
* भगवती मानव कल्याण संगठन के कार्यकर्ताओं ने रैपुरा में पकड़ा था शराब से लोड पिकअप वाहन
* कार्यकर्ताओं का आरोप शराब परिवहन परमिट और शराब पेटियों में अंकित बैच नंबर में पाई गई भिन्नता
* जिला आबकारी अधिकारी पन्ना का दावा पिकअप में नियमानुसार ड्यूटी पैड शराब का हो रहा था परिवहन
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में शराब की अवैध बिक्री एवं तस्करी के मामले हर दिन सामने आने से जमकर बवाल मच रहा है। मौजूदा आबकारी ठेकेदार द्वारा गांव-गांव संचालित की जा रहीं शराब की अवैध दुकानों में शराब की बेरोकटोक डिलेवरी होने से आक्रोशित ग्रामीण आंदोलित हो रहे हैं। तेज़ी से फलफूल रहे शराब के अवैध कारोबार पर जिला प्रशासन के द्वारा प्रभावी रोक न लगाने के कारण ग्रामीणों एवं नशा मुक्ति आंदोलन चलाने वाले संगठन के कार्यकर्ताओं को मज़बूरी में आगे आना पड़ रहा है। आमजन के द्वारा पकड़ी जाने वाली अवैध शराब के मामलों में कार्यवाही को लेकर आबकारी और पुलिस महकमे की ढुलमुल रवैये के कारण तनावपूर्ण स्थिति निर्मित हो रही है। जिले के अजयगढ़ थाना अंतर्गत देवरा भापतपुर गांव के बाद अब रैपुरा क़स्बा में ऐसा ही मामला सामने आया है। सोमवार शाम भगवती मानव कल्याण संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा अवैध शराब से लोड पिकअप वाहन पकड़ने के मामले में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध न होने से जमकर हंगामा बरपा है। ठोस कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े भगवती मानव कल्याण संगठन के कार्यकर्ता रैपुरा थाना के बाहर पिछले 29 घंटे से अनवरत धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं। समाचार लिखे जाने तक उनका आंदोलन जारी था।
जिले के दूरस्थ क़स्बा रैपुरा में सोमवार 11 जुलाई 2025 की शाम लगभग 6 बजे भगवती मानव कल्याण संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा सफ़ेद रंग के एक पिकअप वाहन को पकड़ा गया। जिसमें 121 पेटी शराब लोड थी। वाहन के चालक व हेल्पर के पास उपलब्ध परिवहन परमिट अनुसार कथित तौर पर मोहन्द्रा से बघवारकला दुकान के लिए शराब का परिवहन किया जाना था। लेकिन पिकअप वाहन को अवैध तरीके से रैपुरा लाया गया। भगवती मानव कल्याण संगठन के कार्यकर्ता कार्यवाही कराने पिकअप को स्थानीय पुलिस थाना ले गए। जहां थाना प्रभारी से आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने की मांग की गई। कथित तौर पर थाना प्रभारी ने शराब की मात्रा अधिक होने का हवाला देते हुए कार्रवाई को लेकर आबकारी विभाग से सम्पर्क करने का सुझाव दिया।
अवैध शराब पकड़ने की सूचना मिलने पर सोमवार मध्य रात्रि में क्षेत्र के आबकारी निरीक्षक हरीश पांडेय रैपुरा पहुंचे। इस दौरान जब उनकी मौजूदगी में शराब परिवहन परमिट में दर्ज बैच नम्बर एवं शराब की पेटियों-बोतलों में अंकित बैच नंबर की जांच की गई तो दोनों में कथित भिन्नता पाई गई। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि, बैच नंबर में भिन्नता पाए जाने पर प्रथम दृष्टया अवैध शराब का मामला प्रतीत होने के बाद भी आबकारी निरीक्षक ने आबकारी एक्ट की धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया। नियमानुसार कार्यवाही न होने आक्रोशित भगवती मानव कल्याण संगठन के कार्यकर्ता पूरी रात और मंगलवार 12 अगस्त को रात्रि 11 बजे तक रैपुरा थाना के बाहर धरना-प्रदर्शन करते रहे। स्थानीय पुलिस बल द्वारा उन्हें थाना परिसर को खाली करने के लिए धमकाया गया जिसके चलते कई बार पुलिस से उनकी नोंकझोक भी हुई। कार्यकर्ताओं ने दो टूक शब्दों में स्पष्ट कर दिया जब तक प्रकरण पंजीबद्ध करने की न्यायोचित मांग पूरी नहीं होती वे थाना परिसर में ही डटे रहेंगे।
