* जिले में प्रतिबंधित मशीनों से खुलेआम किया जा है रेत का खनन और लोडिंग
* रेत ठेकेदार के द्वारा पर्यावरण-खनन एवं श्रम कानूनों की उड़ाई जा रहीं धज्जियां
शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में रेत खदान समूह के ठेके की आड़ में पिछले ढाई माह से अधिक समय से बड़े पैमाने पर रेत की लूट का खेल खुलेआम चल रहा है। सत्ताधारी दल के बड़े नेताओं और जिला प्रशासन के संरक्षण में जारी रेत के अनियंत्रित दोहन के सामने नियम-क़ानून और खनन सम्बंधी अनुबंध की शर्तें बेमानी बन चुकी हैं। इसका दुष्परिणाम अजयगढ़ तहसील क्षेत्र अंतर्गत केन नदी के किनारे स्थित गांवों में पर्यावरण के विनाश और विशेष भौगोलिक संरचना की तबाही-बर्बादी के रूप में जहां साफ़ नजर आ रहा है, वहीं दूसरी तरफ यह अराजकता अब गम्भीर हादसों का सबब भी बन रही है। इसकी कीमत एक निर्दोष युवक को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
बीती रात अजयगढ़ थाना के ग्राम बीरा में रेत के डम्प के समीप कीचड़ में फंसे रेत से लोड एक ट्रक को पोकलेन मशीन की मदद से निकालते समय ऊपर से गुजरी 11 हजार केव्ही की हाईटेंशन विधुत लाइन का तार पोकलेन के बकेट में फंसने से टूटकर ट्रक के क्लीनर के ऊपर गिर गया। इस हृदय विदारक हादसे में करंट की चपेट में आने से गम्भीर रूप से झुलसे जरीफ़ खान पिता शरीफ़ खान 21 वर्ष निवासी ग्राम जमवारा तहसील नरैनी जिला बांदा उत्तरप्रदेश की मौके पर ही मौत हो गई।

कथित तौर पर रेत ठेकेदार रसमीत मल्होत्रा के कर्मचारियों के द्वारा शुरुआत में इस हादसे को दबाने की हर तरह से कोशिश की गई लेकिन पीड़ित पक्ष के सामने इनके तमाम हथकण्डे नहीं चल सके। उधर, मौके की नजाकत देखते हुए बीरा चौकी पुलिस ने उस पोकलेन मशीन को जप्त कर लिया है जिससे हादसा होना बताया जा रहा है। हालांकि फिलहाल पोकलेन मशीन के लापरवाह चालक की गिरफ्तारी नहीं सकी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के जमवारा गांव का जरीफ खान 21 वर्ष ट्रक क्लीनर रूप में काम करता था। शनिवार 22 अगस्त को वह अपने ट्रक के साथ पन्ना जिले के अजयगढ़ तहसील के ग्राम बीरा में रेत ठेकेदार रसमीत मल्होत्रा के डम्प से रेत लोड करने आया था। जहां डम्प में लगी एलएनटी मशीन के द्वारा ट्रक में रेत लोड की गई। रात्रि में करीब 11 रेत से लोड ट्रक जैसे ही अपने गंतव्य के लिए रवाना हुआ कुछ दूर जाकर कीचड़ में फंस गया। रास्ता अवरुद्ध होने के मद्देनजर रेत ठेकेदार के कर्मचारियों के द्वारा कथित तौर डम्प में लगी पोकलेन मशीन को ट्रक को निकालने के लिए भेजा गया। इस कवायद के दौरान पोकलेन चालक की घोर लापरवाही के चलते ऊपर से निकली हाईटेंशन विधुत लाइन का एक तार मशीन के बकेट में फंसने से टूटकर ट्रक के क्लीनर जरीफ खान के ऊपर जा गिरा। इस भयानक हादसे के समय जरीफ ट्रक के नीच खड़ा था। हाई वोल्टेज करंट की चपेट में आने से अत्यंत ही गम्भीर रूप से झुलसे जरीफ खान की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।

हादसे के बाद देर रात उसे अचेत हालत में नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र अजयगढ़ ले जाया गया। जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने जरीफ का परीक्षण करने के उपरांत उसे मृत घोषित कर दिया। हादसे को लेकर यह आमचर्चा है कि रेत ठकेदार के कर्मचारियों के द्वारा इस हादसे को दबाने के हर तरह से कशिश की गई। लेकिन ट्रक के चालक एवं अन्य लोगों ने सच्चाई बयां कर दी। जिससे आक्रोशित मृतक के परिजनों के द्वारा कथित तौर पर मामले में किसी भी तरह की लीपापोती होने की स्थिति में अंजाम भुगतने की चेतावनी दिए जाने पर रेत माफियाओं और पुलिस को भलीभांति यह समझ आ गया कि युवक की मौत के मामले में तथ्यों से छेड़छाड़ कर वास्तविकता को छिपाने की कोशिश तनावपूर्ण स्थिति या बड़े बवाल की वजह बन सकती है। परिणामस्वरूप बीरा चौकी पुलिस ने उस पोकलेन मशीन को आनन-फानन में जप्त कर लिया जिससे यह हादसा हुआ है।
मजदूरों को ठेंगा मशीनों से काम

पन्ना जिले में रेत खदान ठेकेदार रसमीत मल्होत्रा के द्वारा प्रतिबंधित दैत्याकार मशीनों से रेत का खनन कराने के साथ-साथ वाहनों में रेत की लोडिंग का कार्य भी पोकलेन एवं जेसीबी मशीनों से खुलेआम कराया जा रहा है। जबकि रेत खदान के लिए निष्पादित किए गए अनुबंध की शर्तों में श्रमिकों से खनन एवं लोडिंग कराने का स्पष्ट उल्लेख है। रेत ठेकेदार के द्वारा अनुबंध शर्तों का उल्लंघन करते हुए श्रमिकों के हक़ और रोजगार को पोकलेन मशीनों से रौंदा जा रहा है। विडंबना यह है कि रेत की लूट और गरीब श्रमिकों के हितों से समझौते का यह खेल प्रदेश के खनिज साधन एवं श्रम विभाग के मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह के अपने निर्वाचन क्षेत्र और गृह जिले पन्ना में चल रहा है।
जबकि कोरोना वायरस महामारी के चलते महानगरों से वापस लौटने को मजबूर हुए जिले हजारों श्रमिकों को इस मुश्किल समय में अपने गुजारे के लिए रोजगार की सबसे ज्यादा जरुरत है। आपदा की इस घड़ी में गरीब श्रमिकों के घर का चूल्हा जलता रहे, उन्हें भूखा न सोना पड़े इसके लिए शासन-प्रशासन के द्वारा उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। लेकिन निहित स्वार्थपूर्ति में जुटे अधिकारी पन्ना में रेत ठेकेदार से श्रमिकों को रोजगार दिलाने में जानबूझकर अनदेखी कर रहे हैं। पिछले ढाई माह से पन्ना के अजयगढ़ क्षेत्र में जिस ताबड़तोड़ अंदाज में मशीनों से रेत का खनन एवं लोडिंग का काम चल रहा है, यदि मशीनों पर सख्ती से प्रतिबंध लगाते हुए इन्हें जप्त कर लिया जाए तो सैंकड़ों श्रमिकों को आसनी से रोजगार मिल सकता है।
खेतों में चल रही दर्जनों अवैध रेत खदानें

पन्ना में रेत खदान ठेकेदार रसमीत मल्होत्रा सत्तासीनों और प्रशासन का खुला संरक्षण प्राप्त करके रेत माफिया बन चुका है ! इसने अजयगढ़ क्षेत्र की केन नदी में स्थित जिन चंद रेत खदानों में खनन के लिए अनुबंध किया है उनमें रेत न होने की स्थिति में इस अनुबंध की आड़ लेकर रेत के लिए खुलेआम लूट मचा रखी है। माह जून 2020 के पहले सप्ताह से ही बीरा, रामनई, जिगनी, बरौली, चंदौरा, भानपुर आदि ग्रामों में लगभग दो दर्जन से अधिक प्वाइंट पर आधा सैंकड़ा दैत्याकार मशीनों से रातदिन खनन कर पूर्णतः अवैध तरीके से रेत निकाली जा रही है। रेत की अधिकांशतः अवैध खदानें स्थानीय किसानों के खेतों में चल रहीं है। जिनसे रेत के खनन के लिए अनुबंध किए जाने की बात सामने आ रही है। इसके अलावा रामनई, बरौली और बीरा ग्राम में शासकीय गोचर भूमि को रेत के लिए बेदर्दी से खोखला किया गया है। पन्ना में वर्तमान में जारी रेत की संगठित लूटपाट ने शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल और कमलनाथ सरकार के अल्प कार्यकाल में हुई लूट को भी काफी पीछे छोड़ दिया है।
जिम्मेदारों की अनदेखी से प्रभावितों में आक्रोश
