
* विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर ब्रह्माकुमारीज़ संस्था ने निकाली जागरूकता रैली
* “नशे को कहें न जीवन को कहें हां” – ब्रह्माकुमारी सीता बहनजी
शादिक खान, पन्ना। (www.radanews.in) हर साल 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को तम्बाकू के सेवन से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के प्रति जागरूक करना और दुनिया भर में तम्बाकू के इस्तेमाल को कम या बंद करना है। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर आज मध्य प्रदेश के पन्ना नगर में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में व्यसन मुक्त जीवन पर केंद्रित जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ब्रह्माकुमारी सीता बहनजी ने बताया कि व्यसन पतन का कारण है, यह व्यक्ति को दिशाहीन बना देता है। तदुपरांत ब्रह्माकुमारी संस्था के द्वारा नगर में तम्बाकू निषेध का सन्देश देने जन जागरण रैली निकाली गई। रैली में आगे चल रहे रथ में लगे एक पोस्टर में तम्बाकू, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट और शराब के सेवन करने वालों की सेहत पर पड़ने वाले ख़तरनाक प्रभाव को अलग-अलग चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया था। साथ ही रैली में शामिल भाई-बहन अपने हाथों में तख्तियां लेकर चल रहे थे जिनमें मन-मस्तिष्क को झकझोर देने वाले नारे लिखे थे। व्यसन (नशा) मुक्त जीवन का सन्देश देती यह रैली नगर के जिस भी मार्ग से गुजरी तेज धूप-उमस के बीच राहगीर सड़क किनारे कुछ देर रुककर इसे गौर से निहारते रहे।
नशा तन-मन-धन से बना देता है कमज़ोर


बहनजी ने चित्रों के माध्यम से व्यसन सेवन से पड़ने वाले दुष्प्रभाव के संबंध में सरलता के साथ विस्तार से समझाया। और व्यसन मुक्त जीवन जीने के लिए अनेक उपाय भी बताए। आपने कहा कि, कोई भी कार्य शुरू करने से पहले हमारी इच्छा शक्ति, आत्मबल, आत्मविश्वास का सबसे बड़ा योगदान होता है। जिस दिन आपने दिल से मन बना लिया कि, मुझे तम्बाकू छोड़ना है, दुनिया की कोई ताकत नहीं जो आपको रोक सके। जरूरत है तो सिर्फ बुलंद इरादे और मजबूत इच्छा शक्ति की। इसमें राजयोग मेडिटेशन आपके लिए संजीवनी बूटी का काम कर सकता है। राजयोग मेडिटेशन के अभ्यास से हमारेे विचारों में सकारात्मकता आती है। मन शक्तिशाली बनता है और आत्मविश्वास पैदा होता है। जैसे-जैसे राजयोग ध्यान का अभ्यास बढ़ता जाता है तो हमारा आत्मबल भी बढ़ने लगता है। इससे किसी भी कार्य को करने की दृढ़ इच्छा शक्ति हमारे अंदर स्वतः ही आ जाती है। आज एक नहीं बल्कि हजारों ऐसे उदाहरण हैं, जो लोग नशे में डूबे रहते थे, दिन-रात शराब की लत में लिप्त थे, ऐसे नौजवान आज राजयोगी जीवनशैली के साथ आनंदमय जीवन जी रहे हैं। अगर आप भी आनंद को प्राप्त करना चाहते हैं तो नशे को न और जीवन को हां कहना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने व्यसन मुक्त होने की प्रतिज्ञा ली।

