताया कि वह किसी काम के सिलसिले में करतल जिला बांदा उत्तर प्रदेश जाने की बात कहकर घर से गया था। रात्रि में परिजनों के द्वारा फोन करने पर आखिरी बार हुई बातचीत के दौरान गुद्दा ने बताया था, गांव के नहर पुल के पास आ गया हूँ, बस आता हूँ। लेकिन वह काफी देर तक वापस घर नहीं लौटा। आशंकित पिता दादू केवट ने अपने चचेरे भाई चंद्रपाल, संतोष एवं धन्नी आदि को साथ लेकर रात्रि में ही बेटे की तलाश शुरू की गई। गांव में अन्य जगह खोजबीन करने के बाद जब मध्य रात्रि में नहर पुल के पास जाकर देखा तो शिक्षक रामकुमार केवट, सुरेश व संतोष पिता रामकुमार अपनी मोटर साइकिल में घबराए हुए से दिखे और आवाज देने के बाद भी मौके पर नहीं रुके।